Connection Between Vitamin E And Fatty Liver Reversal In Hindi: फैटी लिवर, जिसे हम नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर के नाम से भी जानते हैं। यह एक गंभीर समस्या है। नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ हेल्थ की मानें, तो इस समय में भारत में 30 फीसदी से अधिक वयस्क फैटी लिवर से परेशान हैं। सवाल है फैटी लिवर की समस्या क्यों बढ़ रही है? विशेषज्ञों के अनुसार इसके पीछे कई कारण जिम्मेदार हैं, जैसे मोटापा, हाई कोलेस्ट्रॉल, प्रीडायबिटीज, डायबिटीज और अचानक वजन का कम हो जाना। यहां तक कि कुछ दवाइयां भी फैटी लिवर होने का कारण बनती हैं। फैटी लिवर के कारण कई अन्य गंभीर समस्याएं हो सकती हैं, जिसमें लिवर कैंसर भी शामिल है। ऐसे में यह जान लेना बहुत जरूरी है कि आखिर फैटी लिवर की समस्या को कैसे कम किया जा सकता है? कुछ रिपोर्टों की मानें, तो फैटी लिवर को कम करने के लिए विटामिन-ई बहुत ही उपयोगी साबित होता है। आखिर फैटी लिवर को विटामिन-ई से कैसे दूर किया जा सकता है और इनका आपस में क्या कनेक्शन है? जानिए, Divya Gandhi's Diet & Nutrition Clinic की डाइटिशियन और न्यूट्रिशनिस्ट दिव्या गांधी से।
फैटी लिवर को रिवर्स करने में विटामिन ई किस तरह फायदेमंद है?- Connection Between Vitamin E And Fatty Liver Reversal In Hindi
विटामिन-ई एक फैट सॉल्यूबल एंटीऑक्सीडेंट है, जो कि सेल्स को ऑक्सीडेटिव स्ट्रेस से बचाता है। वैसे तो विटामिन-ई कई रूपों में पाया जाता है, लेकिन अल्फा-टोकोफेरॉल जैविक रूप से सक्रिय है। बहरहाल, सवाल यह है कि आखिर फैटी लिवर को रिवर्स करने में विटामिन-ई उपयोगी कैसे है? कुछ क्लीनिक स्टडीज से इस बात की पुष्टि होती है कि फैटी लिवर की समस्या को दूर करने के लिए विटामिन-ई फायदेमंद साबित होता है। न्यू इंग्लैंड जरनल में प्रकाशित एक अध्ययन की मानें, तो नॉन एल्कोहॉलिक फैटी लिवर से पीड़ित लोगों में विटामिन-ई सप्लीमेंटेशन काफी कारगर तरीके से काम करता है। फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्ति जब विटामिन-ई सप्लीमेंट लेता है, तो इससे लिवर के आसपास जमा फैट कम होती है, लिवर की सूजन दूर होती है और लिवर सेल्स की क्षति में कमी आती है।
इसे भी पढ़ें: किस विटामिन की कमी से लिवर खराब होता है? जानें बचाव के टिप्स
विटामिन-ई फैटी लिवर को कैसे प्रभावित करता है?- How Does Vitamin E Impact Fatty Liver Disease In Hindi
ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करे
नॉन एल्कोहॉलिक फैटी को लिवर को ऑक्सीडेटिव तनाव से जोड़कर देखा जाता है। जब लिवर में एक्स्ट्रा फैट जमा होता है, तो इसकी वजह से हानिकाकर मुक्त कणों का प्रोडक्शन बढ़ने लगता है। इसेस लिवर के सेल्स मेंब्रेन डैमेज होने लगते हैं और लिवर में सूजन आ जाती है। वहीं, अगर फैटी लिवर का मरीज विटामिन-ई के सप्लीमेंट लेता है, तो इसमें मौजूद एंटीऑक्सीडेंट प्रॉपर्टी मुक्त कणों से छुटकारा दिलाती है और लिवर सेल्स को डैमेज होने से रोकती है।
इसे भी पढ़ें: फैटी लिवर की समस्या होने पर करें ये 6 काम, जल्द रिकवरी में मिलेगी मदद
सूजन को कम करना
फैटी लिवर होने पर इसमें सूजन आ जाती है। वहीं, अगर इस स्थिति में विटामिन-ई लिया जाए, तो इससे सूजन में कमी आती है, जिससे 'ट्यूमर नेक्रोसिस फैक्टर-अल्फा' और 'इंटरल्यूकिन-6' जैसे सूजन के स्तर में कम हो जाता है। इससे लिवर के हेल्दी रहने की संभावना बढ़ जाती है।
लिपिड मेटाबॉलिज्म बेहतर होता है
लिवर में फैट बढ़ने के कारण लिपिड मेटाबॉलिज्म का संतुलन बिगड़ जाता है। शोध से पता चलता है कि विटामिन ई लिपिड पेरोक्सीडेशन को कम करके मेटाबॉलिज्म में सुधार करता है। लिपिड पेरोक्सीडेशन एक ऐसी प्रक्रिया है, जो लिवर डिस्फंक्शन के लिए जिम्मेदार होता है।
फैटी लिवर होने पर विटामिन-ई का डोज- Vitamin E Dose
आमतौर जिन लोगों को फैटी लिवर होता है, उन्हें 800 IU/day की डोज परामर्श की जाती है। हालांकि, यह डोज हर व्यक्ति की शारीरिक स्थिति से तय होती है। ऐसे में बहुत जरूरी है कि फैटी लिवर से पीड़ित व्यक्ति इस संदर्भ में डॉक्टर से मिले और कितना विटामिन-ई लेना है, इस संबंध में सटीक जानकारी हासिल करे।
फैटी लिवर से पाने के लिए विटामिन-ई के स्रोत- How To Incorporate Vitamin E In Hindi
वैसे तो अपनी डाइट में हेल्दी चीजों को शामिल करके आप फैटी लिवर की समस्या को दूर कर सकते हैं। इसके अलावा, अनहेल्दी आदतों को छोड़ना भी इसमें अहम भूमिका निभाता है। विटामिन-ई के स्रोतों की बात करें, तो इसके लिए आपको बादाम, सूरजमुखी के बीज, पालक, एवोकाडो जैसी चीजों को अपनी डाइट में शामिल करना चाहिए। इसके अलावा, डॉक्टर की सलाह पर पोषक तत्वों की कमी को पूरा करने के लिए विटामिन-ई सप्लीमेंट लिए जा सकते हैं।
एक्सपर्ट की सलाह- Expert Suggestions
फैटी लिवर एक गंभीर समस्या है। इस तरह की परेशानी होने पर सिर्फ डाइट पर निर्भर रहना सही नहीं है। आपको चाहिए कि प्रॉपर ट्रीटमेंट लें। हां, जीवनशैली में कुछ सुधार आवश्यक हो जाते हैं, जैसे डाइट में हेल्दी विकल्पों को चुनें, नियमित रूप से एक्सरसाइज करें, जिसमें स्ट्रेंथ ट्रेनिंग और एरोबिक मुख्य रूप से शामिल से किए जाने चाहिए। वहीं, लाइफस्टाइल की कुछ बुरी आदतों को भी छोड़ना चाहिए, जैसे शराब का सेवन न करें, वजन बढ़ने न दें और सक्रिय जीवनशैली अपनाएं।
All Image Credit: Freepik