दिल्ली समेत उत्तर भारत के कई राज्यों में भीषण गर्मी के बाद आखिरकार मानसून ने दस्तक दे दी है। तेज बारिश और ठंडी हवाएं लोगों को राहत तो देती हैं, लेकिन इसी मौसम में कई तरह की मौसमी बीमारियों का खतरा भी बढ़ जाता है। नमी, गंदगी, जलजमाव और तापमान में उतार-चढ़ाव के कारण बैक्टीरिया, वायरस और फंगस तेजी से पनपते हैं, जिससे इंफेक्शन की संभावना बढ़ जाती है। मानसून के दौरान होने वाली बीमारियों में डेंगू, मलेरिया, वायरल फीवर, टाइफॉयड, हैजा, फंगल इंफेक्शन, पेट के इंफेक्शन और जॉन्डिस जैसी समस्याएं आम हैं। बच्चों और बुजुर्गों में ये बीमारियां जल्दी असर करती हैं। ऐसा इसलिए, क्योंकि उनकी इम्यूनिटी कमजोर होती है। इसके अलावा, मानसून में सड़क किनारे खुले में मिलने वाला खाना, गंदा पानी और नमी वाली जगहों पर रहने से स्वास्थ्य और भी ज्यादा प्रभावित होता है।
इस मौसम में पानी जमा होने से मच्छर पनपते हैं जो कई जानलेवा बीमारियों के वाहक होते हैं। वहीं नमी और गीले कपड़ों की वजह से स्किन इंफेक्शन और फंगल इंफेक्शन बढ़ जाता है। थोड़ी सी जागरूकता और सावधानी से हम इस मौसम में होने वाली आम बीमारियों से खुद को और अपने परिवार को सुरक्षित (common monsoon diseases) रख सकते हैं। इस लेख में एनआईटी फरीदाबाद में स्थित संत भगत सिंह महाराज चैरिटेबल हॉस्पिटल के जनरल फिजिशियन डॉ. सुधीर कुमार भारद्वाज (Dr. Sudhir Kumar Bhardwaj, General Physician, Sant Bhagat Singh Maharaj Charitable Hospital, NIT Faridabad) से जानिए, बारिश के दिनों में लोग बीमार क्यों पड़ जाते हैं?
बारिश के दिनों में लोग बीमार क्यों पड़ जाते हैं? - Which disease is most common in monsoon
1. डेंगू - Dengue
डेंगू एक मच्छर जनित वायरस है जो मच्छर के काटने से फैलता है। यह मच्छर ज्यादातर दिन में काटता है और साफ पानी में पनपता है। मानसून के दौरान घरों के आसपास जमा पानी जैसे कूलर, गमले, टायर आदि में मच्छर आसानी से पनपते हैं।
लक्षण: तेज बुखार, सिरदर्द, आंखों के पीछे दर्द, शरीर पर चकत्ते, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द।
बचाव: पानी जमा न होने दें, मच्छरदानी और रिपेलेंट का प्रयोग करें।
2. मलेरिया - Malaria
मलेरिया Anopheles मच्छर के जरिए फैलता है। बारिश के मौसम में गंदा पानी और सीलन वाले इलाके मच्छरों की संख्या बढ़ा देते हैं।
लक्षण: बुखार (कभी-कभी ठंड के साथ), पसीना आना, सिरदर्द, उल्टी।
बचाव: मच्छरों से बचें, खिड़कियों पर जाली लगवाएं, समय पर इलाज लें।
3. टाइफॉयड - Typhoid
यह बीमारी Salmonella typhi बैक्टीरिया से होती है जो दूषित भोजन और पानी के जरिए शरीर में प्रवेश करता है। मानसून के मौसम में खुले में मिलने वाले फूड्स और अशुद्ध जल टाइफॉयड को बढ़ावा देते हैं।
लक्षण: लंबे समय तक रहने वाला बुखार, पेट दर्द, भूख न लगना, दस्त या कब्ज।
