Khushkhabri with IVF: आज के समय में महिलाओं और पुरुषों में सिगरेट पीने का चलन बढ़ता जा रहा है। कुछ वर्षों पहले जहां ज्यादातर पुरुष इस खराब आदत का शिकार हुआ करते थे। वहीं अब सिगरेट पीने वालों में महिलाओं की संख्या भी बढ़ने लगी है। अधिकतर लोग इसके नुकसान के बारे में जानते हुए भी सिगरेट को खुद से दूर नहीं रख पाते हैं। यह खराब आदत फेफड़ों के नुकसान पहुंचाने के साथ ही कई तरह के गंभीर कैंसर की भी वजह मानी जाती है। इसके अलावा, यह महिलाओं और पुरुषों की प्रजनन क्षमता (Infertility in Men) को खराब करने में मुख्य भूमिका निभाती है। सिगरेट पीने वाले पुरुषों के स्पर्म काउंट कम होने की संभावना बढ़ जाती है। इसे साथ ही उन्हें सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी समस्याओं का भी सामना करना पड़ सकता है। वहीं, सिगरेट पीने से महिलाओं के गर्भाशय को नुकसान पहुंचता है। ऐसे में महिलाओं की ओवरी से निकलने वाली एग की क्वालिटी कम होने लगती है, इससे कंसीवन करने की संभावना कम हो सकती है। वहीं, कंसीव करने के बाद भी कई तरह की समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है। ऐसे में डॉक्टर्स बताते हैं कि स्मोकिंग भी महिलाओं और पुरुषों की संतान प्राप्ति की संभावनाओं को कम में भूमिका निभा सकता है। यदि किसी सिगरेट पीने वाले के साथ रहते हैं तो सिगरेट से निकलने वाला धुंआ भी आपकी सेहत को प्रभावित कर सकता है।
जब महिला-पुरुष संतान प्राप्ति की कई कोशिशों के बावजूद गर्भधारण में सफल नहीं हो पाते हैं, तो डॉक्टर उनको आईवीएफ के द्वारा प्रेग्नेंसी की सलाह दे सकते हैं। लेकिन, आईवीएफ ट्रीटमेंट को अपनाने से पहले भी डॉक्टर महिलाओं व पुरुषों को कुछ माह तक सिगरेट न पीने की सलाह दे सकते हैं। ऐसा इसलिए किया जाता है क्योंकि सिगरेट पीने आईवीएफ ट्रीटमेंट की सफलता दर प्रभावित हो सकती है। साथ ही, इससे कंसीव करने में कई तरह की समस्याएं आ सकती है। लोगों की इन्हीं समस्याओं के बारे में विस्तार से चर्चा करने के लिए ओनलीमाय हेल्थ की ओर से Khushkhabri with IVF सीरीज को शुरु किया गया है। इस सीरीज में आईवीएफ से जुड़ी सभी जानकारियों को आपके साथ शेयर किया जा रहा है। इस सीरीज की आज की कड़ी में हम सिगरेट पीने से IVF Treatment पर पड़ने वाले प्रभाव और इसकी सफलता दर के बारे में विस्तार से चर्चा करेंगे। बिरला फर्टिलिटी एंड आईवीएफ सेंटर की कंसल्टेंट डॉक्टर ए झांसी रानी से सिगरेट पीने से आईवीएफ ट्रीटमेंट पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में जानेंगे।
सिगरेट पीने से पुरुषों की प्रजनन क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव?
- सिगरेट पीने वाले पुरुषों को सेक्सुअल लाइफ से जुड़ी समस्याओं का सामना करना पड़ सकता है, इसमें इरेक्टाइल डिसफेक्शन को शामिल किया जा सकता है।
- धूम्रपान पुरुषों के स्पर्म काउंट को कम करने में शक्रिया भूमिका निभा सकती है।
- सिगरेट पीने वाले पुरुषों के स्पर्म के डीएनए में परिवर्तन हो सकता है।
- इन पुरुषों के स्पर्म के आगे बढ़ने की क्षमता कम हो सकती है।
सिगरेट पीने से महिलाओं की प्रजनन क्षमता पर पड़ने वाले प्रभाव?
- लंबे समय से सिगरेट पीने से महिलाओं की ओवरी पर साइड इफेक्ट हो सकते हैं।
- धूम्रपान से महिलाओं के हार्मोन में बदलाव हो सकता है, जो पीरियड्स साइकिल और प्रजनन क्षमता को नुकसान पहुंचा सकता है।
- सिगरेट पीने वाली महिलाओं की एग क्वालिटी पर खराब हो सकती है।
- एग क्वालिटी खराब होने की वजह से महिलाओं के एग को स्पर्म के साथ फर्टाइल होने में समस्या आ सकती है।
- यदि, कंसीव करने के बाद भी महिलाएं लगातार सिगरेट पीती हैं तो इससे मिसकैरेज की संभावना काफी हद तक बढ़ जाती है।
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सिगरेट पीने से आईवीएफ ट्रीटमेंट पर क्या असर पड़ता है?
