आज के समय में भागदौड़ भरी जिंदगी, अनियमित दिनचर्या, नींद की कमी, असंतुलित खान-पान और मानसिक तनाव जैसी चीजें अब आम हो गई हैं। इसके साथ ही बढ़ते हुए प्रदूषण ने भी हमारे शरीर और स्किन पर गहरा प्रभाव डाला है। पहले जहां स्किन से जुड़ी समस्याएं उम्र बढ़ने के साथ होती थीं, अब वे कम उम्र में ही दिखाई देने लगी हैं। इन्हीं समस्याओं में से एक है अनईवन स्किनटोन यानी असमान रंगत की समस्या। असमान रंगत तब होती है जब चेहरे या शरीर की स्किन का रंग एक जैसा नहीं दिखता। कुछ जगहों पर स्किन काली, कुछ पर दाग-धब्बेदार या कुछ हिस्सों में ड्राईनेस नजर आती है। यह न सिर्फ स्किन को बेजान बनाता है बल्कि व्यक्ति के आत्मविश्वास पर भी असर डालता है। खासकर चेहरे की रंगत असमान हो जाने पर लोग अक्सर मेकअप या केमिकल प्रोडक्ट्स का सहारा लेने लगते हैं, जो कई बार स्थिति को और बिगाड़ देते हैं।
ऐसे में यह जानना जरूरी हो जाता है कि असमान रंगत का असली कारण क्या है? क्या यह सिर्फ धूप में रहने से होता है या इसके पीछे अंदरूनी कारण भी हैं? इस लेख में हम Dr. Geeta Grewal, Founder and CMD – 9 Muses Wellness Clinic से विस्तार से जानेंगे कि असमान रंगत के मुख्य कारण क्या हैं, इसके लक्षण कैसे पहचाने और इस समस्या से छुटकारा पाने के लिए कौन-कौन से घरेलू और मेडिकल ट्रीटमेंट अपनाए जा सकते हैं।
अनईवन स्किनटोन के कारण और बचाव - Causes and prevention of uneven skin tone
1. सूर्य की हानिकारक किरणें - Sun Damage
स्किन की असमान रंगत के सबसे सामान्य कारणों में से एक है धूप में ज्यादा समय बिताना। सूर्य की UV किरणें स्किन में मेलानिन की मात्रा को असंतुलित कर देती हैं जिससे कुछ हिस्सों में काले धब्बे या टैनिंग हो जाती है। इससे बचने के लिए धूप में निकलने से पहले कम से कम SPF 30 वाला ब्रॉड स्पेक्ट्रम सनस्क्रीन (How do you treat uneven skin tone) लगाएं। इसके अलावा टोपी, चश्मा और स्कार्फ का इस्तेमाल करें।
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2. हार्मोनल असंतुलन - Hormonal Imbalance
शरीर में हार्मोनल बदलाव होने का असर भी स्किन पर नजर आता है और असमान रंगत जैसी समस्याएं हो सकती हैं। प्रेग्नेंसी, पीरियड्स या पिल्स के कारण हार्मोनल बदलाव होते हैं, जिससे स्किन पर मेलास्मा या डार्क पैच (What is the main cause of uneven skin tone) दिखने लगते हैं। अगर इस तरह की समस्या से आप जूझ रहे हैं तो डर्मेटोलॉजिस्ट से परामर्श लें और उनकी सलाह पर हार्मोन बैलेंस करने वाले सप्लीमेंट्स या दवाओं का सेवन करें। कुछ मामलों में हाइड्रोक्विनोन या रेटिनोइड क्रीम का प्रयोग किया जाता है।
3. मुंहासों के दाग और स्किन इंफ्लेमेशन - Post-Acne Marks
मुंहासे ठीक होने के बाद अक्सर उनके निशान रह जाते हैं, जो स्किन टोन को असमान बनाते हैं। इसी तरह एलर्जी या स्किन इंफ्लेमेशन भी दाग छोड़ (how to get even skin tone naturally at home) सकते हैं। इस तरह की समस्या में स्किन को बार-बार न छुएं या न खुजलाएं और डॉक्टर की सलाह पर नियासिनमाइड और सैलिसिलिक एसिड युक्त प्रोडक्ट्स का उपयोग करें। ऐसी स्थिति में Chemical Peels या माइक्रोडर्माब्रेशन भी असरदार हो सकते हैं।
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4. उम्र बढ़ना - Aging and Dark Spots
उम्र बढ़ने के साथ-साथ स्किन की रिपेयरिंग प्रोसेस भी कम होती जाती है, जिससे डार्क स्पॉट्स, झुर्रियां और असमान स्किन टोन उभरने लगती है। ऐसी स्थिति में एंटी-एजिंग क्रीम्स में रेटिनॉल और विटामिन E का प्रयोग करें। कोलेजन बढ़ाने वाले सप्लीमेंट्स मददगार हो सकते हैं। इसके अलावा नियमित एक्सफोलिएशन से डेड स्किन सेल्स हटती हैं और स्किन टोन सुधरता है।
5. गलत स्किन केयर प्रोडक्ट्स और केमिकल्स - Harsh Products
हर स्किन टाइप के लिए हर प्रोडक्ट नहीं होता। कुछ केमिकल्स जैसे अल्कोहल या पेराबेन्स युक्त क्रीम्स या लोशन स्किन को नुकसान पहुंचा सकते हैं और टोन असमान कर सकते हैं। ऐसे में अपनी स्किन टाइप के अनुसार ही प्रोडक्ट चुनें और नेचुरल और ऑर्गेनिक प्रोडक्ट्स को प्राथमिकता दें। किसी नए प्रोडक्ट का इस्तेमाल करने से पहले पैच टेस्ट जरूर करें।
निष्कर्ष
असमान स्किन टोन की समस्या भले ही सामान्य हो, लेकिन इसे नजरअंदाज नहीं करना चाहिए। सही कारण पहचानकर यदि समय पर उपचार किया जाए तो स्किन फिर से ग्लोइंग, हेल्दी और एक समान दिखाई दे सकती है। अगर घरेलू उपाय से सुधार न हो तो डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लेना सबसे समझदारी भरा कदम होगा।
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