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लिवर ट्यूमर होने के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण

शरीर के अन्य अंगों की तरह ही लिवर भी कई महत्वपूर्ण कार्य करता है। लेकिन, यदि लिवर में ट्यूमर बनने लगे तो पाचन और अन्य गंभीर समस्याओं का कारण बन सकता है। ऐसे में आगे जानते हैं कि लिवर में ट्यूमर बनने के पीछे क्या कारण जिम्मेदार हो सकते हैं?
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लिवर ट्यूमर होने के क्या कारण होते हैं? डॉक्टर से जानें इसके लक्षण


Liver Tumor Causes in Hindi: जब आप भोजन करते हैं तो उसे पचाने के लिए लिवर कई तरह के पाचन जूस जैसे बाइल का निर्माण करता है। लिवर पाचन क्रिया को दुरुस्त बनाने के साथ ही शरीर को डिटॉक्स करने, एनर्जी को स्टोर करने जैसे कई मुख्य कार्य करता है। लेकिन, जब किसी कारण वश लिवर में कोशिकाएं असामान्य रूप से बढ़ने लगती है, तो यह ट्यूमर का रूप ले सकती है। लिवर ट्यूमर एक गंभीर स्थिति है, यदि समय रहते इसकी पहचान करके इलाज शुरु कर दिया जाए तो बीमारी को काफी हद तक कंट्रोल किया जा सकता है। कुछ मामलों में यह ट्यूमर कैंसर मुक्त यानी बेनाइन तो कुछ में यह कैंसर युक्त यानी मैलिग्नेंट हो सकते हैं। इस लेख में डॉ. सावन बोपन्ना, सीनियर कंसल्टेंट, गैस्ट्रोएंटरोलॉजी और हेपेटोलॉजी, श्री बालाजी एक्शन मेडिकल इंस्टीट्यूट, दिल्ली से जानेंगे कि लिवर ट्यूमर क्या है, इसके मुख्य कारण क्या हो सकते हैं और इसके शुरुआती लक्षण कौन-कौन से होते हैं।

लिवर ट्यूमर क्या होता है? - What Is Liver Tumor In Hindi

लिवर ट्यूमर एक ऐसी अवस्था है जिसमें लिवर की कोशिकाएं अनियंत्रित रूप से बढ़ने लगती हैं और ऐसे में लिवर के अंदर गांठ या मास इकट्ठा हो जाता है। इस ट्यूमर को दो श्रेणियों में बांटा जाता है।

  • बेनाइन ट्यूमर (Benign Tumor): यह सामान्यतः कैंसरयुक्त नहीं होता और शरीर में फैलता नहीं है, जैसे - हेपाटोसेल्युलर एडेनोमा, हैमांजिओमा आदि।
  • मैलिग्नेंट ट्यूमर (Malignant Tumor): यह कैंसर का रूप ले सकता है और शरीर के अन्य भागों में फैल सकता है। जैसे - हेपाटोसेल्युलर कार्सिनोमा (HCC) जो सबसे आम प्रकार का लिवर कैंसर है।

लिवर ट्यूमर के मुख्य कारण - Causes Of Liver Tumor In Hindi

लिवर ट्यूमर के बनने के पीछे कई जोखिम कारक होते हैं, जिनमें कुछ आनुवांशिक होते हैं और कुछ जीवनशैली से जुड़े हो सकते हैं। इसके होने के कारणों को आगे बताया गया है।

हेपेटाइटिस बी और सी संक्रमण

यह लिवर को दीर्घकालिक डैमेज पहुंचाते हैं और समय के साथ सिरोसिस और लिवर कैंसर का कारण बन सकते हैं।

Causes of liver tumor in

लिवर सिरोसिस (Liver Cirrhosis)

सिरोसिस में लिवर की सामान्य कोशिकाएं डैमेज हो जाती हैं और उनके स्थान पर फाइब्रस टिशू बन जाते हैं। यह लिवर ट्यूमर का बड़ा कारण माना जा सकता है।

अत्यधिक शराब का सेवन

लंबे समय तक शराब पीने से लिवर की कोशिकाएं क्षतिग्रस्त होती हैं और ट्यूमर बनने का जोखिम बढ़ता है।

फैटी लिवर (NAFLD)

जिन लोगों के लिवर में अत्यधिक फैट जमा होती है (विशेषकर मोटापा या डायबिटीज से ग्रसित लोग), उनमें लिवर ट्यूमर की संभावना बढ़ जाती है।

