आज के डिजिटल युग में सोशल मीडिया ने हमारी लाइफस्टाइल और खानपान की आदतों को काफी हद तक प्रभावित किया है। आजकल लोग इंस्टाग्राम रील्स, यूट्यूब वीडियोज और वायरल पोस्ट्स को देखकर तुरंत किसी फूड्स को अपनी डाइट में शामिल कर लेते हैं, बिना यह जाने कि वह उनके शरीर, मौसम या आयुर्वेदिक दृष्टिकोण से उपयुक्त है या नहीं। ऐसा ही एक उदाहरण है अलसी (Flaxseed) का सेवन। अलसी को सुपरफूड कहा जाता है क्योंकि इसमें ओमेगा-3 फैटी एसिड, फाइबर और एंटीऑक्सिडेंट्स भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं, जो दिल की सेहत, वजन कंट्रोल और पाचन के लिए फायदेमंद माने जाते हैं। लेकिन आयुर्वेद के अनुसार अलसी का सेवन सभी ऋतुओं में नहीं किया जाना चाहिए। इस लेख में रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानिए, अलसी के बीज खाने के नुकसान क्या-क्या हैं?
क्या अलसी ठंडी होती है या गर्म? - Is flaxseed hot or cold for body
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि अलसी की प्रकृति ऊष्णवीर्य यानी गर्म तासीर वाली होती है। इसका मतलब यह है कि अलसी शरीर में गर्मी उत्पन्न करती है और पित्त दोष को बढ़ा सकती है। ऐसे में इसे कुछ विशेष ऋतुओं में नहीं खाना चाहिए, वरना यह शरीर में पित्त संबंधी समस्याएं बढ़ा सकती है। यही कारण है कि आयुर्वेद में अलसी का सेवन खास मौसमों में सीमित मात्रा में करने की सलाह दी जाती है।
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अलसी कब नहीं खानी चाहिए? - When not to eat flax seeds
डॉ. श्रेय शर्मा के अनुसार, अलसी को ग्रीष्म (गर्मी), वर्षा (मानसून) और शरद (सर्दी के पहले की गर्मी वाली ऋतु) में सेवन नहीं (When should you avoid flaxseed) करना चाहिए। इन मौसमों में वातावरण में या तो पहले से गर्मी होती है या पित्त दोष की संभावना अधिक होती है। ऐसे में अलसी का सेवन करने से शरीर में पित्त दोष के लक्षण बढ़ सकते हैं।
अलसी खाने के नुकसान - What are the side effects of flaxseed
अगर अलसी जैसी गर्म तासीर वाली चीजें गलत मौसम में खाई जाएं, तो शरीर में पित्त दोष बढ़ता है।
1. ब्लीडिंग की समस्या
नाक से खून आना या किसी भी अन्य प्रकार की अचानक ब्लीडिंग हो सकती है।
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2. चक्कर आना
शरीर में गर्मी बढ़ने से सिर भारी या चक्कर आ सकते हैं।
3. घबराहट और बेचैनी
पित्त के असंतुलन से मानसिक बेचैनी या घबराहट हो सकती है
4. एसिडिटी और जलन
पेट में जलन, खट्टी डकारें या गैस की समस्या बढ़ सकती है
5. मुंह में छाले और त्वचा पर रैशेज
अधिक गर्म तासीर वाले फूड्स के कारण मुंह में छाले और त्वचा पर रैशेज हो सकते हैं।
अगर अलसी सेवन करना हो तो क्या सावधानियां रखें? - What are the precautions for flaxseed
हालांकि अलसी बहुत लाभकारी है, लेकिन अगर किसी कारणवश गर्मियों या वर्षा ऋतु में इसका सेवन करना आवश्यक हो, तो आयुर्वेदिक डॉक्टर कुछ सावधानियां बरतने की सलाह देते हैं।
बहुत कम मात्रा में लें - एक दिन में आधा चम्मच से अधिक न लें
