हाई ब्लड प्रेशर इन दिनों एक आम समस्या बन गई है, जो आमतौर पर 40 से बड़ी उम्र की महिलाओं और पुरुषों दोनों को प्रभावित करती है। ब्लड प्रेशर बढ़ने पर हाथ-पैरों में कंपकंपी, घबराहट, बेचैनी जैसे कुछ लक्षण दिखाई देते हैं। कई बार महिलाएं इन लक्षणों को मेनोपॉज के लक्षण मानकर नजरअंदाज करती रहती हैं। लेकिन लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर या हाईपरटेंशन को नजरअंदाज करना कई कारणों से खतरनाक हो सकता है क्योंकि ये जानलेवा स्थितियों का कारण बन सकता है।
कोलंबिया एशिया हॉस्पिटल सीनियर कंसलटेंट आब्सट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजिस्ट डॉ मनीषा रंजन के मुताबिक जब महिलाएं 40 साल से ऊपर की हो जाती हैं तो उन्हें हाइपरटेंशन के कुछ ऐसे लक्षण देखने को मिलते हैं जिन्हें वह मेनोपॉज समझ कर इग्नोर कर देती हैं। हर 2 में से एक महिला के साथ ऐसा होता है। वह समय पर इसका इलाज नहीं करातीं। ऐसी महिलाओं का हृदय रोगों का रिस्क बहुत अधिक बढ़ जाता है। हाइपर टेंशन इसलिए भी पकड़ में नहीं आ पाता है क्योंकि डॉक्टर महिलाओं और पुरुषों में एक समान लक्षण ढूंढते रहते हैं। बल्कि आधी उम्र में महिलाओं में हाइपर टेंशन के कुछ अलग लक्षण दिखने लग जाते हैं जो पुरुषों में नहीं पाए जाते हैं।
उम्रदराज महिलाओं में हाई ब्लड प्रेशर का कारण
उम्र बढ़ने पर महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर या हाइपरटेंशन की समस्या इसलिए होती है क्योंकि जैसे जैसे उम्र बढ़ती है तो महिलाओं और पुरुषों की आर्टरीज यानी धमनियां अलग तरह के पैटर्न से काम करना शुरू कर देती हैं। ऐसा खास कर मेनोपॉज के समय पर ही होना शुरू होता है। जिस कारण दोनों स्थितियों में एक दुविधा आन खड़ी होती है। बड़ी आर्टरीज का संकीर्ण होना महिलाओं में देर से देखने को मिलता है। पुरुषों की आर्टरीज महिलाओं के मुकाबले 10 साल पहले संकीर्ण हो जाती हैं। जिस कारण डॉक्टरों को जब महिलाओं की आर्टरी सही अवस्था में मिलती है तो वह अक्सर इस संकेत को इग्नोर कर देते हैं। इसलिए उन्हें ऐसा लगता है कि यह लक्षण मेनोपॉज के हैं न कि हाइपर टेंशन के।
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हाई ब्लड प्रेशर और मेनोपॉज के कॉमन लक्षण
- रात में बहुत अधिक पसीना आना
- धड़कन का तेज हो जाना
- छाती में दर्द होना
- शरीर में कंपकंपी होना
- घबराहट और बेचैनी होना
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मेनोपॉज के कारण भी बढ़ता है हार्ट की बीमारियों का खतरा
जब महिला मेनोपॉज की उम्र यानी 45 से 55 की उम्र के बीच होती है तो उसके शरीर में बहुत से हार्मोनल बदलाव होते हैं। एस्ट्रोजन और प्रोजेस्ट्रॉन जैसे हार्मोन एकदम से तेजी से घटने लग जाते हैं। एस्ट्रोजन हार्मोन के कम हो जाने के कारण आपका शरीर इंसुलिन अच्छे से प्रयोग नहीं कर पाता है। जिस कारण आपका वजन और आपका ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। जिन महिलाओं को मेनोपॉज के बहुत गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं, उन महिलाओं की धमनिया अकड़ने के या संकीर्ण होने के 50% चांस बढ़ जाते हैं। यह सारे लक्षण आप के हृदय रोग होने की संभावना को भी बढ़ा देते हैं। हालांकि छाती में दर्द होना तो मेनोपॉज का लक्षण नहीं होता है।
अगर आपको हृदय से जुड़ा कोई भी लक्षण देखने को मिलता है तो आपको अपने डॉक्टर से जरूर चेक करवाना चाहिए। साथ ही आपको महीने में दो बार अपना ब्लड प्रेशर लेवल भी जरूर चेक करवाते रहना चाहिए। अगर आपको मेनोपॉज के अधिक गंभीर लक्षण देखने को मिलते हैं तो आप हार्मोन रिप्लेसमेंट थेरेपी भी ले सकती हैं। लेकिन ऐसा अपने डॉक्टर की देखरेख में ही लें। यह जरूर सुनिश्चित कर लें कि इससे आपके हृदय को किसी तरह का कोई नुकसान न पहुंच रहा हो।