Causes Of Green Stool In Infants In Hindi: आमतौर पर शिशु की डाइट में ऐसी कोई चीज शामिल नहीं होती है, जिससे उनकी तबियत खराब हो। इसके बावजूद, उम्र के हिसाब से शिशुओं के मल का रंग बदलता रहता है। कई विशेषज्ञ यह भी सलाह देते हैं कि आप शिशु के मल के रंग से उसकी सेहत का अंदाजा लगा सकते हैं। खैर, कई बार आपने यह भी देखा होगा कि शिशु के मल का रंग हरा होता है। तो क्या यह सामान्य है? या फिर हरे रंग का मल किसी बीमारी की ओर संकेत करता है? कई नई मांओं के मन में इस तरह के सवाल उठ सकते हैं। दरअसल, मौजूदा समय में ज्यादातर लोग न्यूक्लियर फैमिली में रहते हैं। ऐसे घरों में जो महिला नई-नई मां बनी होती है, उसके लिए शिशु का रोना ही नहीं, मल का रंग भी चिंता का कारण बन सकता है। शिशु के मल का रंग आखिर हरा क्यों होता है? इस संबंध में बाल रोग विशेषज्ञ डॉक्टर पवन मंडाविया ने एक इंस्टाग्राम पर एक वीडियो शेयर किया है।
ट्रांजिशनल स्टूल- Transitional Stool
जब बच्चा एक से तीन दिन का होता है और उसका मल हरे रंग का होता है, तो इसे ट्रांजिशनल स्टूल के नाम से जाना जाता है। दरअसल, जन्म के तुरंत बाद शिशु काले रंग का मल त्यागता है, जो धीरे-धीरे समय के साथ हरे में बदलता है। इसके बाद वह ब्राउन और फिर सामान्य रंग यानी पीले रंग में बदल जाता है। इसका मतलब है कि अगर आपका शिशु हरे रंग का मल त्याग करे, तो यह चिंता की बात नहीं होती है।
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हाइंडमिल्क और फोरमिल्क में इंबैलेंस- Imbalance Of Hindmilk And Foremilk
अगर आपका शिशु 3 दिन से लेकर 3 महीने का है, तो इस अवस्था में आमतौर पर मांएं बच्चे को अपना दूध ही पिलाती हैं। वैसे भी इस उम्र में बच्चे को बाहरी चीजें देना सुरक्षित नहीं होता है। लेकिन, अगर इस उम्र में बच्चा पीले मल के बजाय हरा मल त्याग करता है, तो यह सही नहीं है। इसका मतलब है कि बच्चे के पेट में हाइंडमिल्क और फोरमिल्क का इंबैलेंस हो गया है। इसे आप ऐसे समझें कि शिशु को दूध पिलाने की शुरुआत में प्रचुर मात्रा में फोरमिल्क मिल जाता है, जबकि वह बाकी का हाइंडमिल्क नहीं पीपता है। इसे ओवरसप्लाई, या फोरमिल्क और हाइंडमिल्क में असंतुलन के रूप में जाना जाता है। ज्यादा मात्रा में फोरमिल्क लेने की वजह से शिशु को ज्यादा मात्रा में लैक्टोज मिल जाता है, जिस वजह उसके मल का रंग हरा हो जाता है।
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दांत निकलने के कारण- Teething At The Age Of 3 To 6 Months
अगर आपका बच्चा 3 से 6 महीने के बीच का है, तो यह उम्र शिशुओं में दांत निकलने की होती है। अक्सर जब बच्चे के मुंह में दांत निकल रहे होते हैं, तो उन्हें हरे रंग की पॉटी होने लगती है। यह भी कोई भी विशेष चिंता की बात नहीं होती है। एक समय के बाद शिशु की यह स्थिति अपने आप ठीक हो जाती है। हालांकि, अगर शिशु को बहुत ज्यादा बार पॉटी आए, तो आप एक बार डॉक्टर से संपर्क कर सकते हैं।
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बाहरी खाद्य पदार्थ की वजह से- Weaning Foods
छह माह से एक साल की उम्र के बच्चे भी हरे रंग का मल त्याग करते हैं। इसकी वजह यह है कि छह माह के बाद बच्चों को कॉम्प्लीमेंटर फूड दिया जाना शुरू हो जाता है। ऐसे में अगर बच्चे को हरी पत्तेदार सब्जियां ज्यादा मात्रा में दी जाए और बच्चा उसे चबाए बिना ही निगल जाए, तो अक्सर बच्चे के मल का रंग हरा हो सकता है।
इंफेक्शन भी है कारण- Due To Infection
अगर बच्चे की उम्र एक साल से ज्यादा है और उसकी पॉटी का रंग ग्रीन है, तो इसका मतलब है कि बच्चे को इंफेक्शन हुआ है। रोटावायरस की वजह से बच्चे को इंफेक्शन हो सकता है। साथ ही बच्चे को डायरिया भी हो सकता है। ऐसे मामले में पेरेंट्स को लापरवाही नहीं करनी चाहिए। अगर बच्चे को हरे मल के साथ-साथ उल्टी हो रही है, बुखार है, वह लेजी फील कर रहा है, तो उसे तुरंत डॉक्टर के पास ले जाएं। इसके अलावा, अगर बच्चा सिर्फ हरे रंग का मल त्याग करे, तो यह चिंता की बात नहीं है। इसे सामान्य समझा जा सकता है।
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