प्रेग्नेंसी हर महिला के लिए थोड़ी मुश्किल लेकिन एक खूबसूरत जर्नी होती है। प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं के शरीर में तेजी से बदलाव होते हैं। इन बदलावों मॉनिटरिंग करना बहुत जरूरी माना जाता है। प्रेग्नेंसी के दौरान गर्भ में पलने वाले भ्रूण का विकास सही तरीके से हो रहा है या नहीं, उसे किसी बीमारी का खतरा तो नहीं है इसके लिए कई तरह के टेस्ट और स्क्रीनिंग करवाई जाती है। प्रेग्नेंसी की जब बात आती है तो आयरन और यूरिन टेस्ट को सबसे ज्यादा महत्वपूर्ण माना जाता है, लेकिन प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट का जिक्र शायद ही कहीं होता है। प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट के कारण न सिर्फ मां की सेहत पर असर पड़ता है, बल्कि भ्रूण के विकास में भी रुकावट आती है। आज इस लेख में हम जानेंगे प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट क्या है और प्रेगनेंसी के दौरान इसकी जरूरत क्यों है?
क्या है प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट?
नई दिल्ली स्थित इंद्रप्रस्थ अपोलो अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट डॉ. सुरनजीत चटर्जी का कहना है कि प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट प्रेगनेंसी के शुरुआती दिनों में किया जाता है। इस टेस्ट के जरिए उन बीमारियों और संक्रमणों की जांच की जाती है, जो गर्भवती महिला और उसके अजन्मे बच्चे के स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकते हैं। इसके जरिए हेपेटाइटिस बी, एचआईवी, सिफलिस और रूबेला जैसी संक्रामक बीमारियों का परीक्षण किया जाता है। टेस्ट के दौरान अगर किसी प्रेग्नेंट महिला में इन बीमारियों के संकेत मिलते हैं, तो इलाज शुरू किया जाता है। एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी की पहली तिमाही में अगर प्रीनेटल इंफेक्शन टेस्ट नहीं करवाया जाता है, तो गर्भ में पलने वाले शिशु की परेशानियां बढ़ सकती है। ऐसे में शिशु के विकास में देरी, अंधापन, बहरापन और गर्भ में ही बच्चे की मौत भी हो सकती है। एक्सपर्ट की मानें तो प्रेग्नेंसी में किसी तरह का इंफेक्शन न हो इसके लिए बचाव जरूरी है।
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एक्सपर्ट का कहना है कि यह टेस्ट ज्यादातर तब किए जाते हैं, जब किसी महिला को हाई रिस्क प्रेग्नेंसी, बार-बार गर्भपात या अल्ट्रासाउंड स्कैन में भ्रूण में किसी तरह की समस्या नजर आती है।
प्रेगनेंसी में इंफेक्शन से बचने के तरीके- Tips to avoid infection during pregnancy
हेल्थ एक्सपर्ट का कहना है कि प्रेग्नेंसी के दौरान महिलाओं को ज्यादा यात्रा करने से बचना चाहिए। जिन क्षेत्रों में स्किन और वायरल का इंफेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है वहां जानें से बचें।
प्रेगनेंसी में एचआईवी इनफेक्शन वर्टिकल ट्रांसमिशन का खतरा ज्यादा होता है, इससे बचाव के टिप्स के लिए डॉक्टर से बात करें।
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नोटः प्रेग्नेंसी के दौरान किसी भी तरह का टेस्ट या दवाओं का सेवन बिना किसी डॉक्टरी सलाह के न करें। हर महिला की सेहत अलग होती है और गर्भ का विकास भी उसी के आधार पर होता है। ऐसे में डॉक्टर आपके अल्ट्रासाउंड और अन्य मेडिकल टेस्ट के आधार पर जानकारी दे पाएंगे।
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With Inputs: Dr. Suranjit Chatterjee , Senior Consultant , Internal Medicine , Indraprastha Apollo Hospitals , New Delhi