दिल्ली में कंजंक्टिवाइटिस के मामले तेजी से पैर पसार रहे हैं। बारिश के बाद से ही मामलों में लगातार बढ़त देखी जा रही है। अस्पतालों में बड़ी संख्या में लोग पहुंच रहे हैं। चिकित्सकों के मुताबिक पहले की तुलना में अब इन मामलों में लगभग 50 से 60 प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है। केवल दिल्ली ही नहीं, बल्कि बिहार, महाराष्ट्र और गुजरात में भी कंजंक्टिवाइटिस के मरीजों की संख्या बढ़ी है। सरकारी और प्राइवेट अस्पतालों के चिकित्सकों ने बताया कि इन मामलों में ज्यादातर कम उम्र के मरीजों ही इस इंफेक्शन से ग्रस्त हो रहे हैं।
कैसे फैलता है कंजंक्टिवाइटिस?
कंजंक्टिवाइटिस संक्रमण नमी और उमस से भी फैल सकता है। ऐसे में इस समस्या से पीड़ित मरीज की आंखों में देखने, तौलिया या फिर कपड़े साझा करने, किसी चीज छूने के बाद आंखों को हाथ लगाने या फिर हाइजीन नहीं मेंटेन करने पर आंखों का यह संक्रमण फैल सकता है। बच्चों में भी इसके मामले देखे जा रहे हैं। आंखों में लालिमा आना या फिर आंखें गुलाबी होने पर इसके लक्षणों को पहचाना जा सकता है।
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बारिश के बाद से बढ़े मामले
चिकित्सकों की मानें तो बाढ़ और बारिश के कारण हो रहे जलभराव के कारण इस बार डेंगू, मलेरिया और कंजंक्टिवाइटिस के मामले पहले की तुलना में थोड़े ज्यादा हैं। हालांकि, सरकार द्वारा मरीजों की बढ़ती संख्या को कम करने की तैयारियां की जा रही है। अभी भी दिल्ली के कुछ इलाकों में जलभराव की स्थिति बनी रहने से कंजंक्टिवाइटिस का खतरा बरकरार है।
कंजंक्टिवाइटिस से बचने की टिप्स
लखनऊ के केयर इंस्टिट्यूट ऑफ लाइफ साइंसेज की एमडी फिजिशियन डॉ सीमा यादव के मुताबिक कंजंक्टिवाइटिस होने पर आंखों को छूने से बचना चाहिए। ऐसे में हाथों की साफ-सफाई का भी खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए। सफाई नहीं रखने से आंख आने का खतरा अधिक रहता है। कॉन्टेक्ट लेंस पहनने वाले लोगों को ज्यादा समय तक लेंस लगाए रखने से बचना चाहिए। बार-बार आंखों पर हाथ लगाने से बैक्टीरिया या वायरस आंखों तर पहुंच सकता है, जिससे आंख आने या फिर कंजंक्टिवाइटिस हो सकता है। ऐसे में ज्यादा मेकअप करने या फिर पुरानी मेकअप किट का इस्तेमाल करने से भी बचना चाहिए। कंजंक्टिवाइटिस के लक्षण दिखने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय चिकित्सक की सलाह लें।