सेहतमंद जीवन के लिए यह बेहद जरूरी है कि हम अपने खानपान में ऐसी चीजों को शामिल करें जो न केवल स्वाद बढ़ाएं बल्कि शरीर को पोषण और संतुलन भी दें। आयुर्वेद में हर चीज की तासीर और उसके सेवन का समय जरूरी माना गया है। इसी संदर्भ में बात करें लौंग (Clove) की, तो यह एक ऐसी औषधीय मसाला है जो औषधीय गुणों से भरपूर है और आयुर्वेद में इसका विशेष महत्व है। लौंग में एंटीसेप्टिक, एंटीवायरल, एंटीबैक्टीरियल और पेन किलर गुण होते हैं। यह पाचन सुधारने से लेकर दांतों के दर्द तक में फायदेमंद मानी जाती है। लेकिन गर्मियों में लौंग का सेवन करना चाहिए या नहीं (garmi me laung khana chahiye ya nahi) यह एक आम सवाल है जो बहुत से लोगों के मन में उठता है। इस बारे में ज्यादा जानकारी के लिए हमने रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से बात की-
क्या गर्मियों में लौंग खानी चाहिए? - Can We Eat Clove In Summer
डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि आयुर्वेद के अनुसार, हर फूड और औषधीय पदार्थ की एक तासीर होती है यानी वह शरीर में किस प्रकार की ऊर्जा या प्रतिक्रिया उत्पन्न करता है। डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि लौंग की तासीर ठंडी (Is clove warming or cooling) मानी जाती है, इसलिए इसका सेवन गर्मियों में किया जा सकता है। लेकिन लौंग का एक खास गुण यह है कि यह उत्तेजक (Stimulant) भी है। इसका मतलब है कि यह शरीर और तंत्रिका तंत्र को एक्टिव करने का कार्य करता है। इस वजह से अगर इसे ज्यादा मात्रा में लिया जाए तो यह शरीर की उत्तेजना को बढ़ा सकता है, जिससे कुछ समस्याएं भी हो सकती हैं।
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डॉ. श्रेय शर्मा बताते हैं कि लौंग भले ही ठंडी तासीर वाली हो, लेकिन इसका ज्यादा सेवन शरीर में अतिउत्तेजना पैदा कर सकता है। लौंग में प्राकृतिक रूप से एनिस्थेटिक (anesthetic) प्रभाव होता है यानी यह कुछ समय के लिए दर्द की अनुभूति को कम कर देती है। यही कारण है कि इसे दांत दर्द में इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन अगर आप इसे अधिक मात्रा में लेते हैं तो आपके स्वाद ग्रंथियों (taste buds) पर असर पड़ सकता है और टेस्ट महसूस होना बंद हो सकता है। लंबे समय तक ज्यादा सेवन से तंत्रिका तंत्र पर दबाव पड़ सकता है और यह एसिडिटी और सिरदर्द जैसी समस्या भी बढ़ा सकता है।
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गर्मियों में लौंग खाने के फायदे - Benefits of eating cloves in summer
- गर्मियों में शरीर में अक्सर गर्मी और पित्त बढ़ता है। लौंग की ठंडी तासीर शरीर को संतुलित करने में मदद करती है और पाचन क्रिया को दुरुस्त रखती है।
- आयुर्वेद में लौंग को वातशामक माना गया है। यह वात दोष को संतुलित करती है और शरीर में सूजन, सिरदर्द, मांसपेशियों के दर्द और दांत दर्द में राहत देती है। लौंग नेचुरल पेनकिलर की तरह काम करती है।
- लौंग पेट की गैस, अपच और मरोड़ जैसी समस्याओं में राहत देती है। गर्मियों में जब खानपान अनियमित हो जाता है, तब लौंग पेट को राहत देने में मदद कर सकती है।
