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क्या पैड्स में मौजूद केमिकल्स हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं? जानें डॉक्टर से

कुछ लोगों का मानना है कि सैनिटरी पैड्स में मौजूद केमिकल्स से कैंसर का खतरा होता है। क्या वाकई ऐसा है?
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क्या पैड्स में मौजूद केमिकल्स हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं? जानें डॉक्टर से


पीरियड्स हम महिलाओं के जीवन का एक अहम हिस्सा है। इस दौरान पेट में दर्द, ऐंठन और ब्लीडिंग होना आम बात है। यूं तो पीरियड्स के दौरान ब्लीडिंग को मैनेज करने के कई तरीके हैं, लेकिन ग्रामीण से लेकर शहरी क्षेत्रों में आज भी महिलाएं पैड्स को प्राथमिकता देती हैं। लड़कियों और महिलाओं के लिए पैड्स का इस्तेमाल करना न सिर्फ आसान है, बल्कि अन्य विकल्पों के मुकाबले पैड्स बाजार में आसानी से उपलब्ध होते हैं।

लेकिन पिछले कुछ रिसर्च के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करने से महिलाओं में हार्मोनल असंतुलन हो सकता है। क्या वाकई सेनेटरी पैड्स महिलाओं में हार्मोन असंतुलन का कारण बनते हैं? आइए जानते हैं इस सवाल का जवाब दिल्ली के गर्ग क्लीनिक की एमडी, एमबीबीएस डॉ. सुनीता गर्ग से।

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सेनेटरी पैड्स और हार्मोन असंतुलन के बीच कनेक्शन- connection between sanitary pads and hormonal imbalance

डॉ. सुनीता गर्ग के अनुसार, बाजार में मिलने वाले विभिन्न सेनेटरी पैड को ज्यादा ब्लीडिंग सोंखने और टिकाऊ बनाने के लिए डाइऑक्सिन और कई प्रकार के केमिकल्स का इस्तेमाल किया जाता है। ये केमकिल्स जब महिलाओं के जननांग से संपर्क बनाते हैं, तो हार्मोनल असंलुतन होना स्वाभिक होता है।

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1. डाइऑक्सिन- Dioxins

पैड्स को बनाने के बाद इसे सही सफेद रंग देने के लिए ब्लीचिंग की जाती है। इस प्रक्रिया के दौरान डाइऑक्सिन उत्पन्न होता है। जब यह डाइऑक्सिन शरीर में ज्यादा मात्रा में जाता है, तो यह हार्मोनल संतुलन को बिगाड़ देता है।

2. खुशबू

बाजार में मौजूद पैड्स को इस्तेमाल के दौरान खुशबूदार बनाए जाने के लिए आर्टिफिशियल फ्रेगनेंस, परफ्यूम और टेलकम पाउडर डाला जाता है। यह आर्टिफिशियल फ्रेगनेंस महिलाओं के जननांग से संपर्क बनाकर केमिकल्स का उत्सर्जन ज्यादा करते हैं, जिससे हार्मोन असंलुतन हो सकता है।

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3. फेथलेट्स- Phthalates

पैड्स के ऊपरी लेयर को मुलायम और आरामदायक महसूस करवाने के लिए पैड्स निर्माता कंपनियां फेथलेट्स का इ्तेमाल करती हैं। फेथलेट्स एंडोक्राइन सिस्टम (हार्मोन बनाने वाली ग्रंथियां) को प्रभावित करता है। फेथलेट्स के शरीर में जाने से हार्मोन असंतुलन के साथ-साथ पीरियड्स संबंधी परेशानी भी हो सकती है।

पैड्स से हार्मोन असंतुलन कैसे रोकें- How to prevent hormonal imbalance with pads

डॉ. सुनीता गर्ग के अनुसार, महिलाओं में हार्मोन असंतुलन तब होता है जब शरीर में एस्ट्रोजन, प्रोजेस्टेरोन, टेस्टोस्टेरोन हार्मो की मात्रा सामान्य से ज्यादा या कम होने लगती है। अगर आप पैड्स से हार्मोन असंतुलन से बचाव करना चाहते हैं, तो नीचे बताए गए उपायों को अपना सकते हैं।

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- केमिकल्स और प्लास्टिक बेस्ड पैड का इस्तेमाल करने की बजाय ऑर्गेनिक कॉटन से बने सेनेटरी पैड्स का इस्तेमाल करें। ये पैड न सिर्फ त्वचा के लिए सुरक्षित होते हैं, बल्कि इसमें केमिकल्स का इस्तेमाल नहीं होता है, जिससे हार्मोन असंतुलन से बचा जा सकता है।

- ऑर्गेनिक कॉटन से बनें पैड्स, आम पैड्स की तुलना में थोड़े महंगे होते हैं। ऐसे में आप री-यूज करने वाले मेंस्ट्रूअल कप का इस्तेमाल कर सकते हैं। मेंस्ट्रुअल कप सिलिकॉन से बना होता है, जिसे आसानी से कई बार इस्तेमाल किया जा सकता है।

- केमिकल्स बेस्ड पैड की बजाय कॉटन के ईको-फ्रेंडली पैड का चुनाव करें। री-यूज करने वाले पैड को पानी से धोकर अच्छे से धूप में सुखाएं, ताकि बैक्टीरिया का संचार रोका जा सके।

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निष्कर्ष

कई रिसर्च में यह बात सामने आई है कि पैड्स का इस्तेमाल करने से हार्मोन असंतुलन की समस्या हो सकती है। लेकिन ये बात हर पैड का इस्तेमाल पर लागू नहीं होती है। पैड्स के इस्तेमाल से होने वाले हार्मोन असंतुलन से बचाव के लिए प्लास्टिक फ्री और ऑर्गेनिक पैड का इस्तेमाल करें।

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