आज के समय में महिला और पुरुष दोनों में इनफर्टिलिटी की समस्या बहुत ज्यादा बढ़ गई है। स्मोकिंग, शराब, खराब खानपान की आदतें और कुछ स्वास्थ्य समस्याओं के कारण बांझपन की समस्या लोगों के लिए तनाव का कारण बन गया है। ऐसे में कई लोग IVF ट्रीटमेंट की ओर रुख करने लगे हैं। आईवीएफ (In-Vitro Fertilization) आज के समय में बांझपन के इलाज का एक बहुत ही प्रभावशाली तरीका है। हालांकि, जब हम आईवीएफ की बात करते हैं, तो अधिकतर लोग सिर्फ मेडिकल प्रक्रियाओं और हार्मोनल ट्रीटमेंट पर फोकस करते हैं, लेकिन पोषण से जुड़े महत्वपूर्ण पहलू की ओर ध्यान देना भूल जाते हैं। ऐसे में आइए चंडीगढ़ के बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की फर्टिलिटी स्पेशलिस्ट डॉ. राखी गोयल से जानते हैं कि पोषण आईवीएफ ट्रीटमेंट पर कैसे प्रभाव डालता है?
पोषक तत्व IVF ट्रीटमेंट पर कैसे असर डालता है? - How Does Nutrients Affect IVF Treatment in Hindi?
डॉ. राखी गोयल के अनुसार, अगर कोई कपल IVF ट्रीटमेंट की प्लानिंग बना रहा है तो उन्हें कम से कम 2 से 3 महीने पहले ही अपनी डाइट में खास ध्यान देना शुरू कर देना चाहिए। IVF ट्रीटमेंट शुरू होने से पहले पोषक तत्वों से भरपूर खाद्य पदार्थ लेना और सही डाइट फॉलो करना इस लिए जरूरी है क्योंकि यह अंडाणु और शुक्राणु को परिपक्वता होने में यही समय लगता है। इस दौरान अगर आप अपने खानपान में सुधार करते हैं, तो उसका सीधा फायदा अंडाणु और शुक्राणु की गुणवत्ता पर पड़ता है, जिससे अच्छे भ्रूण बनने की संभावना बहुत ज्यादा बढ़ जाती है।
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प्रजनन स्वास्थ्य के लिए जरूरी पोषक तत्व - Nutrients Essential For Reproductive Health in Hindi
कुछ पोषक तत्व ऐसे होते हैं, जो सीधे तौर पर हमारे प्रजनन क्षमता को बेहतर बनाने में मदद करते हैं, जिसमें-
1. फॉलिक एसिड - Folic Acid
फॉलिक एसिड, गर्भ में पल रहे शिशु के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है और न्यूरल ट्यूब डिफेक्ट्स जैसी जन्मजात समस्याओं से बचाने में मदद करता है। इसलिए, IVF के लिए तैयारी कर रही महिलाओं को फॉलिक एसिड की पर्याप्त मात्रा जरूर लेनी चाहिए।
2. कोएन्जाइम Q10 - CoQ10
CoQ10 एक पवरफूल एंटीऑक्सीडेंट है, जो सेल्स में एनर्जी प्रोडक्शन को बढ़ाता है और अंडाणु या शुक्राणु को ऑक्सीडेटिव तनाव से बचाने में मदद करता है। इससे दोनों की गुणवत्ता में सुधार होता है।
3. विटामिन डी - Vitamin D
यह पोषक तत्व अंडाशय की कार्यक्षमता और स्पर्म की गतिशीलता के लिए बहुत जरूरी होता है। कई लोगों में विटामिन डी की कमी पाई जाती है, जो गर्भधारण को प्रभावित कर सकती है।
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4. आयरन और जिंक - Iron And Zinc