आईवीएफ ट्रीटमेंट से पहले महिलाओं को कुछ आवश्यक टेस्ट करने की सलाह दी जाती है। साथ ही, उनकी लाइफस्टाइल के बारे में कंप्लीट जानकारी ली जाती है। दरअसल, इससे डॉक्टर महिला की मौजूदा स्वास्थ्य स्थिति और आदतों के बारे में समझने की कोशिश करते हैं। आगे जानते हैं सिगरेट या धूम्रपान से आईवीएफ ट्रीटमेंट पर क्या असर पड़ सकता है।
ओवरियन रिजर्व्ड और एग क्वालिटी में कमी आना
आईवीएफ को प्रभावित करने वाले सबसे महत्वपूर्ण तरीकों में से एक महिला के ओवरियन रिजर्व्ड को कम करना है। फर्टिलाइजेशन के लिए एग्स की संख्या और क्वालिटी बेहतर होना बेहद जरूरी होता है। धूम्रपान करने वाली महिलाओं में ओवरियन के द्वारा एग निर्मित करने की क्षमता प्रभावित हो सकती है, ऐसे में आईवीएफ ट्रीटमेंट के दौरान स्टीम्युलेशन फेस में एग बनने की संख्या कम हो सकती है। साथ ही, एग्स की क्वालिटी खराब हो सकती है, इससे फर्टिलाइजेशन और एंब्रियो बनने की संभावना कम हो सकती है।
हार्मोनल असंतुलन
धूम्रपान शरीर में निकोटीन और कार्बन मोनोऑक्साइड जैसे हानिकारक केमेकिल पहुंचता है, जो हार्मोनल असंतुलन का कारण बन सकते हैं। ये असंतुलन एस्ट्रोजन और प्रोजेस्टेरोन जैसे महत्वपूर्ण प्रजनन हार्मोन के स्तर में बदलाव कर सकते हैं। इससे महिला की प्रजनन प्रक्रिया पर दुष्प्रभाव पड़ सकता है। साथ ही, यह आईवीएफ की सफलता दर को भी प्रभावित कर सकता है।
गर्भाशय को प्रभावित करना
IVF के सफल होने के लिए, गर्भाशय को एंब्रियो ट्रांसफर के बाद कई तरह के महत्वपूर्ण कार्य करने होते हैं। जबकि धूम्रपान गर्भाशय की परत को प्रभावित कर सकता है। इससे यह पतला हो जाता है और एंब्रियो के इम्प्लांटेशन के लिए तैयार नहीं हो पाता है। इससे आईवीएफ की सक्सेस होने की संभावना कम हो जाती है।
मिसकैरेज का जोखिम बढ़ना
धूम्रपान करने से महिलाओं को मिसकैरेज (गर्भपात) का जोखिम बढ़ जाता है। इसमें आईवीएफ के द्वारा गर्भधारण को भी शामिल किया जाता है। सिगरेट के धुएं में मौजूद केमिकल्स भ्रूण के क्रोमोसोम्स को प्रभावित कर सकते हैं। इससे मिरकैरेज की संभावना बढ़ सकती है।
स्पर्म क्वालिटी खराब होना
धूम्रपान पुरुषों की स्पर्म क्वालिटी को खराब कर सकता है। इससे एग की फर्टिलाइजेश प्रक्रिया बाधित हो सकती है। खराब स्पर्म के साथ एग फर्टिलाइ नहीं हो पाते हैं। ऐसे में आईवीएफ ट्रीटमेंट आगे नहीं बढ़ पाता है।
प्रेग्नेंसी में अधिक समय और सफलता दर कम होना
डॉक्टर के मुताबिक आईवीएफसे पहले महिला और पुरुष दोनों को ही सिगरेट से दूरी बनानी चाहिए। सिगरेट आईवीएफ की सफलता दर को प्रभावित कर सकती है। धूम्रपान से आईवीएफ के प्रोसेस में बाधा आती है और सफल एंब्रियो बनने की प्रक्रिया प्रभावित हो सकती है। इतना ही नहीं, प्रेग्नेंसी में भी सिगरेट पीने से महिलाओं को कई तरह के नुकसान हो सकते हैं।
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आईवीएफ ट्रीटमेंट का प्रोसेस बेहद ही संवेदनशील होता है। इस ट्रीटमेंट को चुनने से पहले से महिला और पुरुष को सिगरेट व शराब छोड़ने की सलाह दी जा सकती है। इसके अलावा उन्हें लाइफस्टाइल में बदलाव करने की डॉक्टरों द्वारा दी जाती है। आईवीएफ में महिला व पुरुष दोनों का स्वस्थ होना बेहद जरूरी होता है। आईवीएफ की Khushkhabri with IVF की सीरीज का यह लेख आप अपने दोस्तों और करीबियों के साथ शेयर, ताकि उनको भी आईवीएफ की संपूर्ण और सटिक जानकारी मिल सकें। हम इस सीरीज में आपको आगे भी कई विषयों पर संपूर्ण जानकारी प्रदान करेंगे।