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बच्चों को किस तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं? जानें बचाव के उपाय

बदलता मौसम हो या बढ़ती गर्मी हर मौसम में बच्चे के इंफेक्शन होने का जोखिम अधिक होता है। इस लेख में आगे जानते हैं कि बच्चों को कौन से इंफेक्शन का जोखिम अधिक होता है।
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बच्चों को किस तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं? जानें बचाव के उपाय


What Kind Of infections Can Babies Get In Hindi: हर माता-पिता की यह इच्छा होती है कि उसका बच्चा स्वस्थ रहे। लेकिन, बच्चों का शरीर बहुत कोमल और संवेदनशील होता है। जन्म के बाद उनका इम्यून सिस्टम (प्रतिरक्षा प्रणाली) पूरी तरह से विकसित नहीं होता है, जिसके कारण वे कई तरह के संक्रमणों (Infections) की चपेट में आसानी से आ सकते हैं। कई बार ये संक्रमण मामूली होते हैं, लेकिन कुछ मामलों में ये गंभीर बीमारी का कारण भी बन सकते हैं। बच्चों को संक्रमण होना एक आम बात है लेकिन ऐसे में अभिभावकों बिना घबराएं कुछ तरह की सावधानियां बरतनी चाहिए। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियाट्रिशियन सीनियर कंसल्टेंट डॉ. दीपिका रुस्तगी से जानेते हैं कि छोटे बच्चों को कौन-कौन से संक्रमण हो सकते हैं, उनके लक्षण क्या होते हैं, और उनसे बचाव के उपाय क्या हैं?

बच्चों को किस तरह के इंफेक्शन हो सकते हैं? - What Kind Of infections Can Babies Get In Hindi

सांस से जुड़े संक्रमण (Respiratory Infections)

बच्चों को बरसात और खासतौर पर सर्दियों के मौसम में सांस से जुड़े संक्रमण का जोखिम अधिक होता है। इसमें सर्दी-जुकाम, ब्रोंकाइटिस, निमोनिया आदि को शामिल किया जा सकता है। इस तरह के संक्रमण में बच्चे को नाक बहना, तेज बुखार, खांसी, सीने में जकड़न और बार-बार छींक आने की समस्या हो सकती है।

What kind of infections can babies get

दस्त और उल्टी (Diarrhea and Vomiting)

बच्चों में यह आम समस्या मानी जाती है। बच्चों में वायरल, बैक्टीरियल या भोजन की एलर्जी के कारण उल्टी और दस्त की समस्या हो सकती है। डॉक्टर बताते हैं कि वायरस (जैसे रोटावायरस), गंदा पानी या दूषित भोजन, पानी पीने वाली बोतल या चम्मच की सफाई न होना इस समस्या के मुख्य कारण हो सकते हैं। ऐसे में बच्चों को डिहाइड्रेशन होने का जोखिम रहता है।

कान का संक्रमण (Ear Infection)

बुखार, उल्टी और दस्त के अलावा बच्चों में कान का संक्रमण भी देखने को मिलता है। बच्चों में कान की नली (Eustachian tube) छोटी और सीधी होती है, जिससे इन्फेक्शन का खतरा ज्यादा रहता है। दरअसल बच्चे को नहलाते समय पानी जाने या कान की सही तरह से सफाई का ध्यान न रखने की वजह से यह समस्या हो सकती है। इस स्थिति में बच्चा चिड़चिड़ा हो जाता है, कई बार वह दूध पीने से माना करता है और कान को छूकर रोता रहता है। ऐसे में अभिभावकों को तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।

त्वचा के संक्रमण (Skin Infections)

बच्चों की त्वचा बहुत कोमल होती है और एलर्जी, बैक्टीरिया या फंगल इन्फेक्शन से आसानी से प्रभावित हो सकती है। बच्चों को गिली नैपी से रैशेज, फंगल इंफेक्शन और बैक्टीरियल इंफेक्शन के कारण फोड़े फुंसी हो सकते हैं।

आंखों का संक्रमण (Eye Infections)

कुछ छोटे बच्चों को जन्म के समय या बाद में आंखों में संक्रमण हो सकता है। ऐसे में बच्चों की आंखों से पानी आना, आंकों का लाल होना और सुबह के समय आंखों का चिपकने जैसी समस्या हो सकती है।

बच्चों को इंफेक्शन से बचाव के लिए क्या करें? - Prevention Tips Of Child Infection In Hindi

  • अगर बच्चे को बार-बार छींक आ रही है तो उसे मोजे पहनाएं और ढककर रखें।
  • गर्मियों में बच्चे के कमरे के तापमान को ज्यादा गर्म या ज्यादा ठंडा न करें।
  • बच्चे के कमरे में ह्यूमिडिटीफायर का उपयोग करें।
  • दस्त होने पर बच्चे के ओआरएस का घोल दें।
  • बच्चे की आंखें चिपक जाए तो उसे हल्के गुनगुने पानी से साफ करें।

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What are common viral infections in babies: बच्चे संक्रमण के प्रति बेहद संवेदनशील होते हैं। उनके स्वास्थ्य की देखभाल बहुत जिम्मेदारी का काम है। बच्चे को यदि संक्रमण हो गया है तो उसे पर्याप्त आराम करने के लिए कहें। संक्रमण की वजह से बच्चा असहज हो रहा है तो ऐसे में आप तुरंत बच्चों के डॉक्टर से संपर्क करें।

FAQ

  • बच्चों में संक्रमण कितने समय तक रहता है?

    बच्चों में वायरल संक्रमण के लक्षण 14 दिनों तक रहना सामान्य है, कभी-कभी इससे भी ज्यादा रह सकते हैं। डॉक्टर बताते हैं कि बच्चों के वायरल संक्रमण को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए।
  • बच्चों में संक्रमण कैसे फैलता है?

    जब बच्चा पहले से संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आता है, तो ऐसे में छिंक और संक्रमित जगह को छूने से उसको भी संक्रमण हो सकता है।

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 22, 2025 08:00 IST

    Published By : Vikas Arya