कत्था (Catechu) आमतौर पर पारंपरिक भारतीय माउथ फ्रेशनर पान पर लगाया जाने वाले मीठे पेस्ट के रूप में जाना जाता है। हालांकि, हममें से बहुत से लोग इस बात से अवगत नहीं हैं कि चमकदार लाल कत्थे के अलावा, केचू का एक सुस्त सफेद संस्करण भी है जो स्वास्थ्य के लिए बेहद फायदेमंद है। यह कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज बन सकता है। ये बारिश के मौसम में जहां मलेरिया को ठीत करने में मदद कर सकता है, वहीं ये सर्दी जुकाम जैसे छोटे-मोटे फ्लू को ठीक करने का भी एक कारगार उपाय है। पर आज हम आपको कत्था के एक अनोखे फायदे के बार में बताएंगे, जो आपके पाचन तंत्र ठीक करने में आपकी मदद कर सकता है।
कत्था खैर के पेड़ की लकड़ियों से निकाला जाता है। वैसे तो इस पूरे पेड़ को ही औषधीय गुणों का भरमार माना जाता है, पर इसके लकड़ी से निकले कत्थे की एक अलग ही बात है। कत्था दो प्रकार के होते हैं
- 1-लाल कत्था
- 2-सफेद कत्था
लाल कत्था पान में इस्तेमाल किया जाता है। वहीं सफेद कत्था कई तरह के आयुर्वेदिक उपचारों में इस्तेमाल किया जाता है। सफेद कत्था एंटीफंगल गुणों से भरपूर माना जाता है। ये फंगल इंफेक्श को ठीक करकने में भी एक रामबाण इलाज के रूप में इस्तेमाल किया जा सकता है। दरअसल सफेद कत्था में ऐसे रसायन पाए जाते हैं, जो शरीर में सूजन को कम कर सकता है। ये पेट के बैक्टीरियो को मार कर गुड बैक्टीरिया के बढ़ोतरी में भी मदद करते हैं। वहीं रोज सुबह सफेद कत्थे का पानी पीना पेट के कई बीमारियों के लिए रामबाण इलाज साबित हो सकता है।
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पेट को ठंडा रखने के लिए खाली पेट पिएं सफेद कत्था का पानी
पेट की गर्मी के कारण अक्सर लोगों को बहुत सारी पेरशानियों का सामना करना पड़ता है। पेट की गर्मी के कारण मुंह में छोले पड़ जाते हैं, पेट में ममोड़ होता है, शरीर पर दाने निकलते हैं और पैर में दर्द आदि होता है। इन तमाम बीमारियों के लिए कत्था एक रामबाण इलाज के रूप में काम कर सकता है। दरअसल कत्थे के पानी में कई ऐसे गुण होते हैं, जो पेट के एंजाइम को रिलीज को सही करते हैं और इसमें सुधार लाते हैं। पेट को ठंडा करने के लिए
- -रात में एक बर्तन में सफेद कथा पानी में भीगो कर रख दें।
- -इसके बाद सुबह उठते ही इस पानी को खाली पेट पी लें।
- -आप चाहें तो स्वाद के लिए इसमें हल्का सा नमक या मिश्री मिला लें।
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दस्त में सफेद कत्था और शहद
कत्था पेट को शांत करता है और गुड बैक्टीरिया को बढ़ावा देता है। इसलिए दस्त और लूज मोशन में इसे खाना बेहज फायदेमंद है।ये एक प्रोबायोटिक के रूप में काम करता है और अच्छे बैक्टीरिया को सक्रिय करते हैं। शहद के साथ मिक्स करके इससे दस्त का इलाज और आसानी से किया जा सकता है। वहीं ये खून को भी साफ कर सकता है। इसके लिए सफेद कत्था को आजवाइन में पीस कर मिला कर रख लें। फिर जब भी पेट में ममोड़ हो या दस्त हो तो शहद मिला कर इसे चाट लें। ये पेट के दर्द और दस्त दोनों को राहत पहुंचा सकते हैं। ये छोटे बच्चों के लिए भी फायदेमंद हो सकता है। इसलिए सफेद कत्था को बेकार न समझें, सहेज कर घर में लाकर रख लें और पेट से जुड़ी परेशानियों में इसका इस्तेमाल करें।
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