- लौंग में एंटीबैक्टीरियल गुण होते हैं जो मुंह की बदबू, मसूड़ों की सूजन और इंफेक्शन से लड़ने में मदद करते हैं।
- एंटीसेप्टिक और एंटीवायरल गुणों के कारण लौंग मौसमी इंफेक्शन से लड़ने की क्षमता बढ़ाती है।
लौंग का सेवन कैसे करें? - What is the best way to eat cloves
- लौंग को चबाकर, गर्म पानी के साथ, चाय में मिलाकर या मसाले के रूप में भोजन में डालकर सेवन किया जा सकता है।
- गर्मियों में लौंग की चाय या एक-दो लौंग पानी में उबालकर पीने से पाचन सुधरता है। लेकिन रोजाना नहीं सेवन करना चाहिए।
- भोजन में इस्तेमाल करने से स्वाद के साथ-साथ यह औषधीय लाभ भी देती है।
निष्कर्ष
लौंग एक प्रभावशाली आयुर्वेदिक औषधि है जो उचित मात्रा में सेवन करने पर कई स्वास्थ्य लाभ देती है, खासकर गर्मियों में। इसकी ठंडी तासीर शरीर में गर्मी और पित्त दोष को कंट्रोल करने में मदद करती है, साथ ही यह दर्द, अपच और मौसमी बीमारियों से भी राहत देती है। लेकिन यह भी ध्यान रखना जरूरी है कि लौंग उत्तेजक है और इसका अधिक सेवन शरीर के लिए नुकसानदेह हो सकता है। स्वाद खत्म होना, तंत्रिका तंत्र पर असर और एसिडिटी जैसी समस्याएं इसका संकेत हैं। इसलिए, आयुर्वेद के अनुसार, लौंग का सेवन सीमित मात्रा में, सही समय पर और शरीर की प्रकृति को ध्यान में रखते हुए ही करना चाहिए। यदि आप किसी रोग से ग्रसित हैं या नियमित रूप से किसी औषधि का सेवन कर रहे हैं, तो पहले किसी आयुर्वेदिक डॉक्टर से परामर्श लेना उचित होगा।
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FAQ
लौंग गर्म होती है या ठंडी?
आयुर्वेद के अनुसार लौंग की तासीर ठंडी मानी जाती है, लेकिन इसका असर शरीर पर थोड़ा उत्तेजक (stimulant) होता है। यानी लौंग शरीर को ठंडक (cloves are hot or cold) तो देती है, लेकिन इसके सक्रिय तत्व तंत्रिका तंत्र को उत्तेजित भी कर सकते हैं। लौंग में मौजूद तत्व दर्द निवारक और एंटीसेप्टिक गुणों वाले होते हैं, जो दांत दर्द और पाचन समस्याओं में लाभकारी है। लौंग का सेवन सीमित मात्रा में और सही तरीके से करना चाहिए।1 दिन में कितनी लौंग खाना चाहिए?
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा के अनुसार, एक दिन में 1 से 2 लौंग का सेवन पर्याप्त होता है। इसका सेवन भोजन के साथ मसाले के रूप में, चाय में मिलाकर या पानी में उबालकर किया जा सकता है। लौंग में औषधीय गुण होते हैं, लेकिन यह उत्तेजक प्रभाव डालती है, इसलिए अधिक मात्रा में सेवन करने से एसिडिटी, मुंह में जलन, स्वाद महसूस न होना जैसी समस्याएं हो सकती हैं। किसी रोग विशेष या गर्भावस्था की स्थिति में पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।लौंग खाने के फायदे क्या-क्या हैं?
लौंग के सेवन से अनेक फायदे मिलते हैं। यह एक प्राकृतिक औषधि है जिसमें एंटीबैक्टीरियल, एंटीसेप्टिक और एंटीऑक्सीडेंट गुण पाए जाते हैं। लौंग दांत दर्द, सांसों की बदबू, और मसूड़ों की सूजन में राहत देती है। यह पाचन तंत्र को मजबूत करती है, गैस और अपच में फायदेमंद है। यह इम्यूनिटी बढ़ाने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और शरीर में सूजन कम करने में सहायक है।