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अंगों में तेज चुभन वाला दर्द क्यों होता है? डॉक्टर से जानें कारण

कुछ लोगों को हाथ पैरों पर कई बार चुभन की तरह दर्द होता है। जिसमें ऐसा महसूस होता है कि जैसे हाथ पैरों पर झुनझुनी हो रही हो। इस लेख में आगे जानते हैं कि हाथ पैरों में चुभन की तरह दर्द होने के पीछे क्या कारण हो सकते हैं।
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अंगों में तेज चुभन वाला दर्द क्यों होता है?  डॉक्टर से जानें कारण


कुछ लोगों को हाथ-पैरों को हिलाने में परेशानी होती है और ऐसा महसूस होता है जैसे कि अंगों पर कुछ चीज चुभ गई हो। इस तरह के दर्द के पीछे कई कारण हो सकते हैं। कई बार पोजीशन में आए बदलाव या दबाव के चलते इस तरह का दर्द महसूस होता है, जो कुछ समय के बाद खुद-ब-खुद ठीक हो जाता है। अगर, आपको हाथ-पैरों में झुनझुनी के साथ तेज चुभन की तरह दर्द महसूस हो रहा है तो यह पेरेस्थीसिया (Paresthesia) का संकेत हो सकता है। कई बार व्यक्ति को इस समस्या में त्वचा पर रेंगने या खुजली जैसी अनुभूति भी हो सकती है। यह आमतौर पर अस्थायी होता है, लेकिन लंबे समय तक के लिए भी हो सकता है। अंगों को पोषण देने वाली नसों पर दबाव की वजह से यह स्थिति उत्पन्न होती है। जब व्यक्ति नसों पर पड़ने वाले दबाव को कम करता है तो इससे परेशानी या बैचेनी दूर हो जाती है। इस लेख में सीनियर कंसल्टेंट न्यूरोलॉजिस्ट डॉ जयेन्द्र यादव मेडिकवर अस्पताल से जानेंगे पेरेस्थीसिया क्या है, इसके मुख्य कारण क्या हो सकते हैं, कौन-कौन से लक्षणों से इसे पहचाना जा सकता है।

पेरेस्थीसिया क्या है? - What is Paresthesia?

"पेरेस्थेसिया" एक मेडिकल टर्म है जिसका अर्थ है त्वचा पर या उसके ठीक नीचे झुनझुनी, जलन, चुभन या चुभन, त्वचा में रेंगन, खुजली, "सुई चुभन" या सुन्नपन होता है। यह आपके शरीर के विभिन्न हिस्सों और पूरे शरीर को प्रभावित कर सकता है। यह समस्या कई बार बिना किसी बाहरी कारण या चेतावनी के हो सकती है। पेरेस्थेसिया एक बहुत ही सामान्य अनुभव है। हर कोई किसी न किसी समय इसका अनुभव करता है, और यह कई कारणों से हो सकता है। इसके कई सामान्य कारण हानिरहित होते हैं और आपके शरीर के सामान्य कार्य को प्रभावित कर सकते हैं। लेकिन कुछ मामलों में, पेरेस्थेसिया किसी मेडिकल इमरजेंसी का संकेत भी हो सकता है।

causes and symptoms of Paresthesia in Hindi

पेरेस्थीसिया के कारण - Causes of Paresthesia in Hindi

नसों पर दबाव - Nerve Compression

लंबे समय तक एक ही मुद्रा में बैठने या लेटने से नसों पर दबाव पड़ता है, जिससे अस्थायी पेरेस्थीसिया हो सकता है।

डायबिटिक न्यूरोपैथी - Diabetic Neuropathy

डायबिटीज के कारण नसें क्षतिग्रस्त हो सकती हैं, जिससे लगातार झुनझुनी या सुन्नपन महसूस होता है। इसे डायबिटीक न्यूरोपैथी कहा जाता है। 

