Postpartum Hypertension: मां बनना हर महिला के लिए एक खूबसूरत एहसास होता है। कहा जाता है कि मां बनने पर महिला का भी दूसरा जन्म होता है। डिलीवरी के बाद महिलाओं को कई समस्याओं का सामना करना पड़ता है। ऐसे में, मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में कई बदलाव आते हैं। शरीर में कमजोरी आ जाती है और हार्मोन्स बदलते हैं। वहीं, कुछ महिलाओं को मूड स्विंग्स भी ज्यादा होते हैं, जिसे पोस्टपार्टम डिप्रेशन से जोड़कर देखा जाता है। इसी तरह, पोस्टपार्टम के दौरान कई महिलाओं को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या भी रहती है जिसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन कहा जाता है। लेकिन यह समस्या क्यों होती है और इसे कैसे कंट्रोल रखा जा सकता है।
इस बारे में जानने के लिए हमने ढाकुरिया स्थित मणिपाल हॉस्पिटल से कंसल्टेंट ऑब्सटेट्रिक्स एंड गायनेकोलॉजी की डॉ. इरीना डे से बात की। आइये लेख में डॉक्टर से समझें इस बारे में।
पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन क्या है? What Is Postpartum Hypertension
पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें डिलीवरी के बाद महिला का ब्लड प्रेशर नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है। यह स्थिति प्रेग्नेंसी जर्नी के दौरान भी शुरू हो सकती है जिसे पेरीपार्टम हाइपरटेंशन कहा जाता है। पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन की समस्या बच्चे के जन्म के कुछ दिनों बाद शुरू हो सकती है। साथ ही, इसकी अवधी लंबी भी हो सकती है। ऐसे में बच्चे के जन्म के बाद ब्लड प्रेशर 140/90 mm या इससे अधिक हो सकता है।
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पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन क्यों होता है? Causes of Postpartum Hypertension
पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन की समस्या अचानक नहीं होती है। अगर महिला को प्रेग्नेंसी से पहले ही हाइपरटेंशन की समस्या रही है, तो उसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन हो सकता है। इसके अलावा, अगर डिलीवरी के दौरान या पूरी प्रेग्नेंसी की दौरान हाई ब्लड प्रेशर रहा है, तो भी यह समस्या हो सकती है। अगर लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति बनी रहती है, तो इससे दौरे या एक्लैम्पोला का खतरा भी हो सकता है।
पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन को मैनेज कैसे करें? How To Manage Postpartum Hypertension
- अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े संकेत नजर आ रहे हैं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें।
- पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन को मैनेज करने के लिए एंटी-हाइपरटेंसिअन दवाओं का सेवन किया जा सकता है। इससे बॉडी में ब्लड फ्लो नॉर्मल होगा और ब्लड प्रेशर कंट्रोल होने में मदद मिलेगी।
- अपनी डेली डाइट में नमक कम खाना शुरू कर दें. क्योंकि, ज्यादा नमक खाने से भी ब्लड प्रेशर बढ़ सकता है। अपनी डाइट में ऑयली फूड अवॉइड करें। क्योंकि, ऑयली फूड खाने से भी ब्लड प्रेशर का नियंत्रण बिगड़ सकता है।
- स्ट्रेस से दूरी बनाए रखें, क्योंकि जितना आप स्ट्रेस लेंगे उतनी ही आपकी परेशानी बढ़ती जाएगी।
- ब्लड प्रेशर कंट्रोल रखने के लिए लाइफस्टाइल को हेल्दी बनाकर रखें। वेट कंट्रोल रखें। क्योंकि, ओवरवेट होने के कारण हाइपरटेंशन की संभावना ज्यादा हो सकती है।
- बच्चे के साथ अपना भी ध्यान दें। नींद पूरी करें और पर्याप्त आराम जरूर लें।
- रोज ब्लड प्रेशर चेक करें और रेगुलर मेडिकल चेकअप करवाते रहें। इससे कॉम्प्लिकेशन को रोका जा सकता है।
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निष्कर्ष
पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन एक ऐसी कंडीशन है, जिसमें डिलीवरी के बाद महिला का ब्लड प्रेशर नॉर्मल से ज्यादा हो जाता है। अगर महिला को प्रेग्नेंसी से पहले ही हाइपरटेंशन की समस्या रही है, तो उसे पोस्टपार्टम हाइपरटेंशन हो सकता है। अगर लंबे समय तक हाई ब्लड प्रेशर की स्थिति बनी रहती है, तो इससे दौरे या एक्लैम्पोला का खतरा भी हो सकता है। अगर आपको हाई ब्लड प्रेशर से जुड़े संकेत नजर आ रहे हैं, तो इन्हें नजरअंदाज न करें और तुरंत अपने डॉक्टर से संपर्क करें। लेख में आपको सामान्य जानकारी दी गई है। इस बारे में ज्यादा जानने के लिए डॉक्टर से संपर्क करें।
FAQ
डिलीवरी के बाद बीपी हाई हो तो क्या करें?
डिलीवरी के बाद हाई बीपी कंट्रोल करने के लिए डाइट और लाइफस्टाइल मैनेज करें। बैलेंस्ड डाइट लें और नमक का सेवन कम कर दें। कैफीन और जंक फूड से दूर रहें। स्ट्रेस कंट्रोल रखें और पर्याप्त नींद जरूर लें। ब्रीदिंग एक्सरसाइज करें और रेगुलर चेकअप करवाते रहें।Normal delivery के लिए बीपी कितना होना चाहिए?
डॉक्टर के मुताबिक, प्रेग्नेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर 120/80 मिमी एचजी होना चाहिए। अगर प्रेग्नेंसी के दौरान बैलेंस्ड डाइट ली जाए, स्ट्रेस कंट्रोल किया जाए और पर्याप्त आराम लिया जाए, तो डिलीवरी के बाद भी बीपी नॉर्मल रहने की संभावना बनी रहती है।प्रेगनेंसी में हाइपरटेंशन होने पर क्या होता है?
प्रेगनेंसी के दौरान ब्लड प्रेशर कंट्रोल रहना बहुत जरूरी है। अगर ऐसे में ब्लड प्रेशर हाई रहता है, तो काफी परेशानियां हो सकती है। यह मां और होने वाले बच्चे दोनों की सेहत को नुकसान कर सकता है।