ठंडी चीजों के साथ लें - जैसे दही या छाछ में मिलाकर
दिन के ठंडे समय में सेवन करें - जैसे सुबह जल्दी
खाली पेट न लें - भोजन के साथ या बाद में ही सेवन करें
पित्त बढ़ने के लक्षण दिखें तो सेवन तुरंत बंद करें।
अलसी किन लोगों को नहीं खानी चाहिए? - Who should not eat flaxseeds
- पित्त प्रकृति के लोगों को अलसी का सेवन सावधानी से करना चाहिए।
- अलसी यूट्ररस में संकुचन ला सकती है, इसलिए प्रेग्नेंसी में बिना सलाह के इसका सेवन न करें।
- ब्लीडिंग डिसऑर्डर वाले लोग अलसी के सेवन से बचें। अलसी ब्लड थिनिंग करती है, जिससे ब्लीडिंग का खतरा बढ़ सकता है।
- एसिडिटी या गैस की समस्या वाले लोग अलसी का सेवन सीमित करें। अलसी गैस और एसिडिटी को बढ़ा सकती है।
अलसी खाने का सही तरीका क्या है? - What is the best way to eat flax seeds
- सर्दियों में सेवन करें
- भूनकर खाएं
- पानी के साथ लें
- सामान्य मात्रा में ही सेवन करें
निष्कर्ष
भले ही अलसी को सुपरफूड माना जाता है, लेकिन आयुर्वेद के अनुसार हर व्यक्ति का शरीर और मौसम की स्थिति अलग होती है। इसलिए यह जरूरी है कि किसी भी चीज का सेवन शरीर के दोषों, ऋतु और प्रकृति को ध्यान में रखकर किया जाए। अलसी के गर्म तासीर को नजरअंदाज कर गलत समय पर इसका सेवन करना फायदे की जगह नुकसान भी पहुंचा सकता है। इसलिए अगर आप अलसी का सेवन करना चाहते हैं, तो पहले अपनी तासीर और मौसम को ध्यान में रखें और बेहतर होगा कि किसी योग्य आयुर्वेदाचार्य से परामर्श लेकर ही इसका सेवन करें।
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FAQ
अलसी कब नहीं खानी चाहिए?
अलसी को आयुर्वेद में ऊष्णवीर्य यानी गर्म तासीर वाला माना गया है, इसलिए इसे ग्रीष्म, वर्षा और शरद ऋतु में नहीं खाना चाहिए। इन ऋतुओं में शरीर में पहले से ही पित्त दोष बढ़ने की संभावना होती है और अलसी का सेवन पित्त को और बढ़ा सकता है। इससे ब्लीडिंग, चक्कर आना, घबराहट, पेट में जलन जैसी समस्याएं हो सकती हैं। इसके अलावा, जिन लोगों की तासीर गर्म होती है, या जिन्हें एसिडिटी, ब्लीडिंग डिसऑर्डर या गर्भावस्था है, उन्हें भी अलसी के सेवन से परहेज करना चाहिए।भुनी हुई अलसी खाने से क्या फायदा होता है?
भुनी हुई अलसी खाने से शरीर को कई फायदे मिलते हैं। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड हार्ट को स्वस्थ रखने में मदद करता है, जबकि फाइबर पाचन को सुधारता है और कब्ज की समस्या को दूर करता है। भुनी हुई अलसी खाने से वजन कंट्रोल रहता है क्योंकि यह लंबे समय तक भूख नहीं लगने देती। यह कोलेस्ट्रॉल को घटाने, ब्लड शुगर कंट्रोल करने और त्वचा व बालों की सेहत को भी बेहतर करने में सहायक है।क्या अलसी को रोज लेना ठीक है?
अलसी को रोज लेना स्वास्थ्य के लिए फायदेमंद हो सकता है, लेकिन इसकी मात्रा, मौसम और व्यक्ति की तासीर के अनुसार सेवन करना जरूरी है। आयुर्वेद के अनुसार अलसी की तासीर गर्म होती है, इसलिए गर्मियों, वर्षा और शरद ऋतु में इसका रोज सेवन नहीं करना चाहिए। ठंड के मौसम में सीमित मात्रा (1 से 2 चम्मच प्रतिदिन) में भुनी हुई अलसी लेना लाभकारी हो सकता है।