आज की तेज रफ्तार जिंदगी में हम अलार्म की आवाज पर उठते हैं, दिनभर स्क्रीन की रोशनी में काम करते हैं और फिर थक कर बिस्तर पर जाते हैं तो नींद ही नहीं आती है। रातभर करवटें बदलते हैं, आंखें बंद होती हैं लेकिन दिमाग चलता रहता है। ऐसे में नींद की गोलियां, रिलैक्सिंग म्यूजिक और महंगे स्लीप ट्रैकर्स आजकल आम हो गए हैं। ऐसे में सोचिए, अगर कोई आपसे कहे कि सिर्फ सुबह के समय कुछ मिनट धूप में बैठने से आपकी नींद गहरी और बेहतर हो सकती है, तो क्या आप यकीन करेंगे?
सुबह की हल्की, सुनहरी धूप न केवल दिन की शुरुआत करती है, बल्कि हमारे शरीर की आंतरिक घड़ी को भी सही दिशा में सेट करती है। यह वही धूप है जो हमारे मूड को बेहतर बनाती है, एनर्जी देती है और हां, हमारी नींद की क्वालिटी को भी गहराई से प्रभावित करती है। इस लेख में हम सिरसा के रामहंस चेरिटेबल हॉस्पिटल के आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा (Ayurvedic doctor Shrey Sharma from Ramhans Charitable Hospital) से जानेंगे कि कैसे सुबह की धूप हमारे नींद के चक्र (Sleep Cycle) को सुधार सकती है और यह आदत आपके शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य के लिए कितनी फायदेमंद हो सकती है।
क्या सुबह की धूप नींद के लिए अच्छी होती है? - Can Morning Sunlight Exposure Improve Sleep Quality
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा बताते हैं कि हमारी नींद का सीधा संबंध हमारे शरीर की "सर्केडियन रिद्म" या जैविक घड़ी से होता है। यह एक आंतरिक घड़ी है जो 24 घंटे के चक्र में चलती है और यह तय करती है कि कब हमें नींद आएगी और कब हम जागेंगे। जब हम सुबह सूरज की रोशनी के संपर्क में आते हैं, तो यह रोशनी हमारी आंखों के जरिए मस्तिष्क में पहुंचती है और सर्केडियन रिद्म को एक नई शुरुआत देती है। इससे शरीर समझ जाता है कि दिन की शुरुआत हो चुकी है और मेलाटोनिन नींद के हार्मोन का प्रोडक्शन बंद हो जाता है। इसके परिणामस्वरूप दिनभर व्यक्ति एनर्जेटिक महसूस करता है और शाम को शरीर स्वाभाविक रूप से नींद के लिए तैयार होने लगता है।
रिपोर्ट क्या कहती हैं?
Sleep Health Journal की एक रिपोर्ट में यह पाया गया कि जो ऑफिस कर्मचारी सुबह कम लेवल की रोशनी में रहते हैं, उनकी तुलना में वे कर्मचारी जो सुबह ज्यादा लेवल की रोशनी प्राप्त करते हैं, उन्हें जल्दी नींद आने (विशेष रूप से सर्दियों में), बेहतर सर्कैडियन संतुलन और बेहतर नींद की क्वालिटी का अनुभव होता है। पूरे दिन हाई लेवल की रोशनी मिलने से अवसाद में कमी आती है और नींद की क्वालिटी में सुधार होता है।
सुबह की धूप कब और कितनी देर लेनी चाहिए?
आयुर्वेदिक डॉक्टर श्रेय शर्मा की मानें तो सुबह 6 बजे से 9 बजे के बीच हल्की धूप में 20 से 30 मिनट बिताना सबसे लाभदायक होता है। इस दौरान UV किरणें ज्यादा हानिकारक नहीं होतीं। यदि संभव हो, तो सुबह की हर्बल चाय बालकनी में धूप में बैठकर पीना, या पार्क में हल्की सैर करना एक अच्छी शुरुआत हो सकती है। कोशिश करें कि यह समय मोबाइल या अन्य डिजिटल स्क्रीन से दूर बिताएं, जिससे आपका मस्तिष्क प्राकृतिक संकेतों को बेहतर ढंग से समझ सके।
निष्कर्ष
सुबह की धूप में कुछ समय बिताना एक बेहद सरल, सस्ता और प्राकृतिक उपाय है जो आपकी नींद की क्वालिटी को बेहतर बना सकता है। यह न केवल जैविक घड़ी को संतुलित करता है, बल्कि मानसिक स्वास्थ्य और लाइफस्टाइल में भी सुधार लाता है। आज जब हर कोई अच्छी नींद पाने के लिए नींद की गोलियों या मोबाइल ऐप्स का सहारा ले रहा है, ऐसे में सुबह की धूप एक नेचुरल इलाज है, जो न केवल सुरक्षित है, बल्कि आपको प्रकृति से भी जोड़ती है। तो कल सुबह अलार्म बजते ही कुछ मिनटों के लिए पर्दे खोलिए, बालकनी में जाइए और धूप लीजिए।
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Oct 03, 2025 18:14 IST
Published By : Akanksha Tiwari