दूसरी प्रेग्नेंसी में क्यों बढ़ने लगता है वजन? जानें कारण और बचाव के तरीके

कुछ महिलाओं का दूसरी प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ जाता है। डॉक्टर से जानते हैं इसके कारण और बचाव के उपाय।  
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दूसरी प्रेग्नेंसी में क्यों बढ़ने लगता है वजन? जानें कारण और बचाव के तरीके


कुछ महिलाओं का वजन पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में बढ़ जाता है। प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने की वजह से महिलाओं को डिलीवरी के दौरान मुश्किलों को सामना कर पड़ सकता है। साथ ही, प्रेग्नेंसी के किसी भी चरण में महिलाओं को वजन बढ़ सकता है। प्रेग्नेंसी में महिलाओं के वजन बढ़ने के कुछ कारणों को आगे बताया गया है। यह कारण प्रेग्नेंसी की समस्याओं की ओर इशारा कर सकते हैं। इस लेख में अशोक नगर के साईं क्लीनिक की स्री रोग विशेषज्ञ डॉ. विभा बंसल से जानते हैं दूसरी प्रेंग्नेंसी में वजन बढ़ने के कार्य कारण होते हैं और इससे कैसे बचा जा सकता है।

दूसरी प्रग्नेंसी में वजन बढ़ना पहली प्रेग्नेंसी से कैसे अलग होता है?

डॉक्टर के अनुसार महिलाओं की हर प्रेग्नेंसी एक जैसी नहीं हो सकती है। लेकिन, पहले प्रेग्नेंट हो चुकीं महिलाओं को दूसरी गर्भावस्था के दौरान होने वाले लक्षणों के बारे में पहले से ही पता होता है। इसके बावजूद कुछ चीजें अलग हो सकती हैं। कुछ महिलाओं का वजन पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में अधिक हो सकता है। दोनों ही प्रेग्नेंसी के बीच का अंतर महिलाओं की डाइट और फिटनेस पर निर्भर करता है।

दूसरी प्रेग्नेंसी में वजन बढ़ने के क्या कारण होते हैं? Causes Of Weight Gain in Second Pregnancy In Hindi

शरीर पर ध्यान न देना

पहली प्रेग्नेंसी के बाद कई महिलाएं घर और बच्चे की जिम्मेदारियों के बीच खुद के लिए समय ही नहीं निकाल पाती हैं। ऐसे में वह अपने वजन को कंट्रोल करने पर ध्यान नहीं देती। जिसके कारण उनका वजन पहले ही अधिक होता है। ऐसे में जब महिलाएं दूसरी प्रेग्नेंसी प्लान करती हैं तो उनका वजन अधिक हो सकता है।

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बच्चे का पोजीशन नीचे की ओर होना

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पहली प्रेग्नेंसी में महिलाओं के गर्भाशय की मांसपेशियों और पेट की स्किन में खिंचाव हो चुका होता है। पेट की मांसपेशियों पहले से ही लूज हो चुकी होती हैं, ऐसे में जब आप दूसरी बार कंसीव करती हैं, तो बच्चे की पोजीशन नीचे की ओर रहती हैं। ऐसे में महिलाओं को कुछ फायदे और नुकसान हो सकते है। इस स्थिति में महिलाएं पहली प्रेग्नेंसी की तुलना में आराम से सांस ले पाती है। जबकि, महिलाओं को पेल्विक एरिया पर ज्यादा जोर पड़ता है।

हार्मोन में बदलाव होना

पहली प्रेग्नेंसी में महिलाओं के हार्मोन में तेजी से बदलाव होता है। जबकि, दूसरी प्रेग्नेंसी में हार्मोनल बदलाव धीमी गति से होता है। इसकी वजह से महिलाओं का वजन, गर्भाशय का साइज व स्किन का कलर में बदलाव होने लगता है।

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दूसरी प्रेग्नेंसी में वजन को कंट्रोल करने के लिए क्या उपाय करें - Tips To Control Weight On Second Pregnancy In Hindi

  • प्रेग्नेंसी में पाचन क्रिया को बेहतर करने के लिए आप पर्याप्त मात्रा में पानी पिएं। इस दौरान जूस का सेवन कर सकती हैं।
  • दूसरी प्रेग्नेंसी में आप डाइट में फाइबर युक्त आहार को डाइट में शामिल कर सकते हैं।
  • रात को सोने से पहले ज्यादा तला भूना आहार न लें। इससे आपका वजन बढ़ने लगता है। साथ ही, गैस व एसिडिटी की वजह से नींद में परेशानी होती है।
  • अगर पाचन क्रिया खराब हो, तो आप दिन में कुछ घंटों के अंतराल में छोटी मील ले सकते हैं।
  • सुबह के समय हल्की एक्सरसाइज करें। इससे वजन कंट्रोल रहता है।
  • रात को खाना खाने के बाद 10 से 15 मिनट टहलें। इससे पाचन क्रिया बेहतर होती है और आपके शरीर में फैट जमा नहीं होता है।

यदि दूसरी प्रेग्नेंसी में लगातार वजन बढ़ रहा हो, तो इस वजह से डिलीवरी के समय कुछ मुश्किलें खड़ी हो सकती है। ऐसे में आप वजन को कंट्रोल करने के लिए डॉक्टर से सलाह ले सकती हैं।

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