Hypertension in Kids: आमतौर पर हाई ब्लड प्रेशर की समस्या को बड़ों या व्यस्कों की बीमारी माना जाता है, लेकिन पिछले कुछ सालों से यह समस्या बच्चों में भी बढ़ने लगी है। इसकी वजह बच्चों का जंक फूड, प्रोसेस्ड फूड खाना, मोटापा और मोबाइल पर सारा दिन बैठे रहना है। बच्चों में फिजिकल एक्टिविटी की कमी हो गई है और इस वजह से भी बच्चों में हार्ट की बीमारियां बढ़ रही हैं। क्या बचपन में हार्ट की बीमारियों के कारण भविष्य में उन्हें हार्ट अटैक हो सकता है? इस बारे में हमने गुड़गांव के आर्टेमिस हॉस्पिटल्स की पीडियाट्रिक कार्डियोलॉजी विभाग की चीफ डॉ. निधि रावल (Dr. Nidhi Rawal, Chief - Paediatric Cardiology, Artemis Hospitals) से बात की।
क्या बचपन का बढ़ा ब्लड प्रेशर हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ा सकता है?
डॉ. निधि रावल का कहना है, “अगर बचपन बचपन में हाई ब्लड प्रेशर को नजरअंदाज कर दिया जाए तो उम्र बढ़ने के साथ उनके हार्ट और दिमाग की धमनियों में ब्लॉकेज हो सकती है। इससे हार्ट अटैक या स्ट्रोक जैसी बीमारियों का रिस्क कई गुना बढ़ा सकता है। अगर बचपन का हाई बीपी शुरुआती स्टेज में पकड़ लिया जाए और लाइफस्टाइल में कुछ बदलाव कर दिए जाए, तो बच्चों को भविष्य में हार्ट की बीमारियों से बचाया जा सकता है। इसलिए पैरेंट्स को खास सावधानी बरतनी चाहिए और समय-समय पर जांच कराते रहना चाहिए।”
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बचपन में ब्लड प्रेशर क्यों हो रहा है?
डॉ. निधि कहती हैं, “एक समय तक बच्चों में हाई बीपी की समस्या बहुत ही कम देखने को मिलती है, लेकिन अब काफी मामले देखने को मिलते हैं और इसकी वजह मोटापा, हाई कैलोरी, सॉल्ट, कम न्यूट्रिशन, फिजिकल एक्टिविटी न करना, एक पोजीशन में ही बैठे मोबाइल देखते रहना है। इसके अलावा, कई बच्चों में हाई बीपी का कारण फैमिली हिस्ट्री हो सकता है, क्योंकि जिन परिवारों में ब्लड प्रेशर की समस्या होती है, उनमें रिस्क कहीं ज्यादा होता है।”
बचपन का हाई बीपी शरीर को कैसे प्रभावित करता है?
डॉ. निधि ने बताया कि अगर समय पर बच्चों के हाई बीपी पर ध्यान न दिया जाए, तो बच्चों के शरीर पर ये असर हो सकते हैं।
लगातार हाई ब्लड प्रेशर से धमनियों की लचक कम होने लगती हैं।
ब्लड वेसल्स में फैट जमा होना शुरू हो जाता है, जिसे एथेरोस्क्लेरोसिस कहते हैं।
हाई ब्लड प्रेशर में हार्ट को बहुत ज्यादा मेहनत करनी पड़ती है, जिससे हार्ट डिजीज का रिस्क बढ़ जाता है।
बचपन में हाई ब्लड प्रेशर के लक्षण
अक्सर बच्चों का हाई बीपी साइलेंट होता है और इसका पता रूटीन चेकअप में ही चलता है। अगर बच्चों में ये लक्षण दिखें, तो डॉक्टर को जरूर दिखाएं।
- बार-बार सिरदर्द होना
- थकान या कमजोरी
- चक्कर आना
- नाक से खून आना
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बचपन में ब्लड प्रेशर से बचाव के तरीके
डॉ. निधि ने बच्चों के ब्लड प्रेशर को मैनेज करने के तरीके बताए हैं ताकि भविष्य में हार्ट अटैक के रिस्क को कम किया जा सके।
- बच्चों को खाने में मौसमी फल, सब्जियां और साबुत अनाज डाइट में दें।
- बच्चों को कसरत और साइकिल चलाने, स्विमिंग जैसी एक्टिविटीज कराएं।
- रोजाना बच्चों को कम से कम एक घंटा खेलकूद में बिताने को कहें।
- मोबाइल, टीवी और लैपटॉप का स्क्रीन टाइम कम से कम रखें।
- बच्चों को कम से कम 8 से 9 घंटे सोने के लिए कहें।
- जिन बच्चों की फैमिली हिस्ट्री है या मोटापा ज्यादा है, उनका ब्लड प्रेशर समय-समय पर चेक कराते रहें।
निष्कर्ष
डॉ. निधि कहती हैं कि किसी भी पैरेंट्स को हाई ब्लड प्रेशर हल्के में नहीं लेना चाहिए क्योंकि इससे शरीर की धमनियों कमजोर होने लगती है और फिर हार्ट अटैक का रिस्क बढ़ सकता है। अगर बच्चे में किसी भी तरह के लक्षण दिखें, तो तुरंत डॉक्टर से सलाह लें और साथ ही बच्चों के रूटीन को भी बैलेंस्ड जरूर करें।
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Current Version
Sep 26, 2025 17:41 IST
Modified By : Aneesh RawatSep 26, 2025 17:40 IST
Published By : Aneesh Rawat