
हाल ही में हुई एक रिसर्च की मानें तो पुराना कब्ज डिमेंशिया का कारण बन सकता है। दरअसल, बुधवार को अल्जाइमर एसोसिएशन इंटर्नेश्नल कॉन्फ्रेंस, एम्सटर्डम में दिखाई गई एक रिसर्च की मानें तो कब्ज न केवल पेट बल्कि, कॉग्नेटिव फंक्शन्स यानि ब्रेन और शरीर के तालमेल को भी प्रभावित कर सकता है। ऐसी स्थिति में किसी भी बात का निष्कर्ष निकालना, निर्णय लेने, याद रखने सोचने-समझने या फिर तर्क देने की क्षमता पर भी असर पड़ता है।
इसे भी पढ़ें - मजबूत डाइजेशन के लिए सुबह इन 5 आदतों से करें दिन की शुरुआत, नहीं होगी अपच और कब्ज जैसी समस्याएं
हो सकता है स्ट्रेस और डिप्रेशन
गंभीर कब्ज होना मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकता है, जिससे स्ट्रेस और डिप्रेशन और डिमेंशिया होने की भी आशंका बढ़ जाती है। शोधकर्ताओं ने यह पाया कि दिन में दो या दो से ज्यादा बार शौच करने वाले लोगों में एक बार शौच करने वालों की तुलना में ज्यादा खतरा देखा गया है। हेल्थ एक्सपर्ट्स की मानें तो बॉवेल मूवमेंट और मेंटल हेल्थ का सीधा संबंध होता है। दरअसल, कब्ज होने पर नर्वस सिस्टम ब्रेन को सीधे संकेत देता है, जिससे कई बार मानसिक स्वास्थ्य पर असर पड़ सकता है। इसलिए कब्ज होने पर इसे नजरअंदाज करने के बजाय चिकित्सक से सलाह लें।
कैसे करें कब्ज से बचाव
कब्ज से बचने के लिए आप फाइबर युक्त आहार खाएं, इससे पेट आसानी से साफ होता है, जिससे मलत्याग में होने वाली कठिनाई भी काफी कम होती है। इसके लिए भरपूर मात्रा में पानी पिएं। इसके लिए चाय, कॉफी आदि का सेवन कम करें साथ ही साथ मसालेदार या फिर तली-भुनी चीजें खाने से भी बचें। कब्ज बनने की स्थिति में आप सौंफ या फिर जीरा का पानी भी पी सकते हैं। इसके लिए शहद, सलाद आदि खाने के साथ-साथ ओवरईटिंग करने से भी बचें। प्रोबायटिक्स, लैक्सेटिव आदि जैसे तत्व लेने के साथ ही साथ एक्सरसाइज करने से भी कब्ज से बचाव किया जा सकता है।
इसे भी पढ़ें - कब्ज से छुटकारा पाने के लिए पिएं ये 5 तरह की चाय, खुलकर साफ होगा पेट
कब्ज के कारण और लक्षण
कब्ज होने के पीछे बहुत से कारण हो सकते हैं। इसके पीछे शरीर में पानी की कमी, फाइबर की कमी होने, एक्सरसाइज की कमी या फिर आंत में इंफेक्शन, मल का सख्त होना आदि जैसे कारण हो सकते हैं। कब्ज होने की स्थिति में आपको भूख कम लगने के साथ ही साथ उलटी-मतली जैसी समस्या भी देखने को मिल सकती है। मलत्याग होने पर ज्यादा जोर लगाना, मुंह का स्वाद बिगड़ना या फिर मुंह से बदबू आने जैसी स्थिति भी दिख सकती है।
How we keep this article up to date:
We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.
Current Version