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क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें

स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में होने वाले केमिकल्स त्वचा के लिए नुकसानदायक हो सकते हैं। यहां जानिए, क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हार्मोन्स पर असर डालते हैं?
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क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हार्मोन्स को प्रभावित कर सकते हैं? एक्सपर्ट से जानें


वर्तमान समय में लोग भले ही अपने खानपान का ख्याल न रखें लेकिन स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग जरूर करते हैं। आजकल महिलाएं और पुरुष दोनों ही अपनी त्वचा को बाहरी तौर पर हेल्दी और ग्लोइंग बनाए रखने के लिए तरह-तरह के महंगे स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करते हैं। हालांकि, ज्यादातर स्किनकेयर प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स त्वचा को नुकसान पहुंचा सकते हैं और यहां तक कि हार्मोनल असंतुलन का कारण भी बन सकते हैं। लोग अपनी त्वचा की देखभाल के लिए क्रीम, लोशन, शैंपू, कंडीशनर जैसे प्रोडक्ट्स का उपयोग करते हैं। लेकिन क्या आप जानते हैं कि इनमें से कई प्रोडक्ट्स में कुछ ऐसे केमिकल्स होते हैं जो आपके हार्मोनल सिस्टम को प्रभावित कर सकते हैं? इस लेख में वसंत कुंज के फोर्टिस अस्पताल की सीनियर कंसल्टेंट, त्वचा विशेषज्ञ डॉक्टर रश्मि शर्मा से जानिए कि क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हार्मोन्स पर असर डालते हैं?

क्या स्किनकेयर प्रोडक्ट्स हार्मोन्स पर असर डालते हैं?

1. बिस्फेनॉल-ए - Bisphenol-A (BPA)

बिस्फेनॉल-ए यानी BPA एक ऐसा केमिकल है जो अक्सर बेवरेज के कैन, डिटर्जेंट, साबुन, लोशन, शैंपू, कंडीशनर, और नेल पॉलिश जैसे उत्पादों में पाया जाता है। BPA एक इंडोक्राइन डिसरप्टर के रूप में कार्य करता है, जिसका अर्थ है कि यह शरीर के हॉर्मोनल सिस्टम में हस्तक्षेप कर सकता है।

BPA गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए हानिकारक हो सकता है। इसके अलावा, यह गर्भाशय और अंडाशय को प्रभावित करता है, जिससे बांझपन यानी इनफर्टिलिटी हो सकती है। लगातार BPA के संपर्क में आने से महिलाओं में प्रजनन स्वास्थ्य से संबंधित समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि गर्भधारण में देरी और मासिक धर्म में गड़बड़ी।

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2. फेथलेट्स - Phthalates

Phthalates का उपयोग कई प्रकार के स्किनकेयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में किया जाता है, जैसे कि लोशन, परफ्यूम, शैंपू, हेयर स्प्रे आदि। ये केमिकल भी इंडोक्राइन सिस्टम को प्रभावित करते हैं और हॉर्मोनल असंतुलन पैदा कर सकते हैं।

Phthalates ऑक्सीडेटिव तनाव को बढ़ा सकते हैं, जिससे गर्भधारण की संभावना कम हो जाती है। इसके अलावा, यह पुरुषों में शुक्राणु की क्वालिटी को कम कर सकता है, जिससे प्रजनन समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। Phthalates का उपयोग करने से प्रजनन से जुड़ी समस्याएं हो सकती हैं, जैसे कि शुक्राणुओं की संख्या में कमी और गर्भधारण में देरी।

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3. पैराबेन - Parabens

पैराबेन का उपयोग प्रिजर्वेटिव के रूप में कई कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स, बेबी केयर प्रोडक्ट्स, शैंपू-कंडीशनर, मॉइश्चराइजर, फेस क्लींजर, सनस्क्रीन और डियो में किया जाता है। यह भी एक इंडोक्राइन डिसरप्टर है, जो हॉर्मोनल असंतुलन पैदा कर सकता है।

पैराबेन से त्वचा में जलन हो सकती है और इसमें एस्ट्रोजेनिक एक्टिविटी होने के कारण यह शरीर में एस्ट्रोजन के लेवल को प्रभावित कर सकता है। इससे पुरुषों में शुक्राणु की संख्या कम हो सकती है और महिलाओं में इनफर्टिलिटी हो सकती है। साथ ही, पैराबेन रिप्रोडक्टिव सिस्टम को गंभीर रूप से प्रभावित कर सकता है।

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स्किनकेयर के लिए सबसे अच्छा प्रोडक्ट कौन सा है?

स्किनकेयर प्रोडक्ट्स का उपयोग करते समय, यह जरूरी है कि आप उन प्रोडक्ट्स को चुनें जिनमें हानिकारक केमिकल्स की मात्रा कम हो या जो पूरी तरह से नेचुरल हों। इसके अलावा, आप उन प्रोडक्ट्स का उपयोग कर सकते हैं जो 'पराबेन-फ्री', 'BPA-फ्री' और 'फेथलेट-फ्री' हों। प्रोडक्ट्स के लेबल को ध्यान से पढ़ें ताकि आपको केमिकल्स के बारे में पता चल सके। त्वचा संबंधी किसी भी प्रोडक्ट का उपयोग करने से पहले डर्मेटोलॉजिस्ट से सलाह लें।

निष्कर्ष

स्किनकेयर और ब्यूटी प्रोडक्ट्स में मौजूद केमिकल्स हमारे शरीर के हॉर्मोनल संतुलन को प्रभावित कर सकते हैं। BPA, Phthalates और Parabens से इनफर्टिलिटी, थायराइड की समस्या और अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में लेबल्स देखकर ही प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें।

All Images Credit- Freepik

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