
Condom lubricants Contain Toxic Chemicals: सुरक्षित तरीके से सेक्स करने के लिए अक्सर लोग कंडोम और ल्यूब्रिकेंट का इस्तेमाल करते हैं। जोकि एक अच्छी आदत है। यह सेक्शुअली ट्रांस्मिटेड डिजीज (STD) के साथ-साथ एचआईवी जैसे अन्य यौन रोगों के जोखिम को भी कम करता है। वहीं, लुब्रिकेंट या ल्यूब का इस्तेमाल सेक्स करते समय होने वाली जलन (Lubricant use to reduce Burning During Sex) और फ्रिक्शन को कम करने के लिए किया जाता है। लेकिन क्या हो, अगर आपको पता लगे कि इसका इस्तेमाल करने से गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। जीं हां, कंडोम और ल्यूब का इस्तेमाल करने वाले लोगों में कैंसर और इनफर्टिलिटी की समस्या हो सकती है।
कंडोम और ल्यूब में पाए गए हानिकारक कैमिकल
हाल ही में एंनवायरमेंटल प्रोटेक्शन एजेंसी द्वारा एक स्टडी की गई, जिसमें पाया गया कि कंडोम और ल्यूब्रिकेंट्स बनाने वाले कई अच्छे और जाने-माने ब्रैंड के प्रोडक्ट्स में हानिकारक कैमिकल का इस्तेमाल किया जाता है। स्टडी के मुताबिक इन्हें बनाने में PFAS (15 हजार सिंथेटिक कैमिकल का समूह) का इस्तेमाल किया जाता है। कई अल्ट्रा थिन कंडोम और जेली वाले ल्यूब्रिकेंट्स के ब्रैंड में इन कैमिकल्स के पाए जाने की पुष्टि हुई है। PFAS का इस्तेमाल कंडोम में आमतौर पर उसकी नमी और लिक्विड को बरकरार रखने के लिए किया जाता है।
बन सकता है कैंसर का कारण
PFAS को लेकर पहले भी कई स्टडी हो चुकी हैं, जिनमें साबित होता है कि इसके संपर्क में आने से कैंसर का जोखिम भी बढ़ जाता है। यह कई बार टेस्टिस के कैंसर के साथ-साथ किडनी के कैंसर का भी कारण बन सकता है। कुछ मामलों में इसका ज्यादा इस्तेमाल करने से इनफर्टिलिटी से जुड़ी समस्याएं भी हो सकती हैं। इस कैमिकल के संपर्क में आने से प्रोस्टेट कैंसर के साथ-साथ ब्रेस्ट कैंसर का भी जोखिम बढ़ जाता है। इससे एंडोमेट्रियल कैंसर के अलावा थायराइड कैंसर भी हो सकता है।
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PFAS से होने वाले अन्य नुकसान
- इन कैमिकल्स के संपर्क में आने से न केवल पुरुषों बल्कि, महिलाओं की शरीर को भी नुकसान पहुंच सकता है।
- एक्सपर्ट्स की मानें तो यह PFAS के संपर्क में आने से स्पर्म काउंट पर असर पड़ता है, जिससे इनफर्टिलिटी हो सकती है।
- PFAS के संपर्क में आने से लिवर डैमेज होने के साथ ही थायराइड भी हो सकता है।
- यह कैमिकल कई बार इम्यूनिटी कमजोर करने के साथ ही अन्य समस्याओं का भी कारण बन सकता है।
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