बचाव: साफ पानी पिएं, घर का बना खाना खाएं, स्ट्रीट फूड से परहेज करें।
4. वायरल फीवर - Viral Fever
मानसून में तापमान में उतार-चढ़ाव और नमी के कारण वायरल इंफेक्शन बढ़ जाते हैं। यह इंफेक्शन एक व्यक्ति से दूसरे में तेजी से फैलता है।
लक्षण: हल्का से तेज बुखार, गले में खराश, खांसी, शरीर दर्द, थकावट।
बचाव: भीगने से बचें, कपड़े सूखे रखें, साफ-सफाई बनाए रखें।
5. हैजा - Cholera
हैजा दूषित पानी और भोजन से फैलता है। मानसून में जल प्रदूषण के कारण हैजा तेजी से फैलता है।
लक्षण: दस्त, उल्टी, डिहाइड्रेशन।
बचाव: उबला हुआ पानी पिएं, हाथ धोकर खाना खाएं, खुले भोजन से दूर रहें।
6. पीलिया - Jaundice
पीलिया मुख्य रूप से Hepatitis A वायरस से होता है जो दूषित जल और भोजन से फैलता है। मानसून में गंदगी और सीवेज मिल जाने से इसका खतरा बढ़ जाता है।
लक्षण: आंखों और त्वचा का पीला होना, भूख न लगना, कमजोरी, पेशाब का रंग गहरा होना।
बचाव: स्वच्छता का ध्यान रखें, साफ पानी पिएं, स्ट्रीट फूड से बचें।
7. फंगल इंफेक्शन - Fungal Infections
मानसून में शरीर में पसीना और नमी बनी रहती है, जिससे फंगल इंफेक्शन होना आम बात है। यह स्किन, स्कैल्प और नाखूनों में ज्यादा होता है।
लक्षण: खुजली, लाल चकत्ते, छाले, दुर्गंध।
बचाव: त्वचा को सूखा रखें, कॉटन के ढीले कपड़े पहनें, एंटी-फंगल क्रीम लगाएं।
8. फूड पॉइजनिंग - Food Poisoning
बारिश के समय खुले में बिकने वाले फूड्स जल्दी खराब हो जाते हैं। दूषित खाने से फूड पॉइजनिंग हो सकती है।
लक्षण: उल्टी, दस्त, पेट दर्द, जी मिचलाना।
बचाव: ताजा और गर्म खाना खाएं, स्ट्रीट फूड से परहेज करें।
निष्कर्ष
मानसून की ताजगी के साथ बीमारियां भी आती हैं, लेकिन थोड़ी सी सावधानी से इनसे बचा जा सकता है। घर और शरीर की साफ-सफाई, सुरक्षित पानी और पौष्टिक भोजन इस मौसम में आपकी रक्षा कर सकते हैं। यदि कोई लक्षण नजर आए तो घरेलू उपायों के बजाय डॉक्टर से परामर्श जरूर लें।
All Images Credit- Freepik
FAQ
बारिश के मौसम में डेंगू और मलेरिया क्यों बढ़ते हैं?
बारिश के बाद जगह-जगह पानी जमा हो जाता है, जिसमें मच्छर अंडे देते हैं। डेंगू फैलाने वाला Aedes और मलेरिया फैलाने वाला Anopheles मच्छर इन्हीं पानी के स्रोतों में पनपते हैं।मानसून में पेट खराब और फूड पॉइजनिंग क्यों होती है?
नमी और तापमान में बदलाव के कारण खाने-पीने की चीजें जल्दी खराब हो जाती हैं। साथ ही, सड़क किनारे या खुले में रखा खाना बैक्टीरिया से संक्रमित हो सकता है जिससे फूड पॉइजनिंग होती है।मानसून में बीमारियों से बचने के लिए क्या सावधानियां बरतनी चाहिए?
मच्छरदानी और रिपेलेंट का उपयोग करें, उबला या फिल्टर किया हुआ पानी पिएं, घर के आसपास पानी जमा न होने दें, साफ-सफाई का ध्यान रखें, स्ट्रीट फूड और कटे-फटे फलों से परहेज करें।