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हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच क्या कनेक्शन होता है? डॉक्टर से जानें

खानपान में हुए बदलावों की वजह से लोगों को हाइपरग्लाइसीमिया का जोखिम रहता है। इस लेख जानते हें कि हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच क्या संबंध होता है?
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हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच क्या कनेक्शन होता है? डॉक्टर से जानें


बीते कुछ वर्षों से लोगों में डायबिटीज और ब्लड प्रेशर से जुड़ी समस्याओं के मामलों में बढ़ोतरी देखने को मिली है। दरअसल, एक्सपर्ट्स बताते हैं कि यह दोनों ही समस्याएं काफी हद तक आपकी जीवनशैली से जुड़ी होती हैं। डायबिटीज एक ऐसी बीमारी है जो शरीर में शुगर के स्तर को नियंत्रित करने की नेचुरल क्षमता को प्रभावित करती है। वहीं, हाइपरग्लाइसीमिया में व्यक्ति के शरीर में शुगर का स्तर तेजी से बढ़ जाता है। कई बार यह स्थिति डायबिटीज के बिना भी हो सकती है। हालांकि एक्सपर्ट्स बताते हैं कि हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच में सामान्य तौर पर कनेक्शन होता है। क्योंकि ब्लड में शुगर लेवल बढ़ने के कारण व्यक्ति को डायबिटीज होती है। अगर, शुगर लेवल को नियंत्रित न किया जाए तो यह कई अन्य तरह की समस्या का कारण बन सकता है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के सीनियर कंसल्टेंट इंटरनल मेडिसिन डॉ एपी सिंह से जानते हैं कि हाइपरग्लाइसीमिया क्या है, इसके कारण, लक्षण और डायबिटीज़ से इसका सीधा संबंध क्या है।

हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज क्या होता है?

हाइपरग्लाइसीमिया एक ऐसी स्थिति है जिसमें खून में ग्लूकोज का स्तर सामान्य से अधिक हो जाता है। आमतौर पर भोजन के पहले फास्टिंग ब्लड शुगर का सामान्य स्तर 70–100 mg/dL और भोजन के दो घंटे बाद 140 mg/dL तक पहुंच जाता है। यदि यह स्तर इससे अधिक होता है, तो इसे हाइपरग्लाइसीमिया माना जाता है। वहीं, डायबिटीज एक मेटाबॉलिक बीमारी है, जिसमें शरीर या तो पर्याप्त मात्रा में इंसुलिन नहीं बनाता या उसे सही तरीके से उपयोग नहीं कर पाता। इंसुलिन एक हार्मोन है जो ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में मदद करता है। जब इंसुलिन की कार्यक्षमता प्रभावित होती है, तो रक्त में शुगर की मात्रा बढ़ जाती है यानी हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति उत्पन्न हो जाती है।

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हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज के बीच क्या संबंध होता है? - Connection Between Hyperglycemia and Diabetes in Hindi

डायबिटीज का प्राथमिक लक्षण

हाइपरग्लाइसीमिया डायबिटीज के सबसे सामान्य और प्रारंभिक लक्षणों में से एक है। जब शरीर इंसुलिन का निर्माण या उपयोग ठीक से नहीं कर पाता, तो ब्लड में शुगर इकट्ठा होने लगती है।

दोनों टाइप की डायबिटीज में आम

टाइप 1 डायबिटीज में शरीर बिल्कुल भी इंसुलिन नहीं बनाता। इससे हाइपरग्लाइसीमिया जल्दी और तीव्र रूप में हो सकता है। टाइप 2 डायबिटीज में शरीर इंसुलिन का उपयोग ठीक से नहीं कर पाता (इंसुलिन रेजिस्टेंस)। धीरे-धीरे ब्लड शुगर बढ़ता है और हाइपरग्लाइसीमिया होता है।

अनियंत्रित डायबिटीज का कारण

यदि, डायबिटीज का उपचार समय पर न हो या मरीज नियमित दवाइयों को न लें, तो हाइपरग्लाइसीमिया की स्थिति गंभीर हो सकती है और यह अंगों को नुकसान पहुंचा सकती है।

हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज को कैसे मैनेज करें - How To Manage Hyperglycemia And Diabetes In Hindi

  • फास्टिंग और पोस्टप्रांडियल शुगर लेवल (Postprandial blood sugar level) की नियमित जांच से स्थिति पर नियंत्रण रखा जा सकता है।
  • डॉक्टर द्वारा निर्धारित दवाएं और इंसुलिन समय पर लें।
  • कम ग्लाइसेमिक इंडेक्स वाले खाद्य पदार्थ जैसे दलिया, साबुत अनाज, हरी सब्जियां और दालें खाएं।
  • योग, वॉकिंग और हल्के कार्डियो व्यायाम ब्लड शुगर को नियंत्रित रखने में मदद करते हैं।
  • ध्यान, मेडिटेशन और पर्याप्त नींद तनाव को घटाते हैं जो शुगर लेवल को प्रभावित करता है।

इसे भी पढ़ें: सुबह ब्लड शुगर हाई क्यों होता है? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण और कारण

हाइपरग्लाइसीमिया और डायबिटीज का गहरा और सीधा संबंध है। हाइपरग्लाइसीमिया डायबिटीज का संकेत भी हो सकता है और यदि नजरअंदाज किया जाए तो यह गंभीर जटिलताओं का कारण बन सकता है। इसलिए समय पर जांच, संतुलित जीवनशैली और सही उपचार ही इस स्थिति को नियंत्रित करने का सबसे बेहतर तरीका है।

FAQ

  • क्या मधुमेह रोगी मोरिंगा के पत्ते खा सकते हैं?

    मोरिंगा के पत्तों में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने वाले गुण पाए जाते हैं। आप इसे डाइट में शामिल कर शुगर को कंट्रोल क सकते हैं।
  • डायबिटीज में क्या खाएं?

    डायबिटीज में, आपको अपने खानपान का विशेष ध्यान रखना चाहिए। हरी सब्जियां, फल, साबुत अनाज, दालें, मेवे और बीज जैसे खाद्य पदार्थों का सेवन करना फायदेमंद हो सकता है। 

 

 

 

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