Vaginal Rash Causes In Hindi: महिलाओं के लिए अपनी हाईजीन का ध्यान रखना बहुत जरूरी होता है। खासकर, सर्दियों के दिनों में। ऐसा इसलिए, क्योंकि अगर साफ-सफाई का विशेष ध्यान न दिया जाए, तो इससे महिला की योनि में रैशेज यानी दाने हो सकते हैं। योनि में दाने होने से कई तरह की अन्य समस्याएं पैदा हो जाती हैं। महिला के लिए चलना-फिरना और उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है। वैसे योनि में रैशेज होने के कई कारण जिम्मेदार हो सकते हैं, इसमें स्किन डिजीज से लेकर ऑटो इम्यून कंडीशन या पैरासाइट्स तक जिम्मेदारी हो सकती हैं। रैशेज होने पर महिलाओं को इचिंग होती है। अगर योनि में खुजली कर दी जाए, तो जगह लाल हो जाती है। कई बार तेज रगड़ने से ब्लीडिंग तक हो सकती है। ऐसी स्थिति आपके साथ न हो, इसके लिए जरूरी है कि आप योनि में हो रहे दाने का कारण जानें। योनि में दान क्यों (yoni me dane hone ka karan) होते हैं, जानने के लिए लेख को पूरा पढ़ें।
योनि में दाने क्यों होते हैं- Vaginal Rash Causes In Hindi
गीलेपन की वजह से
कई महिलाएं ऐसी होती हैं, जो यूरिन पास करने के बाद यानी हर बार पेशाब करने के बाद वजाइना सादे पानी से धोती हैं। यह अच्छी बात है। वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं, "सादे पानी से योनि धोने से इसकी हाइजीन मेंटेन होती है। लेकिन, अगर आप योनि को पानी से धोने के बाद सूती कपड़े या टिश्यू पेपर से साफ नहीं करते हैं, तो वहां का पानी आपकी अंडरगार्मेंट को गीला कर सकती है। यह शरीर का वह हिस्सा है, जहां हवा-धूप नहीं पहुंचती है। ऐसे में गार्मेंट लंबे समय तक गीला रह जाता है। उसमें नमी बन जाती है, जो योनि में दाने, रैशेज या खुजली का कारण बनते हैं।"
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सेंटेड साबुन लगाना
कुछ महिलाएं योनि की सफाई के लिए सेंटेड साबुन का उपयोग करती हैं। यह सही नहीं है। डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं, "योनि में गुड और बैड, दो किस्म के बैक्टीरिया होते हैं। योनि अपने आप खुद को क्लीन करती है। इसलिए, योनि की सफाई के लिए कभी भी साबुन का यूज नहीं करना चाहिए। सेंटेड साबुन, तो महिला की गुप्तांग के लिए बहुत ही खराब होते हैं। इससे बैड बैक्टीरिया के साथ-साथ गुड बैक्टीरिया भी मर जाते हैं। ऐसे में योनि में खुजली या रैशेज की समस्या होने लगती है।"
कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस
योनि में खुजली या दाने होने का सबसे कॉमन कारणों में से एक है, कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस। हेल्थलाइन में प्रकाशित एक लेख के मुताबिक 2014 में एक अध्ययन हुआ। इसमें पता चला है कि करीब 50 फीसदी वयस्क महिलाओं की योनि में खुजली का कारण कॉन्टैक्ट डर्मेटाइटिस है। यह समस्या कम उम्र की लड़कियों को भी हो सकती है। आमतौर पर यह समस्या किसी प्रकार की एलर्जी की वजह से होती है।
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सोरायसिस
सोरायसिस एक तरह की ऑटोइम्यून कंडीशन है, जो कि स्किन को प्रभावित करती है। देखा जाता है कि जिन महिलाओं को सोरायसिस होता है, उनकी योनि में भी इसके लक्षण नजर आते हैं। हालांकि, सोरायसिस योनि के अंदरूनी हिस्सों को प्रभावित नहीं करता है। इसके बावजूद, योनि में सोरायसिस की वजह से दाने, खुजली और जलन की समस्या हो सकती है।
जेनिटल हर्पीज
जेनिटल हर्पीज एक तरह का सेक्सुअल ट्रांसमिटेड इंफेक्शन है। अगर इसका वायरस शरीर में घुस जाए, तो वह नर्व सेल्स में रहने लगता है। जेनिटल हर्पीज होने पर करीब 4 से 7 दिनों में इसके लक्षण उभरने लगते हैं। इसमें योनि में दाने, दर्द, खुजली और स्वेलिंग जैसी समस्या दिख सकती हैं। जेनिटल हर्पीज होने पर महिला को बुखार भी आ सकता है।
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