Causes Of Leg Pains In Children In Hindi: बच्चों के सामान्य ग्रोथ से हमें यही बात समझ आती है कि बच्चे की इमोशनल और सोशल जरूरतें पूरी हो रही हैं। बच्चों की सेहत पर पेरेंट्स को विशेष ध्यान देने की जरूरत होती है। ऐसा क्यों? क्योंकि छोटे बच्चों का शरीर तेजी से ग्रो करता है। इस उम्र में अगर उन्हें सही डाइट न मिले या उनकी लाइफस्टाइल पर गौर न किया जाए, तो इससे उनका विकास प्रभावित हो सकता है। खैर, कई बार ऐसा हेता है कि कुछ बच्चे खेलते हुए या फिर बिना किसी वजह अपने पैरों में दर्द होने की शिकायत करते हैं। सामान्य तौर पर पेरेंट्स इस तरह के दर्द को समझ नहीं पाते हैं। उन्हें लगता है कि आखिर बच्चे के पैरों में दर्द क्यों हो रहा है? एक्सपर्ट की मानें, तो बच्चों को बिना चोट लगे भी पैरों में दर्द हो सकता है। इस दर्द को हम ग्रोइंग पेन के नाम से जानते हैं। इस लेख में हम जानेंगे कि आखिर बच्चों को इस तरह का दर्द क्यों होता है और पेरेंट्स इससे निपटने में बच्चों की किस तरह मदद कर सकते हैं। इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पवन मंडाविया ने एक इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
पैरों की मांसपेशियों में दर्द
12 साल से कम उम्र के बच्चे अक्सर बहुत ज्यादा एक्टिव होते हैं। वे स्कूल में खेलते हैं और घर में लौटकर अपने दोस्तों के साथ भी खूब मौज-मस्ती करते हैं। हालांकि, एक्टिव रहना बच्चों के लिए अच्छा है और आउटडोर एक्टिविटी बच्चों के विकास में भी अहम भूमिका निभाते हैं। लेकिन, हम इस बात को भी इग्नोर नहीं कर सकते हैं कि ओवर एक्टिव रहने की वजह से बच्चे थकान से भर जाते हैं। इसका असर उनके पैरों पर भी पड़ता है। ओवर एक्टिव रहने की वजह से पैरों की मांसपेशियां थक जाती हैं और देर शाम के समय बच्चों के पैरों में दर्द होने लगता है।
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शरीर में पानी की कमी
कुछ बच्चे आदतम कम पानी पीते हैं। जबकि, यह बात हम सभी जानते हैं कि शरीर में पर्याप्त मात्रा में पानी का होना जरूरी है। ऐसा न हो, तो बॉडी डिहाइड्रेट हो सकती है। डिहाइड्रेशन होने की वजह से कई तरह की परेशानियां होने लगती हैं। इन्हीं में से एक है मांसपेशियों में दर्द। बच्चों के साथ भी ऐसा ही होता है। छोटी उम्र के बच्चे अक्सर अनजाने में काफी कम पानी पीते हैं, जिसका नेगेटिव असर उनके पैरों की मांसेशियों में हो रहे दर्द के रूप में देखने को मिलता है।
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विटामिन-डी की कमी
विटामिन-डी हड्डियों के लिए बहुत ही उपयोगी न्यूट्रिएंट है। विटामिन-डी की कमी होने पर न सिर्फ बच्चों का हेल्थ इफेक्टेड होता है। इसके साथ ही, वयस्कों, बुजुर्गों पर भी इसका बुरा असर देखने को मिलता है। अगर खासकर बच्चों की बात करें, तो विटामिन-डी की कमी की वजह से बच्चों की हड्डियां कमजोर होने लगती हैं। नतीजतन, ओवर एक्टिव रहने की वजह से उनके पैरों में दर्द होने लगता है।
पैर दर्द को कम करने के घरेलू उपाय
बच्चों के पैरों में हो रहे दर्द को दूर करने के लिए कुछ घरेलू उपायों की मदद ली जा सकती है-
- गर्म पानी से बच्चों के पैरों की सिंकाई करें। ऐसा उस समय करें, जब बच्चा खेलकर आता है। सिंकाई करने के लिए एक बर्तन हल्का गर्म पानी लें। बच्चे से कहें इस पानी में पैर डालकर कुछ देर बैठा रहे। इससे उसे दर्द में आराम मिलने लगेगा।
- रात को सोने पहले आप बच्चे के पैरों की गुनगुने नारियल तेल से मालिश कर सकते हैं। इससे पैरों की मसल्स रिलैक्स हो जाती हैं और दर्द से राहत मिलती है।
- बच्चे की बॉडी को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें। इसके लिए, उनकी डाइट में फल, पानी और हेल्दी चीजें शामिल करें।
- बच्चा जब खेलने जाने वाला है, तो उसे कहें कि वह अपनी बॉडी को स्ट्रेच करें। स्ट्रेच करने की वजह से खेलने के बाद बॉडी पेन नहीं होगा।
- आपके बच्चे के शरीर में अगर काफी विटामिन-डी की कमी है, तो आप डॉक्टर से संपर्क कर उसे विटामिन-डी के सप्लीमेंट दे सकते हैं।
image credit: freepik