ये दोनों ही पोषक तत्व अंडाणु के विकास, ओव्यूलेशन और शुक्राणु परिपक्वता में जरूरी भूमिका निभाते हैं। इनकी कमी से हार्मोनल असंतुलन और प्रजनन प्रक्रिया पर नकारात्मक असर पड़ सकता है।
5. एन-एसिटाइलसिस्टीन (NAC) - N-acetylcysteine
यह एक एंटीऑक्सीडेंट है और इंसुलिन सेंसिटाइजर की तरह काम करता है। खासकर PCOS (पॉलीसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम) से पीड़ित महिलाओं के लिए यह अंडाणु की गुणवत्ता और नेचुरल ओव्यूलेशन में मदद करता है।
6. मेलाटोनिन - Melatonin
मेलाटोनिन नींद को कंट्रोल करने वाला एक हार्मोन है, लेकिन IVF ट्रीटमेंट के दौरान इसका संतुलित रहना आपके संपूर्ण स्वास्थ्य के लिए बहुत जरूरी होता है। यह अंडाशय के सेल्स में ऑक्सीडेटिव तनाव को कम करके अंडाणु की गुणवत्ता बढ़ाने में भी मदद करता है।
IVF से पहले जीवनशैली में क्या बदलाव करें? - What Lifestyle Changes Important Before IVF Treatment in Hindi?
आईवीएफ ट्रीटमेंट को सफल बनाने के लिए सिर्फ पोषक तत्वों और खानपान पर फोकस करना ही नहीं बल्कि लाइफस्टाइल में भी कुछ खास बदलाव करना बहुत जरूरी है-
- भरपूर मात्रा में पानी पिएं और शरीर को हाइड्रेट रखने की कोशिश करें।
- कैफीन और शराब का सेवन कम करें या पूरी तरह बंद करने की कोशिश करें।
- स्मोकिंग करने से बचें और उन स्थानों पर जाने से भी बचें जहां स्मोकिंग का धुआं आपके स्वास्थ्य पर असर डाल सकता है।
- ज्यादा या बहुत कम वजन दोनों ही इस प्रक्रिया को प्रभावित कर सकता है, इसलिए हेल्दी वजन बनाए रखें।
- रोजाना कम से कम 7 से 8 घंटे की पर्याप्त नींद पूरी करने की कोशिश करें।
निष्कर्ष
आईवीएफ सिर्फ मेडिकल ट्रीटमेंट नहीं है, बल्कि यह एक ऐसा प्रोसेस है, जिसमें शरीर को हर तरह से इस प्रक्रिया के लिए तैयार रहने की जरूरत होती है। अगर महिला और पुरुष दोनों अपने पोषण पर ध्यान नहीं देंगे तो इस प्रक्रिया को पूरा होने में समस्या आ सकती है। इसलिए, IVF ट्रीटमेंट से पहले पोषक तत्वों से भरपूर फूड्स का सेवन जरूरी हो जाता है।
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FAQ
बांझपन किसकी कमी से होता है?
बांझपन होने के पीछे कई कारण हो सकते हैं, जिसमें विटामिन की कमी, हार्मोनल असंतुलन, शुक्राणु या अंडाणु की कमी, और कुछ स्वास्थ्य समस्याएं शामिल हैं।पीरियड के कितने दिन बाद आईवीएफ किया जाता है?
IVF आमतौर पर पीरियड के दूसरे या तीसरे दिन से शुरू होता है। कई बार, इसे पीरियड के 10 से 14 दिनों के बाद भी शुरू किया जाता है, जब महिलाओं में ओव्यूलेशन होता है।आईवीएफ क्या होता है और कैसे होता है?
आईवीएफ, या इन विट्रो फर्टिलाइजेशन, एक तरह की प्रजनन तकनीक है, जिसमें अंडे और शुक्राणु को शरीर के बाहर लैब में मिलाया जाता है। अगर फर्टिलाइजेशन सफल होता है, तो भ्रूण को महिला के गर्भाशय में ट्रांस्फर कर दिया जाता है।