आपकी लाइफस्टाइल का सीधा प्रभाव आपके स्वास्थ्य पर देखने को मिलता है। अनियमित और खराब जीवनशैली के चलते बढ़ती उम्र में लोगों को इंफेक्शन व अन्य बीमारी होने का जोखिम बढ़ जाता है। आपने खुद इस बात को नोटिस किया होगा कि उम्र बढ़ने के साथ ही व्यक्ति के शरीर में कई तरह के बदलाव होने लगते हैं। अधिक उम्र में व्यक्ति जल्द ही थकान महसूस करने लगते हैं, हड्डियां कमजोर होने लगती, मांसपेशियां ढिली होने लगती है। इसके अलावा, इम्यून सिस्टम के कमजोर होने बुजुर्गों को इंफेक्शन होने का जोखिम बढ़ जाता है। मौसम में हल्का बदलाव हो या किसी संक्रमण के फैलने का जोखिम सभी स्थितियों में बुजुर्गों को विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी जाती है। इस लेख में यशोदा अस्पताल के इंटरनल मेडिसिन और सीनियर कंसल्टेंट डॉक्टर एपी सिंह से जानते हैं कि बुजुर्गों को इंफेक्शन का जोखिम अधिक क्यों होता है?
वृद्ध व्यक्ति संक्रमण के प्रति अधिक संवेदनशील क्यों होते हैं? - Why Are Older People More Prone To Infection In Hindi
जब कोई बैक्टीरिया, वायरसस, फंगस या पैरासाइट शरीर में प्रवेश कर इम्यून सिस्टम को प्रभावित करता है,तो ऐसे में आपको इंफेक्शन हो जाता है। उम्र बढ़ने के साथ इम्यून सिस्टम कमजोर हो जाता है। ऐसे में संक्रमण होने का जोखिम भी बढ़ जाता है। फिलहाल अधिक उम्र में संक्रमण का जोखिम अधिक होने के कारणों को बताया गया है।
इम्यून सिस्टम में गिरावट
बढ़ती उम्र के साथ शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता धीरे-धीरे कमजोर होने लगती है। इस प्रक्रिया को इम्यूनसेनेसेंस (Immunosenescence) कहा जाता है। इसमें टी-सेल्स और बी-सेल्स जैसे रक्षक कोशिकाओं की संख्या और कार्यक्षमता कम हो जाती है, जिससे शरीर नए संक्रमणों से प्रभावी रूप से लड़ नहीं पाता है और ऐसे में इंफेक्शन का जोखिम अधिक बढ़ जाता है।
पहले से मौजूद बीमारियों का असर (Comorbidities)
उम्र बढ़ने के साथ ही ज्यादातर लोगों को हार्ट डिजीज, डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, किडनी और थायरॉइड आदि जैसी बीमारियां शुरु हो जाती है। ये सभी बीमारियां शरीर को कमजोर करने का काम करती है, इससे बुजुर्गों में इंफेक्शन का जोखिम कई गुना बढ़ जाता है।
दवाइयों का असर
आज के दौर में ज्यादातर बुजुर्गों को डायबिटीज और हाई बीपी की समस्या का सामना करना पड़ता है। ऐसे में जब आप लंबे समय तक दवाएं खाते हैं तो इससे इम्यून सिस्टम प्रभावित हो सकता है। ऐसे में व्यक्ति के संक्रमण से लड़ने की क्षमता कम हो जाती है।
पोषण की कमी
बुजुर्गों की भूख में कमी आ जाती है या दांत में दर्द व चबाने की दिक्क्त के चलते ज्यादातर बुजुर्ग एक ही जैसा आहार लेना पसंद करते हैं। इससे उनको विटामिन और प्रोटीन की कमी हो सकती है। इस तरह पोषण की कमी से उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता में भी कमी आने लगती है, इस उम्र में विटामिन डी, सी और जिंक की कमी से संक्रमण होने का जोखिम बढ़ जाता है।
फिजिकली एक्टिव न रहना
उम्र बढ़ने के साथ ज्यादा बुजुर्ग फिजिकली एक्टिव नहीं रहते हैं, इससे उनको हाथ-पैरों में दर्द जोड़ों की समस्या आदि का सामना करना पड़ता है। ज्यादातर समय तक एक्टिव न रहने से लंग्स से जुड़ी समस्या का जोखिम बढ़ जाता है, ऐसे में इंफेक्शन होने की संभावना भी बढ़ जाती है।
बढ़ती उम्र में संक्रमण से बचने के लिए क्या करें? - How to prevent infection as you age?
- बुजुर्गों को फ्लू वैक्सीन, निमोनिया वैक्सीन जैसी वैक्सीन जरूर लेनी चाहिए। ये उन्हें गंभीर संक्रमणों से बचा सकती हैं।
- अधिक उम्र होने पर समय-समय पर सभी विटामिन और मिनरल्स की जांच कराते रहना चाहिए।
- बढ़ती उम्र में विटामिन्स, मिनरल्स, और प्रोटीन से भरपूर संतुलित आहार लेना चाहिए। दालें, हरी सब्जियां, फल, दूध, और सूखे मेवे इम्यून सिस्टम को मजबूत करने में मदद करते हैं।
- हल्की-फुल्की एक्सरसाइज या योगासन से शरीर की सक्रियता बनी रहती है और फेफड़ों की कार्यक्षमता बढ़ती है। यह संक्रमण से लड़ने में मदद करता है।
- नियमित हाथ धोना, दांतों की सफाई, और व्यक्तिगत स्वच्छता संक्रमण को रोकने में अत्यंत उपयोगी हैं। जो लोग बुजुर्गों की देखभाल कर रहे हैं, उन्हें भी यह सावधानी बरतनी चाहिए।
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वृद्धावस्था में शरीर की रोग प्रतिरोधक क्षमता कम हो जाती है, जिससे संक्रमण का खतरा बढ़ जाता है। यह एक स्वाभाविक प्रक्रिया है, लेकिन उचित देखभाल, पोषण, व्यायाम, और स्वच्छता से हम इस खतरे को काफी हद तक कम कर सकते हैं। कुछ गंभीर संक्रमणों से बचने के लिए बुजुर्गों को नियमित रुप से अपनी जांच करवानी चाहिए। साथ ही, रेगूलर चैकअप के लिए कुछ माह के बाद डॉक्टर से अवश्य सलाह लेनी चाहिए।
FAQ
इन्फेक्शन क्यों बढ़ता है?
शरीर में इंफेक्शन तब बढ़ता है जब वायरस, बैक्टीरिया या अन्य रोगाणु आपके शरीर में प्रवेश करते हैं और गुणा करना शुरू कर देते हैं। ऐसे में आपको इंफेक्शन का जोखिम बढ़ जाता है।शरीर में इंफेक्शन के क्या लक्षण होते हैं?
बैक्टीरियल संक्रमण होने पर व्यक्ति को अक्सर संक्रमण वाले स्थान पर लालिमा, जलन, गर्मी, सूजन, बुखार और दर्द का अनुभव होता है, साथ ही लिम्फ ग्रंथियों में भी सूजन आ जाती है।इंफेक्शन कम करने के लिए क्या करना चाहिए?
इंफेक्शन कम करने के लिए व्यक्ति को समय-समय पर वैक्सीन लगानी चाहिए और डाइट में पोष्टिक चीजों को शामिल करना चाहिए। इससे रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत होती है।