Side Effects Of Sleeping With Earbuds: चाहे युवा हो, बच्चे हों या वयस्क। आजकल हर कोई सोते समय अपने हाथ में मोबाइल फोन रखता है। कुछ वीडियो या ओटीटी में रिलीज हुई कुछ फिल्में देखते हुए सो जाते हैं। अगर आप ऐसा कभी-कभार करते हैं, तो इसमें कोई बुराई नहीं है। लेकिन, जैसा कि शुरू में ही बताया गया है कि ज्यादातर लोग इसी तरह सोते हैं, इस कारण न सिर्फ स्लीपिंग पैटर्न प्रभावित हो रहा है, बल्कि कान से जुड़ी कई परेशानियां भी देखने को मिल रही हैं। खासकर, जो लोग कान में ईयरबड्स लगाकर गाने सुनते या फिल्में देखते हैं, उन्हें ज्यादा गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इस संबंध में हमने शारदा हॉस्पिटल में डिपार्टमेंट ऑफ ईएनटी के हेड एंड सीनियर कंसलटेंट डॉ. रोहित सक्सेना से बातचीत की।
सुनने की क्षमता खो देना
अगर कोई व्यक्ति पूरी रात कानों में ईयरबड्स लगाकर गाने सुनता है और उसकी वॉल्यूम बहुत तेज है, तो इससे सुनने की क्षमता पर बहुत बुरा असर पड़ता है। विशेषकर, जब कोई रोजाना ऐसा करता है, तो एक समय बाद कानों में दर्द की समस्या शुरू हो सकती है, जो धीरे-धीरे पूरी तरह सुनने की क्षमता को खत्म कर सकती है।
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कानों में बीप की आवाज आना
ज्यादातर लोग गैजेट्स का घंटों इस्तेमाल करते हैं। लेकिन, उससे होने वाले नुकसानों के बारे में नहीं जानते हैं। ईयरबड्स या ईयरफोन के साथ ऐसा ही है। ज्यादातर लोग घर बाहर निकलते हुए, सफर के दौरान ईयरबड्स के जरिए गाने सुनना या फिल्में देखना पसंद करते हैं। यह प्रक्रिया रोजाना दोहराई जाती है। कानों में ईयरबड्स होने के कारण, कानों में ब्लड फ्लो प्रभावित होता है और इसमें एक किस्म का स्ट्रेस पैदा हो जाता है। अगर बीच-बीच में कानों को ईयरबड्स से गैप नहीं दिया गया, तो एक समय के बाद कानों में लंबी बीप की आवाज सुनाई दे सकती है। आपको बता दें, इस स्थिति को टिनिटस कहा जाता है, जिसका कोई स्थाई इलाज नहीं है।
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कानों में वैक्स का जमना
कानों में वैक्स बनना एक प्राकृतिक प्रकिया है। कानों में मौजूद वैक्स, कानों को बाहरी गंदगी और कीड़े-मकोड़े से बचाने के काम आते हैं। यहां तक कि वैक्स की मदद से कान के अंदर नमी भी नहीं बनती, जिससे ईयरड्रम सुरक्षित रहते हैं। वहीं, अगर कोई व्यक्ति लंबे समय तक ईयरबड्स पहनता है, तो इससे कानों की वैक्स अंदर की ओर खिसक सकती है, जो कि कान के लिए सही नहीं है। इस वजह से कानों में घंटियों की आवाज सुनाई दे सकती है, खुजली और सूखेपन की समस्या भी हो सकती है।
कानों में बैक्टीरिया ग्रो कर सकते हैं
आमतौर पर, जो लोग रेगुलर स्विमिंग करते हैं, उनके कानों में बैक्टीरिया बनने की समस्या ज्यादा देखने को मिलती है। ऐसा इसलिए, क्योंकि स्विमिंग के दौरान उनके कानों में पानी चला जाता है और समय पर कानों में मौजूद नमी को साफ न किया जाए और वहां हवा की आवाजाही बंद हो जाए, तो नमी के कारण बैक्टीरिया जन्म ले सकते हैं। इस तरह की स्थिति को स्वीमर्स ईयर के नाम से जाना जाता है। वहीं, अगर कोई व्यक्ति स्विमिंग के बाद कानों को साफ किए बिना ही ईयरबड्स पहन लेता है और लंबे समय तक उसे नहीं उतारता, तब भी बैक्टीरिया के जन्म लेने का रिस्क बढ़ जाता है। ऐसे में उसके कानों में दर्द, संक्रमण और कान का लाल होने जैसी समस्याएं हो सकती हैं।
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