कार्पल टनल सिंड्रोम - Carpal Tunnel Syndrome

लंबे समय तक होने वाले पेरेस्थीसिया को कार्पल टनल सिंड्रोम से जोड़कर देखा जाता है। यह हाथ की नसों पर दबाव के कारण होता है, जिससे हाथों में झुनझुनी और जलन महसूस होती है।

विटामिन B12 की कमी - Vitamin B12 Deficiency

विटामिन B12 की कमी से नसें कमजोर हो जाती हैं, जिससे पेरेस्थीसिया हो सकता है।

सिर या रीढ़ की हड्डी में चोट

यदि रीढ़ की हड्डी या सिर में चोट लगती है, तो यह नसों को प्रभावित कर सकती है जिससे पेरेस्थीसिया के लक्षण दिखाई देते हैं।

ऑटोइम्यून बीमारियां

गिलन बेरे सिंड्रोम, ल्यूपस जैसी बीमारियां भी नसों पर असर डालकर झुनझुनी पैदा कर सकती हैं।

पेरेस्थीसिया के लक्षण - Symptoms of Paresthesia in Hindi

  • हाथों या पैरों में सुई चुभने जैसी जलन
  • चलते समय परेशानी होना
  • हाथों या पैरों में झुनझुनी (tingling sensation)
  • किसी अंग में सुन्नपन या संवेदनहीनता
  • लंबे समय तक बैठने के बाद अंगों में अजीब अनुभूति आदि।

पेरेस्थीसिया का इलाज - Treatment of Paresthesia in Hindi

पेरेस्थीसिया के इलाज से पहले डॉक्टर मरीज को ब्लड टेस्ट, नर्व कंडक्शन टेस्ट, एमआरआई (MRI) या सीटी स्कैन (CT Scan) और इलेक्ट्रोमायोग्राफी (EMG) करने की सलाह देते हैं।

  • टेस्ट के बाद डॉक्टर समस्या के कारण को समझकर उसे दूर करते हैं।
  • विटामिन की कमी होने पर सप्लीमेंट्स दिए जाते हैं।
  • यदि यह समस्या डायबिटीज के कारण हो रही है तो ऐसे में ब्लड शुगर को कंट्रोल करने पर विचार किया जाता है।
  • इसके अलावा, फिजियोथेरेपी भी की जाती है।
  • यदि इलाज के सभी तरीके अपनाने के बाद भी आराम नहीं मिलता तो डॉक्टर सर्जरी करते हैं।

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पेरेस्थीसिया एक सामान्य लेकिन कभी-कभी गंभीर लक्षण हो सकता है। अगर यह केवल कुछ समय के लिए हो और बार-बार न हो, तो यह कोई समस्या नहीं है। लेकिन यदि यह स्थिति बार-बार हो रही हो या लंबे समय तक बनी रहे, तो यह किसी गंभीर बीमारी की ओर इशारा कर सकती है। समय रहते जांच और इलाज कराना बेहद जरूरी है। साथ ही, सही पोषण और जीवनशैली अपनाकर इससे काफी हद तक बचाव किया जा सकता है।

FAQ

  • क्या पेरेस्थीसिया का इलाज संभव है?

    हां, यदि इसका कारण पहचाना जाए तो इसका इलाज संभव है। विटामिन की कमी, डायबिटीज या नसों की चोट के अनुसार इलाज किया जा सकता है।
  • क्या पेरेस्थीसिया स्थायी हो सकता है?

    अगर इसका कारण गंभीर नसों की क्षति हो, तो यह स्थायी हो सकता है। लेकिन ज्यादातर मामलों में यह अस्थायी होता है और इलाज से ठीक हो जाता है।
  • पेरेस्थीसिया से बचने के लिए क्या खानपान जरूरी है?

    जी हां, विटामिन B12, B6, मैग्नीशियम और ओमेगा-3 फैटी एसिड से भरपूर आहार लेने से पेरेस्थीसिया से बचा जा सकता है।

 

 

 

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