स्वस्थ शरीर के लिए इम्यून सिस्टम स्ट्रांग बनाना बेहद आवश्य होता है। छोटे बच्चों की इम्यूनिटी कमजोर होती है, ऐसे में उनको संक्रमण का खतरा होता है। इसमें सेप्सिस को भी शामिल किया जाता है। इसे ब्लड इंफेक्शन कहा जाता है, ब्लड इंफेक्शन में बच्चे को थकान और कमजोरी हो सकती है। हालांकि, शिशुओं में ब्लड इंफेक्शन होने की संभावना अधिक होती है। आगे बच्चों के चाइल्ड केयर क्लीनिक की पीडियाट्रिशियन डॉक्टर संध्या गोयल से जानते हैं कि बच्चों में ब्लड इंफेक्शन में क्या लक्षण दिखाई देते हैं। साथ ही, इससे बचाव कैसे किया जा सकता है।
सेप्सिस के क्या कारण हो सकते हैं? - What is sepsis in hindi
सेप्सिस एक गंभीर रोग है, इसमें बैक्टीरिया व जीवाणु से संक्रमण होने का खतरा होता है। यह किसी भी संक्रमण के कारण से हो सकता है। इसमें आप यूरिनरी ट्रैक्ट इंफेक्शन, लंग्स इंफेक्शन, स्किन इंफेक्शन और पेट से जुड़ी समस्याओं को शामिल कर सकते हैं। यह बच्चों के शरीर के अंगों को प्रभावित कर सकती है। सेप्सिस विश्व स्तर पर बाल मृत्यु दर का एक बड़ा कारण माना जा सकता है। विकासशील देशों के बच्चों में सेप्सिस से मृत्यु की दर करीब 50 प्रतिशत से अधिक देखने को मिली है।
शिशुओं में रक्त संक्रमण के लक्षण - Symptoms Of Blood Infection In Babies In Hindi
बुखार आना
ब्लड इंफेक्शन होने पर बच्चे को बार-बार बुखार आ सकता है। ऐसे में बच्चे को लगातार तेज बुखार आ सकता है। विशेष रूप से तीन वर्ष से कम उम्र के बच्चों को इसका जोखिम अधिक होता है।
सुस्ती और चिड़चिड़ापन
ब्लड इंफेक्शन होने पर शिशुओं में सुस्ती या चिड़चिड़ापन बढ़ सकता है। बच्चे थके हुए और सुस्त दिखाई देते हैं। बच्चे के व्यवहार में यह परिवर्तन समस्या की ओर संकेत कर सकता है। ऐसे में आपको तुरंत बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।
तेजी से सांस लेना या सांस लेने में कठिनाई
बच्चों को रक्त संबंधी इंफेक्शन होने पर रेस्पिरेटरी से जुड़ी समस्याएं हो सकती है। इस दौरान सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। ब्लड इंफेक्शन की वजह से बच्चे तेजी से सांस लेते हैं या उनको सांस लेते समय घरघराहट की आवाज हो सकती है।
त्वचा में असामान्य परिवर्तन
रक्त संक्रमण वाले शिशुओं में त्वचा में कई तरह के बदलाव हो सकते हैं। ऐसे में स्किन में चकत्ते और लालिमा हो सकती है। अभिभावकों को बच्चे के स्किन पर होने वाले बदलावों पर भी नजर रखनी चाहिए।
खाने में आनाकानी
ब्लड इंफेक्शन होने पर बच्चे की भूख कम होने लगती है। ऐसे में बच्चा खाना खाने में आनाकानी करने लगता है। ब्लड में इंफेक्शन होने पर बच्चे के वजन भी तेजी से कम हो सकता है। अगर, बच्चा खाना खाने के लिए माना कर रहा है तो यह किसी समस्या का संकेत हो सकता है।
शिशुओं में रक्त संक्रमण से बचाव के उपाय - Prevention Tips Of Blood Infection in Babies In Hindi
- बच्चों को साफ-सफाई की आदत डालें।
- दूध पिलाने वाली बोतल को डिसइंफेक्टेड अवश्य करें।
- बच्चे को समय-समय पर स्तनपान कराएं। इससे उन्हें पोषक तत्व मिलते हैं और इंफेक्शन की संभावना कम हो जाती है।
- इंफेक्शन से बचने के लिए बच्चे को समय पर टीके लगवाएं।
- बीमार व्यक्तियों के संपर्क में आने से बचें।
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बच्चे को संक्रमण से बचाने के लिए घर का तापमान सामन्य रखें। वहीं, बच्चों को बिस्तर और कपड़ों को नियमित रूप से धोएं। साथ ही, बच्चे को हाथ साफ कर खाना खिलाएं। यदि, बच्चे के इंफेक्शन के लक्षण दिखाई दें तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।