Chaitra Navratri 2025 Best Ayurvedic tips to avoid stomach upset and acidity during fasting : इन दिनों चैत्र नवरात्रि का त्योहार पूरे भारत में चल रहा है। चैत्र नवरात्रि में माता रानी की पूजा करने और उन्हें प्रसन्न करने के लिए लोग 9 दिनों का व्रत रखते हैं। व्रत के दौरान लंबे समय तक भूखे रहने की वजह से अक्सर लोगों को पाचन संबंधी समस्याएं होती है। ऐसे समय में पेट में दर्द, एसिडिटी और पेट खराब की परेशानी लोगों में देखी जाती है। पाचन से जुड़ी परेशानी ऐसी होती है, जो न सिर्फ पेट पर असर डालती है, बल्कि सिर दर्द, हार्मोन असंतुलन का कारण भी बनती है। आयुर्वेद के अनुसार, व्रत में सही आहार और कुछ प्राकृतिक उपाय अपनाकर इन समस्याओं से बचा जा सकता है।
व्रत में होने वाली पेट खराब और एसिडिटी की समस्या से बचाव के लिए कौन से आयुर्वेदिक नुस्खे आपके काम आ सकते हैं, हम इसी विषय पर चर्चा करने वाले हैं। इस बारे में अधिक जानकारी दे रही हैं दिल्ली के आशा आयुर्वेदा की डायरेक्टर डॉ. चंचल शर्मा।
1. सुबह गर्म पानी के साथ सौंफ और मिश्री खाएं- Benefits of Fennel and sugar candy in Acidity
चैत्र नवरात्रि व्रत के दौरान सौंफ और मिश्री का सेवन किया जा सकता है। सौंफ और मिश्री का नियमित सेवन गैस, एसिडिटी, पेट फूलना और कब्ज जैसी पाचन समस्याओं से बचाने में मदद करता है। चैत्र नवरात्रि में जब 9 दिनों के व्रत में पेट खराब और एसिडिटी की समस्या से बचाव के लिए सुबह खाली पेट गर्म पानी के साथ सौंफ-मिश्री का सेवन करना फायदेमंद होता है। सौंफ में एंटी-एसिडिक गुण होते हैं, जो पेट की जलन और गैस को कम करते हैं। वहीं, मिश्री पाचन तंत्र को शांत कर देती है।
2. खाने के बाद धनिया और अजवाइन का काढ़ा- Decoction of coriander and celery for acidity
डॉ. चंचल शर्मा के अनुसार, धनिया और अजवाइन पेट की गैस, ब्लोटिंग और एसिडिटी को दूर करते हैं। व्रत में 1 चम्मच धनिया और 1/2 चम्मच अजवाइन को 1 कप पानी में उबालें और खाना खाने के 30 मिनट बाद पिएं। चैत्र नवरात्रि के 9 दिनों के व्रत में रोजाना धनिया और अजवाइन का काढ़ा पिएं, तो यह पाचन तंत्र को दुरुस्त करके पेट खराब और एसिडिटी की परेशानी को दूर करता है।
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3. पुदीना और तुलसी की चाय- Benefits of mint and tulsi tea for Upset Stomach
कुछ लोगों को चाय पीने की आदत होती है। नवरात्रि व्रत में आम दूध और पत्ती वाली चाय की बजाय अगर पुदीना और तुलसी की चाय का सेवन किया जाए, तो यह पेट की गैस, जलन और मरोड़ को दूर करते हैं। इसे बनाने के लिए 4-5 तुलसी के पत्ते और 5-6 पुदीना पत्तों को पानी में उबालें और हल्का गुनगुना पिएं। अगर आपको इसका स्वाद कड़वा लगता है, तो उसमें स्वाद बढ़ाने के लिए शहद भी मिला सकते हैं।
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4. सुबह 1 चम्मच घी का सेवन करें
व्रत में रोजाना सुबह खाली पेट एक चम्मच गाय के घी का सेवन करने से पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाने में मदद मिलती है। घी पेट की परत (lining) को सुरक्षित रखता है और एसिडिटी को रोकता है। गाय के घी में मौजूद पोषक तत्व पेट में गुड बैक्टीरिया को बढ़ाते हैं, जिससे एसिडिटी और पाचन से जुड़ी बीमारियां नहीं होती है।
5. रात में हल्दी वाला दूध पिएं
हल्दी वाला दूध रात को पीने से पेट और शरीर को डिटॉक्स करने में मदद मिलती है। यह पेट की सूजन, दर्द और एसिडिटी की परेशानी को भी कम करता है। 1 गिलास हल्का गर्म दूध में 1/2 चम्मच हल्दी मिलाकर सोने से पहले पिएं।
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निष्कर्ष
नवरात्रि व्रत के दौरान पेट खराब, गैस और एसिडिटी से बचने के लिए इन आयुर्वेदिक उपायों को अपनाएं। हल्का, संतुलित आहार का सेवन करें। पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं।