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गर्भनाल हर्निया क्यों होता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय

Umbilical Hernia Causes And Prevention- छिंकने या एक्सरसाइज के दौरान पेट पर दबाव पड़ने से प्रेशर बढ़ सकता है, जो गर्भनाल हर्निया का कारण बन सकता है। 
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गर्भनाल हर्निया क्यों होता है? जानें इसके कारण और बचाव के उपाय


Umbilical Hernia Causes And Prevention- नवजात बच्चों की नाभि अक्सर थोड़ी बड़ी, उभरी हुई और मोटी नजर आती है। 2 से 3 हफ्ते तक के बच्चों में यह समस्या काफी आम है, जो धीरे-धीरे अपने आप सही हो जाती है। लेकिन अगर किसी बड़े व्यक्ति की नाभि अचानक से बड़ी, फूली और उभरी हुई नजर आने लगे तो यह गंभीर स्वास्थ्य समस्या का कारण बन सकता है। दरअसल नाभि का फूलना अम्बिलिकल हर्निया बीमारी का कारण हो सकता है। प्रेग्नेंट महिलाओं को हर्निया होने का खतरा सबसे ज्यादा होता है, जो उनके पेट और कमर की मांसपेशियों को बुरी तरह प्रभावित कर सकता है। ऐसे में आइए डायस्टैसिस रेक्टिफिकेशन कोच ईशाव मेहता लांबा से जानते हैं गर्भनाल हर्निया (Umbilical Hernia) होने का कारण और बचाव के उपायों के बारे में। 

गर्भनाल हर्निया होने का क्या कारण है? - What is The Main Cause Of Umbilical Hernia in Hindi?

डायस्टैसिस रेक्टिफिकेशन कोच ईशाव मेहता लांबा के अनुसार अगर आपकी नाभि फूली या कुछ अलग तरह की दिखने लगे तो समझ जाए कि आपके पेट के अंदर का दबाव ठीक तरह से प्रबंधित नहीं हो रहा है। हमारा शरीर हमारी रीढ़ की हड्डी की सुरक्षा के लिए दबाव पैदा करता है और अगर आप इस प्रेशर को सही तरह से मैनेज नहीं कर पाते हैं शरीर को हिलाने या घूमाने के दौरान, कुछ उठाने के दौरान, हंसने, छिंकने, खांसने और शारीरिक गतिविधियों के दौरान तो इसे संभालना हमारे कोर सिस्टम के लिए बहुत मुश्किल हो जाता है। एक पोस्टपार्टम शरीर पर हर्निया, डोमिंग, पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स जैसी समस्याएं होना आम हो जाती हैं क्योंकि यह सभी समस्याएं पेट के अंदर प्रेशर से जुड़ी हुई हैं। 

इसे भी पढ़ें- हर्निया की सर्जरी के बाद इन 5 तरीके से करें अपनी लाइफस्टाइल मैनेज, तेजी से होगी रिकवरी

गर्भनाल हर्निया से बचाव के उपाय - How To Avoid Umbilical Hernia in Hindi?

  • उथली या हल्की सांस लेना बंद करें और डायाफ्रामिक (सांस लेने की एक तकनीक) सांस लेने पर ध्यान केंद्रित करें। सही सांस लेने की तकनीक सीखने से शरीर को सभी मुख्य मांसपेशियों का एक साथ उपयोग करने में मदद मिलती है और हर्निया की समस्या से बचा जा सकता है। 
  • पूरे दिन झुककर बैठने से पसलियों से नीचे पेट और पेल्विक फ्लोर पर बहुत ज्यादा दबाव पड़ता है, जिसके कारण आपको पेट से जुड़ी समस्या हो सकती हैं और खांसने, छींकने आदि के दौरान पेशाब का रिसाव बढ़ जाता है। इसलिए आप अपने बैठने का पोश्चर ठीक रखने की कोशिश करें। 
  • टाइट जींस या अन्य कपड़े पहनने के कारण या फिर तस्वीरें खींचवाते समय पेट अंदर करने के लिए हम सभी अपने पेट को अंदर की ओर दबाते हैं, जो आपके पेट पर अतिरिक्त प्रेशर को बढ़ाता है, जिससे गर्भनाल हर्निया होने की संभावना बढ़ जाती है। 

 

 

 

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  • कब्ज की समस्या को होने या बढ़ने से रोकने की कोशिश करें क्योंकि कब्ज के कारण भी आपके पेट पर प्रेशर पड़ता है, जो पेल्विक ऑर्गन प्रोलैप्स या गर्भनाल हर्निया की समस्या का कारण बन सकता है। 

Image Credit- Freepik 

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