छोटे बच्चों को अक्सर कुछ न कुछ समस्या होती रहती है। दरअसल, बच्चों का इम्यून सिस्टम कमजोर होता है, जिसकी वजह से बच्चों जल्द ही संक्रमण की चपेट में आ जाते हैं। शिशुओं की त्वचा में रैशेज (चकत्ते) की समस्या होना बेहद आम है। त्वचा की समस्या आमतौर पर वायरल संक्रमण की वजह से होती है। इस लेख में बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. नरजोहन मेश्राम से जानते हैं कि बच्चों को वायरल रैशेज क्यों होते हैं और इस समस्या का बचाव कैसे किया जाता है।
शिशुओं में वायरल रैशेज के कारण - Causes Of Viral Rashes In Babies In Hindi
शिशुओं में वायरल रैशेज होने की मुख्य वजह वायरल इंफेक्शन होता है। कई वायरस बच्चों में रैशेज का कारण बन सकते हैं। आगे जानते हैं इनके बारे में।
रोज़ोला (Roseola)
इसे एक्सेंथेम सबिटम के रूप में भी जाना जाता है, रोज़ोला ह्यूमन हर्पीसवायरस 6 (HHV-6) या, ह्यूमन हर्पीसवायरस 7 (HHV-7) के कारण होता है। इसमें बच्चे को अचानक तेज बुखार आता है, जो कई दिनों तक बना रह सकता है। बच्चे को बुखार कम होने पर दाने निकल आते और रैशेज की समस्या होती है।
खसरा (Measles)
खसरा वायरस के कारण होता है। यह रोग संक्रामक होता है। इसकी शुरुआत बुखार, खांसी और नाक बहने जैसे लक्षणों से होती है। खसरे में बच्चे के शरीर में दानें निकल आते हैं और कुछ मामलों में रैशेज की समस्या भी देखने को मिलती है।
चिकनपॉक्स (Chickenpox)
वैरिसेला-जोस्टर वायरस (वीजेडवी) चिकनपॉक्स का कारण माना जाता है, यह एक वायरल संक्रमण होता है। इस में बच्चे के शरीर पर लाल धब्बों होने लगते हैं, जो बाद में फोड़े की तरह दिखाई देने लगते हैं। बाद में यह पपड़ी की तरह बन जाते हैं।
हाथ, पैर और मुंह की बीमारी (एचएफएमडी - HFMD)
यह समस्या एंटरोवायरल के कारण होती है। इसमें बच्चे के हाथ, पैर और और हथेलियों में घाव व छाले होते हैं। इसमें शरीर में दाने और रैशेज हो सकते हैं।
बच्चे में वायरल रैशेज के लक्षण - Symptoms Of Viral Rashes In Babies In Hindi
- बच्चे के शरीर में दाने होना,
- बुखार के साथ बच्चे के शरीर में रैशेज होना,
- चिड़चिड़ापन,
- भूख कम लगना,
- सर्दी जुकाम के बाद बच्चे के शरीर में रैशेज, आदि।
बच्चों में वायरल रैशेज का बचाव कैसे किया जाता है - How To Prevent Viral Rashes In Babies In Hindi
बच्चे को पर्याप्त पानी पिलाएं
मां का दूध बच्चे को पर्याप्त पोषण प्रदान करता है। मां के दूध से बच्चे को डिहाइड्रेशन की समस्या नहीं होती है। मां का दूध बच्चे को वायरल इंफेक्शन से बचाने में भी सहायक होता है।
बुखार के लिए मेडिसिन
बच्चे का बुखार कम करने के लिए डॉक्टर कुछ दवाएं देते हैं। इन दवाओं से आप बच्चे के बुखार को कम कर सकते हैं। ऐसे में बुखार की वजह से होने वाले रैशेज कम हो जाते हैं।
त्वचा की देखभाल
बच्चे के रैशेज को दूर करने के लिए आप उसकी त्वचा को साफ और सूखा रखें। त्वचा पर गंदगी की वजह से स्किन पर रैशेज हो सकते हैं। बच्चे की स्किन की समस्या को दूर करने के लिए घरेलू उपायों को भी अपना सकते हैं।
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बच्चों के वायरल रैशेज की समस्या को अनदेखा न करें। इससे बच्चे को कई अन्य तरह की समस्याए हो सकती है। इससे बच्चे को पिंपल्स, रैशेज, झाइयां और अन्य स्किन प्रॉब्लमस होने का खतरा बढ़ जाता है।