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ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने के घरेलू उपाय

रक्त से जुड़ी समस्या में आपको हार्ट से जुड़ी बीमारियों का जोखिम बढ़ जाता है। इस लेख में आगे जानते हैं कि ब्लड में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को संतुलित करने के लिए आपको क्या उपाय अपनाने चाहिए? 
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ट्राइग्लिसराइड्स लेवल को कम करने के घरेलू उपाय


आज की भागदौड़ भरी और असंतुलित जीवनशैली ने हृदय रोगों को बहुत आम बना दिया है। बीते दशकों से लोगों में बीपी और डायबिटीज के रोगियों में इजाफा हुआ है। यह रोग आपके शरीर की अन्य कार्य प्रणाली को भी प्रभावित कर सकते हैं। आपको बता दें कि रक्त में मौजूद एक तरह के फैट को ट्राइग्लिसराइड (Triglycerides) कहा जाता है। जब ट्राइग्लिसराइड का स्तर सामान्य से अधिक होता है तो ऐसे में व्यक्ति को हृदय रोग का जोखिम बढ़ जाता है। लेकिन, डॉक्टर्स बताते हैं कि यदि आप खानपान और लाइफस्टाइल में आवश्यक बदलाव करें तो इस समस्या से खुद का बचाव कर सकते हैं। डॉक्टर मरीज को ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर बढ़ने पर शराब का अधिक सेवन न करने, मोटापे और डायबिटीज को कंट्रोल में रखने की सलाह देते हैं। इस लेख में आगे एनएमसी के सीनियर कंसल्टेंट डॉ विनोद कुमार से जानते हैं कि डाइट और लाइफस्टाइल में बदलाव करने से आप ट्राइग्लिसराइड्स को किस तरह मैनेज कर सकते हैं। 

ट्राइग्लिसराइड क्या है?

ट्राइग्लिसराइड रक्त में मौजूद एक तरह की फैट(fat) होता है। जब आप अधिक मात्रा में शुगर या उससे बने आहार और हाई कैलोरी डाइट लेते हो ऐसे में यह एनर्जी के लिए ट्राइग्लिसराइड में बदलकर कोशिकाओं में जमा हो जाते हैं। आगे जानते हैं इसका स्तर क्या होना चाहिए?

ट्राइग्लिसराइड की नॉर्मल रेंज

  • नॉर्मल रेंज: 150 mg/dL से कम
  • बॉडरलाइन : 150–199 mg/dL
  • हाई: 200–499 mg/dL
  • गंभीर स्तर : 500 mg/dL या अधिक 

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ट्राइग्लिसराइड को कम करने के घरेलू उपाय - Home Remedies To Reduce Triglycerides Level In Hindi 

ओमेगा-3 फैटी एसिड युक्त आहार 

ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहरा का सेवन कर आप हार्ट हेल्थ को बेहतर कर सकते हैं। वसायुक्त मछलियां जैसे सैल्मन, मैकेरल आदि इसका मुख्य सोर्स होती हैं। जो लोग मछली नहीं खाते हैं वह दही, सोया, अखरोट, अलसी के बीज, एवोकाडो, ब्रोकली का सेवन कर सकते हैं। 

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आहार में लहसुन का करें इस्तेमाल

भारत के अधिकतर घरों में लहसुन का इस्तेमाल किया जाता है। यह खाने के स्वाद को बढ़ाने के साथ ही, आपकी सेहत के लिए फायदेमंद होता है। माना जाता है कि लहसुन में पाए जाने वाला कम्पाउंड एलिसिन में लिपिड-कम करने वाले गुण होते हैं, जो  ट्राइग्लिसराइड के स्तर को प्रभावित कर सकता है।

फाइबर को डाइट में शामिल करें

हाई ट्राइग्लिसराइड्स को कम करने के लिए आप डाइट में फाइबर युक्त आहार का सेवन कर सकते हैं। सोल्यूबल फाइबर कोलेस्ट्रॉल के स्तर को कम करने और ब्लड शुगर को नियंत्रित करने में सहायक होते हैं। साथ ही, यह ट्राइग्लिसराइड को कम करने में मदद करते हैं। इसके लिए आप जौ, फलियां, फल, जई, पत्तेदार सब्जियों को डाइट में शामिल करें। 

एप्पल साइडर विनेगर

एप्पल साइडर विनेगर के कई फायदे होते हैं। यह आपके लिपिड प्रोफाइल को प्रभावित कर सकते हैं। कुछ अध्ययन बताते हैं कि एप्पल साइडर विनेगर ट्राइग्लिसराइड्स को करने और हार्ट हेल्थ में सुधार करने के लिए फायदेमंद होता है। इसके लिए आप एक गिलास पानी में एक से दो चम्मच एप्पल साइडर विनेगर का सेवन कर सकते हैं। कुछ लोगों को इससे समस्या हो सकती है। ऐसे में इसे लेने से पहले डॉक्टर की सलाह आवश्य लें। 

ग्रीन टी के फायदे 

ग्रीन टी में एंटीऑक्सीडेंट्स पाए जाते हैं। यह आपके शरीर में ट्राइग्लिसराइड के स्तर को कम करने में महत्वपूर्ण हो सकती है। ग्रीन टी में मौजूद कैटेचिन लिपिड प्रोफाइल और हार्ट हेल्थ में सहायक होती है। ग्रीन टी मोटापे को कम करने के साथ ही शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को नियंत्रित करने में मददगार होती है। 

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ट्राइग्लिसराइड को नियंत्रित करना सिर्फ एक मेडिकल ट्रीटमेंट का विषय नहीं है, बल्कि यह आपकी दिनचर्या और खानपान से भी जुड़ा हुआ है। यदि समय रहते इसे नियंत्रित न किया जाए, तो यह हृदय संबंधी गंभीर बीमारियों का कारण बन सकता है। लेकिन कुछ नेचुरल उपाय को अपनाकर आप बिना किसी साइड इफेक्ट के इससे बचाव कर सकते हैं। 

FAQ

  • क्या ट्राइग्लिसराइड को बिना दवा के कम किया जा सकता है?

    हां, यदि ट्राइग्लिसराइड बहुत अधिक न हो तो संतुलित आहार, नियमित व्यायाम और घरेलू उपायों से इसे कम किया जा सकता है। लेकिन अधिक होने पर डॉक्टर की सलाह जरूरी होती है।
  • क्या सुबह खाली पेट एप्पल साइडर विनेगर ट्राइग्लिसराइड को कम करता है?

    हां, रिसर्च के अनुसार एप्पल साइडर विनेगर मेटाबॉलिज्म को बढ़ाता है और शरीर की चर्बी को नियंत्रित करता है। लेकिन इसे सीमित मात्रा में ही उपयोग करना चाहिए।
  • ट्राइग्लिसराइड और कोलेस्ट्रॉल में क्या अंतर है?

    ट्राइग्लिसराइड शरीर की ऊर्जा के लिए उपयोग होती है जबकि कोलेस्ट्रॉल सेल की संरचना और हार्मोन बनाने में काम आता है। दोनों उच्च स्तर पर होने पर हृदय रोग का खतरा बढ़ाते हैं।

 

 

 

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