Khuskhabri with IVF: पोलिसिस्टिक ओवरी सिंड्रोम एक तरह का हार्मोनल डिस्ऑर्डर है। इस तरही समस्या अक्सर महिलाओं को रिप्रोडक्टिव एज में होती है। पीसीओएस होने पर महिलाओं को अक्सर पीरियड्स समय पर नहीं होते हैं। असामान्य पीरियड्स की वजह से उनके शरीर में मेल हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। इसी तरह की समस्या से स्वाति मिश्रा गुजर रही थी। कई सालों से उसे पीसीओएस था। शादी को भी कई साल बीत चुके थे। अब वह चाहती थी कि उसके घर में नन्हे-मुन्नों की किलकारियां गूंजें। लेकिन, चाहकर भी वह कंसीव नहीं कर पा रही थी। उसकी मेडिकल कंडीशन उसके मां बनने के सपने को पूरा नहीं होने दे रहे थी। लेकिन, उसने हार नहीं मानी। उसने डॉक्टर से कंसल्ट किया और अपना ट्रीटमेंट शुरू करवाया।
लोगों के मन में आईवीएफ को लेकर कई तरह के सवाल घूमते हैं। इन्हीं सवालों को ध्यान में रखते हुए ऑनलीमायहेल्थ ने Khuskhabri with IVF नाम से एक स्पेशल सीरीज चलाई है, जिसमें आपको आईवीएफ से जुड़ी अहम जानकारी मिल जाएगी। साथ ही, कुछ लोगों की रियल जर्नी के बारे में भी हम आपको बताएंगे। आज इस सीरीज में वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता की मदद से आपको मिंटी स्वाति मिश्रा की IVF जर्नी के बारे में बात कर रहे हैं।
पीसीओएस का कब पता चला
स्वाति मिश्रा कहती हैं, "मुझे शादी के कुछ सालों बाद ही पता चल गया था कि मुझे पीसीओएस है। पीसीओएस का पता चलने के बाद ही मैं बहुत उदास और मायूस रहने लगी थी। क्योंकि, डॉक्टरों से मुझे पता चला था कि पीसीओएस की वजह से मैं नेचुरली कंसीव नहीं कर पाऊंगी। यह न्यूज मेरे लिए अपने आप में बहुत बुरी थी। हालांकि, डॉक्टरों का कहना था कि अगर मैं अपने वेट को कंट्रोल में रखूं और उनकी दी हुई दवा को रेगुलर टाइम से लूं, तो मैं मां बन सकती हूं। लेकिन डेढ़ साल तक निरंतर प्रयास के बावजूद रिजल्ट सही नहीं आया।"
इसे भी पढ़ें: लीन पीसीओएस होने पर महिलाओं को दिख सकते हैं ये 5 लक्षण, न करें नजरअंदाज
टॉप स्टोरीज़
पीसीओएस का फर्टिलिटी पर असर
स्वाति अपनी कहानी आगे बढ़ाते हुए कहती हैं, "इर्रेगुलर पीरियड्स की वजह से मैं डॉक्टर के पास गई थी। पीसीओएस की वजह से मेरी फर्टिलिटी पर बहुत बुरा असर पड़ा था। दरअसल, पीरियड्स सही तरह से नहीं होते थे। इसकी वजह से मुझे कई तरह के दूसरे हेल्थ इश्यूज भी होने लगे थे, जैसे मेरा वजन बढ़ने लगा था। विशेषज्ञ मुझे बार-बार सलाह देते थे कि मैं अपने वजन को कंट्रोल में रखूं, ताकि कंसीव करने में सुविधा हो। वैसे भी डॉक्टर्स ने मुझे समझाया था कि पीसीओएस के दौरान मेरे एग्स रेगुलरली रिलीज नहीं होते थी और ओव्यूलेशन की भी दिक्कत होती थी। ऐसे में कंसीव करना अपने आप में बड़ा चैलेंज होता है।"
इसे भी पढ़ें: Khushkhabri with IVF:कितना मुश्किल है मोटापे में IVF का सफर? जानें सभी जरूरी बातें
कब किया आईवीएफ प्लान
