Causes Of Uremia In Hindi: शरीर में टॉक्सिन्स बढ़ने की वजह से कई तरह की समस्याएं हो सकती है। जब शरीर में किडनी ठीक तरह से कार्य नहीं करती है, तो ऐसे में किडनी विषैले तत्वों को फिल्टर नहीं कर पाती है। ऐसे में रक्त में यूरिया और प्यूरिन की मात्रा बढ़ सकती है। ऐसे में शरीर में सूजन और एसिड बढ़ सकते हैं। एक्सपर्ट की मानें तो किडनी की कार्यक्षमता प्रभावित होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं। रक्त में यूरिया बढ़ने के पीछे क्रोनिक किडनी डिजीज जिम्मेदार होता है। किडनी से जुड़ी समस्या धीरे-धीरे बनती हैं। लेकिन, यदि इन लक्षणों को नजरअंदाज किया जाए तो ऐसे में यह गंभीर रोगों का कारण बन सकते हैं। सही समय पर इलाज न करने की वजह से यह रोग जानलेवा हो सकता है। इस लेख में नवी मुंबई के मेडिकवर अस्पताल के कंसल्टेंट नैफ्रोलॉजिस्ट डॉ. अमर कुलकर्णी से (Dr Amar Kulkarni, Consultant Nephrologist, Medicover Hospitals, Kharghar, Navi Mumbai) से जानते हैं कि खून में यूरिया की मात्रा बढ़ने की क्या वजह हो सकती है?
यूरिमिया क्या होता है? - What is Uremia In Hindi
Uremia (यूरेमिया) एक मेडिकल कंडिशन है जिसमें व्यक्ति के खून में यूरिया और अन्य विषाक्त पदार्थों का स्तर बढ़ जाता है। यह आमतौर पर तब होता है जब किडनी सही तरीके से काम नहीं करती और शरीर से अपशिष्ट पदार्थों को ठीक से निकाल नहीं पाते।
यूरिमिया के क्या कारण हो सकते हैं? - Causes Of Uremia In Hindi
क्रॉनिक किडनी डिजीज (CKD)
क्रॉनिक किडनी डिजीज (Chronic Kidney Disease) एक लंबे समय से चलने वाली बीमारी है, जिसमें किडनी धीरे-धीरे अपना कार्य करना बंद कर देती है। CKD के अंतिम चरण में व्यक्ति के रक्त में यूरिया का स्तर बढ़ जाता है। इसे ही यूरिमिया कहते हैं।
एक्यूट किडनी फेलियर (Acute Kidney Failure)
कभी-कभी किडनी अचानक काम करना बंद कर देते हैं, जिसे एक्यूट किडनी फेलियर (Acute Kidney Failure) कहा जाता है। यह इंफेक्शन, डिहाइड्रेशन, दवाओं के साइड इफेक्ट, या किसी अन्य गंभीर बीमारी के कारण हो सकता है। इस स्थिति में यूरिया और क्रिएटिनिन का स्तर तेजी से बढ़ जाता है, जिससे यूरिमिया हो सकता है।
हाई ब्लड प्रेशर (Hypertension)
अनियंत्रित हाई ब्लड प्रेशर किडनी को नुकसान पहुंचा सकता है और उनकी फिल्टरिंग क्षमता को प्रभावित कर सकता है। जब ब्लड प्रेशर अधिक समय तक अनियंत्रित रहता है, तो यह किडनी की कार्यप्रणाली को कमजोर कर सकता है और यूरिमिया का कारण बन सकता है।
डायबिटीज (Diabetes)
डायबिटीज (Diabetes) किडनी की नसों को नुकसान पहुंचा सकती है, जिससे किडनी के कार्य धीरे-धीरे प्रभावित होते हैं। यह स्थिति "डायबेटिक नेफ्रोपैथी" (Diabetic Nephropathy) के रूप में जानी जाती है, जो आगे चलकर यूरिमिया का कारण बन सकती है।
ऑटोइम्यून डिजीज (Autoimmune Diseases)
कुछ ऑटोइम्यून बीमारियां, जैसे लुपस (Lupus) और इगए नेफ्रोपैथी (IgA Nephropathy), शरीर की इम्यून सिस्टम को किडनी को नुकसान पहुंचाने के लिए प्रेरित कर सकती हैं। इससे किडनी की कार्यप्रणाली बाधित हो जाती है और यूरिमिया विकसित हो सकता है।
यूरिन में रुकावट (Urinary Obstruction)
यदि किसी व्यक्ति के यूरिन करने मार्ग में कोई रुकावट होती है, जैसे कि किडनी स्टोन (Kidney Stones), प्रोस्टेट ग्लैंड का बढ़ना (Enlarged Prostate) या ट्यूमर, तो यह यूरिया और अन्य टॉक्सिन्स के बाहर निकलने की प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है। इससे शरीर में टॉक्सिन्स जमा होने लगते हैं और यूरिमिया हो सकता है।
यूरिमिया से जुड़ी कुछ जटिलताएं - Complications During Uremia In Hindi
- यूरिमिया के कारण हाई ब्लड प्रेशर और दिल की धड़कनों में अनियमितता हो सकती है, जिससे दिल का दौरा या हार्ट फेल होने का खतरा बढ़ जाता है।
- किडनी की खराबी के कारण शरीर में अतिरिक्त तरल पदार्थ जमा हो जाता है, जो फेफड़ों में सूजन पैदा कर सकता है और सांस लेने में कठिनाई हो सकती है।
- यूरिमिया से शरीर में लाल रक्त कोशिकाओं (Red Blood Cells) का उत्पादन कम हो सकता है, जिससे एनीमिया हो सकता है।
- किडनी फेलियर के कारण शरीर में कैल्शियम और फॉस्फेट का असंतुलन हो सकता है, जिससे हड्डियों में कमजोरी और फ्रैक्चर होने की संभावना बढ़ सकती है।
- यूरिमिया के गंभीर मामलों में व्यक्ति के मस्तिष्क पर असर पड़ सकता है, जिससे व्यक्ति को दौरे (Seizures) और कोमा जैसी स्थितियों का सामना करना पड़ सकता है।
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Causes And Complication Of Uremia In Hindi: यूरिमिया एक गंभीर स्थिति है, जो मुख्य रूप से किडनी फेलियर के कारण होती है। इसके लक्षणों को समय रहते पहचानकर उचित इलाज कराना बेहद जरूरी है। अगर किसी व्यक्ति को बार-बार थकान, सांस लेने में कठिनाई, त्वचा की समस्याएं या भूख में कमी महसूस हो रही है, तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए।