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क्या हाइपोग्लाइसीमिया ब्रेन के नुकसान का कारण बन सकता है? डॉक्टर से जानें

हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या के कारण लोगों को कई समस्या होती है, लेकिन क्या ये ब्रेन को भी नुकसान पंहुचा सकते हैं? आइए लेख में जानें - 
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क्या हाइपोग्लाइसीमिया ब्रेन के नुकसान का कारण बन सकता है? डॉक्टर से जानें


Can Hypoglycemia Cause Brain Damage In Hindi: आज के समय में खराब लाइफस्टाइल के कारण ज्यादातर लोग ब्लड शुगर की बीमारी से परेशान रहते हैं। जिसके कारण लोगों को घबराहट होने, पसीना आने, चक्कर आने, कंपकंपी होने, सिर दर्द होने, ज्यादा भूख लगने, दिल की धड़कन के तेज होने, बार-बार यूरिन आने, थकान होने, आंखों के कमजोर होने, वजन कम होने या अधिक बढ़ने, थकान होने, कमजोरी होने और घावों के धीरे भरने की समस्या होती है। आपको बता दें, ब्लड शुगर दो तरीकों के होते हैं, एक जिसमें ब्लड शुगर का स्तर हाई होता है और दूसरा जिसमें ब्लड शुगर का स्तर सामान्य से बहुत कम होने लगता है, जिसको हाइपोग्लाइसीमिया (Hypoglycemia) के नाम से भी जाना जाता है। हाई ब्लड शुगर को तो ज्यादातर लोग जानते हैं, लेकिन लो ब्लड शुगर के बारे में ज्यादा चर्चा नहीं होती है। बता दें, लो ब्लड शुगर यानी हाइपोग्लाइसीमिया के कारण लोगों को स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याएं होती हैं और ब्लड शुगर का स्तर अधिक कम होने पर गंभीर स्थिति भी हो सकती हैं। क्या इसका असर ब्रेन पर भी होता है या इसके कारण ब्रेन से जुड़ी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं? आइए गुरुग्राम के आर्टेमिस हॉस्पिटल के न्यूरोसर्जरी एवं साइबरनाइफ के निदेशक डॉ. आदित्य गुप्ता (Dr. Aditya Gupta, Director - Neurosurgery & Cyberknife, Artemis Hospital, Gurugram) से जानें क्या हाइपोग्लाइसीमिया ब्रेन के नुकसान का कारण बन सकता है?

क्या हाइपोग्लाइसीमिया ब्रेन के नुकसान का कारण बन सकता है? - Can Hypoglycemia Cause Brain Damage?

डॉ. आदित्य गुप्ता के अनुसार, हां, हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या के कारण ब्रेन को नुकसान हो सकता है, खासकर अगर यह स्थिति गंभीर और लंबे समय तक बनी रहे तो। ब्रेन एनर्जी का प्राथमिक सोर्स के ग्लूकोज होता है। ब्रेन की एनर्जी लगभग पूरी तरह से ग्लूकोज पर निर्भर करती है। जब ब्लड शुगर का स्तर बहुत कम हो जाता है, तो ब्रेन सेल्स को ठीक से काम करने के लिए ठीक से एनर्जी नहीं मिल पाती है, जिसके कारण परेशानियां बढ़ती हैं और अगर हाइपोग्लाइसीमिया हल्का या अल्पकालिक है, तो व्यक्ति को भ्रम होने, चक्कर आना और धुंधली दृष्टि यानी धुंधला दिखने जैसे लक्षण हो सकते हैं, लेकिन ये उपचार करने पर जल्दी ठीक हो जाते हैं।

नेशनल लाइब्रेरी ऑफ मेडिसिन के अध्ययन के अनुसार, "हाइपोग्लाइसीमिया आमतौर पर मस्तिष्क में ईंधन की कमी का कारण बनता है, जिसके परिणामस्वरूप कार्यात्मक मस्तिष्क विफलता होती है, जिसे प्लाज्मा ग्लूकोज कंसंट्रेशन बढ़ाकर ठीक किया जा सकता है।"

 

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हाइपोग्लाइसीमिया की गंभीर स्थिति

अगर हाइपोग्लाइसीमिया की स्थिति गंभीर हो जाए (शरीर में ब्लड शुगर का स्तर काफी कम होने की स्थिति) और इसको समय से ठीक नहीं किया जाए, तो अधिक गंभीर तंत्रिका संबंधी लक्षण विकसित हो सकते हैं, जैसे दौरे पड़ने, बेहोशी आने और कोमा में जाने जैसे गंभीर स्थितियां हो सकती हैं। लंबे समय तक गंभीर हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या रहती है तो परिणामस्वरूप व्यक्ति को स्थायी मस्तिष्क क्षति हो सकती है, खासकर सेरेब्रल कॉर्टेक्स (cerebral cortex) और हिप्पोकैम्पस (hippocampus) जैसे एरिया में, जो याददाश्त (memory) और संज्ञानात्मक कार्य (cognitive function) के लिए जरूरी हैं।

डॉ. आदित्य गुप्ता बताते हैं कि यह खतरा ब्लड शुगर से पीड़ित लोगों में ज्यादा होता है, जो हाइपोग्लाइसीमिया अनअवेयरनेस (hypoglycemia unawareness) नामक स्थिति के कारण ब्रेन से जुड़ी समस्याओं के शुरुआती संकेतों को नहीं पहचान पाते हैं। बच्चे और बुजुर्ग लो ब्लड शुगर की समस्या के हानिकारक प्रभावों के प्रति अधिक संवेदनशील होते हैं। 

 

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हाइपोग्लाइसीमिया से बचाव के लिए इन बातों का रखें ध्यान

ऐसे में इसका गंभीर स्थिति को रोकने के लिए इसका जल्दी से ट्रीटमेंट कराना जरूरी होता है। इसके लिए कुछ उपायों को अपनाया जा सकता है।

- तेज और प्रभावी कार्बोहाइड्रेट्स का सेवन या ग्लूकागन एडमिनिस्ट्रेशन (glucagon administration) जरूरी है। जिससे किसी भी गंभीर स्थिति से बचा जा सके।

- ब्लड शुगर के स्तर का मैनेज करके रखने। जिससे हाइपोग्लाइसीमिया के कारण ब्रेन का नुकसान से बचाव करने और इसके खतरे को कम करने में मदद मिलती है।

निष्कर्ष

हाइपोग्लाइसीमिया के कारण व्यक्ति के ब्रेन को नुकसान होता है। हाइपोग्लाइसीमिया अगर हल्का है, तो व्यक्ति को भ्रम होने, चक्कर आना और धुंधला दिखने जैसी समस्याएं होती है, लेकिन अगर यह लंबे समय तक गंभीर स्थिति में रहे को व्यक्ति को दौरे पड़ने, बेहोशी आने और कोमा में जाने से जैसी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में हाइपोग्लाइसीमिया के कारण होने वाली परेशानियां होने या इसके लक्षण दिखने पर डॉक्टर से तुरंत सलाह लें और हेल्दी लाइफस्टाइल फॉलो करें, जिससे किसी भी गंभीर स्थिति से बचा जा सके। 

All Images Credit- Freepik

FAQ

  • हाइपोग्लाइसीमिया के क्या लक्षण?

    हाइपोग्लाइसीमिया यानी शरीर में ब्लड शुगर का स्तर कम होने पर व्यक्ति को अधिक पसीना आने, चक्कर आने, नींद आने, दिल की धड़कन के तेज होने, अधिक भूख लगने, बेहोशी आने, शरीर में कंपन होने, चिड़चिड़ापन होने, भ्रम होने और काम पर फोकस करने में परेशानी होने की समस्या हो सकती है।
  • हाइपोग्लाइसीमिया में क्या खाना चाहिए?

    हाइपोग्लाइसीमिया की समस्या में व्यक्ति को डाइट में कैंडी, ताजा फल, किशमिश जैसे ड्राई फ्रूट्स, फैट फ्री दूध, जूस, शहद, साबुत अनाज, सब्जियां और डॉक्टर की सलाह अनुसार, ग्लूकोज की गोलियां ले सकते हैं। इनका सेवन करने से शरीर में ब्लड शुगर के स्तर को बैलेंस बनाए रखने में मदद मिल सकती है।
  • दिमाग की नसें कमजोर होने के क्या लक्षण हैं?

    दिमाग की नसों के कमजोर होने पर व्यक्ति को मांसपेशियों के कमजोर होने, सुन्नपन होने, झुनझुनी होने, सिर दर्द होने, चक्कर आने, याददाश्त की कमी, शरीर में बैलेंस बनाए रखने में परेशानी होने, बोलने और देखने में परेशानी होने और काम पर फोकस करने में परेशानी होने की समस्या हो सकती है। 

 

 

 

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  • Current Version

  • Oct 10, 2025 16:31 IST

    Published By : Priyanka Sharma

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