स्वाति मिश्रा को पीसीओएस होने के कारण बेबी प्लानिंग करने में दिक्कत हो रही थी। तभी किसी ने उन्हें आईवीएफ के बारे में बताया। स्वाति अपने बारे में बात करते हुए कहती हैं, "पीसीओएस होने के बाद जब मैं लंबे समय तक नेचुरली कंसीव नहीं कर पाई, तो मैं बहुत निराश हो चुकी थी। लेकिन, जब किसी से मुझे आईवीएफ के बारे में पता चला, तो मुझे एक आशा की किरण नजर आने लगी। मैं नहीं चाहती थी कि मेरी जिंदगी बिना संतान के बीते। इसलिए, मैंने आईवीएफ ट्रीटमेंट करवाना सही समझा। इस मेरे पति भी सहमत थे।"
इसे भी पढ़ें: Khuskhabri With IVF: अधिक उम्र की वजह से कंसीव नहीं कर पा रही थीं मिंटी सक्सेना, IVF की मदद से मिली गुड न्यूज
आईवीएफ और पीसीओएस की चुनौतियां
स्वाति के अनुसार, "आईवीएफ करवाने के लिए किसी ने मुझे डॉ. शोभा के बारे में बताया था। मैं, अनुभव के साथ उनके पास पहुंची। मुझे पहले ही दिन से बहुत ज्यादा पॉजिटिव वाइव्स आ रही थीं। उन्होंने मुझे आईवीएफ ट्रीटमेंट से जुड़ी सभी अच्छी-बुरी बातें समझा दी थीं। हालांकि, उन्हांने भी मुझे दवाओं की मदद से फर्टिलिटी को मैनेज करने की सलाह दी थी। कुछ दिनों तक मैंने उनकी दी हुई सभी सलाहें मानीं। लेकिन, मैं बच्चे के लिए और इंतजार नहीं करना चाहती थी। इसलिए, जल्द से जल्द आईवीएफ ट्रीटमेंट करवा लेना चाहती थी। ऐसा ही हुआ। मेरा ट्रीटमेंट शुरू हो गया। इस क्रम में मुझे सभी जरूरी जांचें करने का कहा गया। यहां तक कि मेरे पति को भी अहम जांच करने की सलाह दी गई। ताकि कोई और समस्या हो, तो उसका पता चल सके।"
लाइस्टाइल-डाइट में किया बदलाव
जैसा कि पीसीओएस के मरीजों को हमेशा बेहतर लाइस्टाइल और अच्छी डाइट फॉलो करने की सलाह दी जाती है। ऐसा स्वाति के साथ भी हुआ। स्वाति बताती हैं, "डॉक्टर शोभा ने मुझे सलाह दी थी कि मैं अपनी जीवनशैली को सही तरह से मैनेज करें। यानी अपना वजन नियंत्रण में रखने की कोशिश करें, अनहेल्दी चीजें जैसे जंक फूड, स्ट्रीट फूड आदि से दूर रहूं। इसके अलावा, अपने सोने-जगने का टाइम फिक्स करूं, रेगुलर एक्सरसाइज करूं। इसी तरह, मैंने लाइफस्टाइल मेंटेन की और डॉ. शोभा ने मेरी मेडिकल कंडीशन पर नजर रखी। समय-समय पर मेरी हर जरूरी जांच होती रही और मैंने इसी तरह 9 महीनों का यह सफर पूरा कर लिया।"
फाइनली मिली खुशखबरी
स्वाति अपनी खुशखबरी चहकते हुए शेयर करती है, "नौ महीने के इस संघर्ष के बाद मेरे हाथ में एक नन्हा-मुन्ना था। मेरी खुशी का ठिकाना नहीं था। मैं और अनुभव अपने बच्चे को पाकर बेहद खुश थे। मैं अपनी संतान का भगवान का दिया हुआ सबसे बड़ा तोहफा मानती हूं। यह मेरी मन्नतें और डॉ. शोभा की मेहनत का ही नतीजा है कि आज मेरा परिवार पूरा हो सका है। मैं वाकई अपने बच्चे को पाकर बहुत खुश हूं। मेरे बेटे ने मेरा परिवार पूरा कर दिया है।"
अगर आप IVF के जरिए पेरेंट्स बनने की चाहत को पूरा करना चाहते हैं, तो बेहतर होगा कि आप ज्यादा देर न करें। तुरंत एक्सपर्ट से संपर्क करें। हालांकि, हमने अपने इस Khuskhabri with IVF की इस स्पेशल सीरीज में आईवीएफ से जुड़ी कुछ जरूरी बातें बताई हैं। फिर भी मन में कोई सवाल रह जाए, तो इस संबंध में हमारी वेबसाइट में विजिट करें।
All Image Credit: Freepik