अनुवांशिकता में मिली बीमारियां

जैसे हेमोक्रोमैटोसिस और विल्सन डिजीज जैसी अनुवांशिक बीमारियां लिवर को नुकसान पहुंचा सकती हैं।

एंडोक्राइन असंतुलन

कुछ हार्मोनल असंतुलन, विशेषकर महिलाओं में गर्भनिरोधक गोलियों के लंबे समय तक उपयोग से हेपाटोसेल्युलर एडेनोमा का खतरा बढ़ सकता है।

लिवर ट्यूमर के लक्षण - Symptoms Of Liver Tumor In Hindi

शुरुआती अवस्था में लिवर ट्यूमर के कोई स्पष्ट लक्षण नहीं दिखते, लेकिन जब यह बढ़ने लगता है तब शरीर कुछ संकेत देने लगता है। जिनको आगे बताया गया है।

  • पेट के ऊपरी दाएं हिस्से में दर्द या भारीपन महसूस होना। यह लिवर के आकार बढ़ने का संकेत हो सकता है।
  • भूख में कमी और वजन कम होना। बिना प्रयास के वजन घटना एक चिंताजनक लक्षण हो सकता है।
  • पेट में सूजन या जल भरना (Ascites) की समस्या। लिवर की कार्यक्षमता घटने पर पेट में तरल जमा हो सकता है।
  • पीलिया (Jaundice) होना। त्वचा और आंखों का पीला पड़ना लिवर के खराब होने का प्रमुख संकेत है।
  • थकान और कमजोरी महसूस होना। अत्यधिक थकान रहना, शरीर में ऊर्जा की कमी का अनुभव होना।
  • बार बार बुखार आना। यदि ट्यूमर का आकार बढ़ जाए या वह संक्रमण का कारण बने तो बुखार हो सकता है।
  • मल का रंग हल्का और पेशाब का रंग गहरा होना। यह लिवर की कार्य प्रणाली में गड़बड़ी का संकेत हो सकता है।

इसे भी पढ़ें: लिवर से जुड़ी बीमारियां क्यों होती हैं? डॉक्टर से जानें इनके बचाव के उपाय

लिवर ट्यूमर की समस्या की पुष्टि के लिए डॉक्टर मरीज को अल्ट्रासाउंड (Ultrasound), सीटी स्कैन, एमआरआई (CT Scan/MRI), लिवर फंक्शन टेस्ट (LFT) कराने की सलाह देते हैं। लिवर ट्यूमर का इलाज उसकी प्रकृति (बेनाइन या मैलिग्नेंट), आकार, स्थिति और मरीज की स्थिति पर निर्भर करता है। यदि ट्यूमर छोटा और सीमित है तो उसे हटाने के लिए सर्जरी की जा सकती है। इसके अलावा, यदि ट्यूमर में कैंसर कोशिकाएं बन रही है तो ऐसे में कीमोथेरेपी या रेडियोथेरेपी दी जा सकती है। कुछ गंभीर मामलो में मरीज को लिवर ट्रांसप्लांट की आवश्यकता हो सकती है। यदि किसी व्यक्ति को लिवर से जुड़ी समस्या या लक्षण दिखाई दे, तो ऐसे में तुरंत डॉक्टर से संपर्क करें।

FAQ

  • लिवर कैंसर कितने प्रकार के होते हैं?

    लिवर कैंसर दो तरह के होते हैं। प्राथमिक लिवर कैंसर और द्वितीयक लिवर कैंसर को शामिल किया जाता है। प्राथमिक लिवर कैंसर, हेपेटोसेलुलर कार्सिनोमा (HCC), लिवर में ही शुरू होता है, जबकि द्वितीयक लिवर कैंसर, शरीर के किसी अन्य अंग में शुरू होकर लिवर तक फैलता है। 
  • लिवर कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?

    लिवर कमजोर होने पर थकान, भूख कम लगना, पेट में दर्द, त्वचा और आंखों का पीलापन (पीलिया), और त्वचा में खुजली के लक्षण महसूस हो सकते हैं।
  • लिवर कैंसर के कितने चरण होते हैं?

    लिवर कैंसर चार स्टेज होती हैं। जिसमें स्टेज 1, स्टेज 2, स्टेज 3 और स्टेज 4 को शामिल किया जाता है। प्रत्येक चरण कैंसर की प्रगति और उसके फैलने के स्तर को दर्शाता है। 

 

 

 

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