
सर्दियों के मौसम को 'बीमारियों का घर' भी कहा जाता है। इस मौसम में बच्चे से लेकर बड़ों तक हर कोई बीमार पड़ जाते हैं। सर्दियों में संक्रमण फैलाने वाले बैक्टीरिया ज्यादा फैल जाते हैं। ऐसे में कमजोर इम्यूनिटी वाले लोग इन संक्रमणों की चपेट में ज्यादा आते हैं। आमतौर पर माताएं बच्चों को नहलाने के पीछे पड़ती हैं कि रोज नहाना चाहिए। इससे बॉडी साफ और मन को शांति मिलती है। हालांकि, जब बात सर्दियों के मौसम की होती है, तो यह विचार बदल से जाते हैं। सर्दियों में माताएं बच्चों को नहलाने से कतराती हैं, क्योंकि उन्हें ऐसा लगता है कि बच्चे को नहलाने से खांसी-जुकाम और बुखार जैसी समस्याएं हो सकती हैं। आज के इस आर्टिकल में हम यही जानेंगे कि क्या सच में सर्दियों के अंदर बच्चों को नहलाने से वह बीमार पड़ जाते हैं या यह सिर्फ एक मिथक है। इस सवाल का जवाब पीडियाट्रिशन डॉ. माधवी भारद्वाज ने इंस्टाग्राम पर एक वीडियो पोस्ट कर दिया है। आइए जानते हैं कि इस वीडियो में डॉ. माधवी ने क्या कहा है?
बच्चों को नहलाने से हो जाता है फीवर
जी नहीं, सर्दियों में बच्चों को नहलाने से खांसी-जुकाम और फीवर की समस्या नहीं होती है। आप अपने हिसाब से किसी भी दिन कितने भी दिनों का गैप देकर बच्चे को बेझिझक नहला सकते हैं। इससे बच्चों को किसी तरह की कोई समस्या नहीं होगी। इसके अलावा, आप बच्चों को कई मौसमी समस्याओं और संक्रमण की चपेट में आने से बचा सकते हैं। बच्चे से बड़ों तक सभी के लिए नहाना बहुत जरूरी होता है। इससे शरीर की बेसिक हाइजीन को मेंटेन किया जा सकता है। ऐसे में आप बच्चे को अपने हिसाब से बेझिझक नहला सकते हैं।
पुराने समय में क्यों करते थे मना
अक्सर दादी और नानी सर्दियों में बच्चों को नहलाने से मना करती हैं। उनका कहना है कि हमने भी बच्चे पाले हैं और हम उन्हें सर्दियों में नहीं नहलाते थे। अगर आप भी यही बात सुनते हैं, तो अपनी दादी-नानी को समझाएं कि पिछले समय में बाथरूम की सुविधा नहीं हुआ करती थी और बच्चों को खुले में नहलाना पड़ता था। ऐसे में ठंडी हवाओं के कारण बच्चों का बीमार पड़ना आम बात होती थी। हालांकि, अब ऐसा नहीं है। आजकल के समय में हम सभी के घर में बाथरूम है और हम बच्चों को खुली हवा में नहीं नहलाते हैं। नहाने को लेकर और भी कई मिथक फैले होते हैं। इनमें सबसे आम मिथक चिकन पॉक्स होने पर नहीं नहाने का है। पहले के समय में लोग चिकन पॉक्स होने पर नहीं नहाते थे, क्योंकि बाथरूम नहीं हुआ करते थे और उन्हें नहाने के लिए कुएं या तालाब के पास जाना होता था। ऐसे में कई अन्य लोग उनके संपर्क में आकर बीमार हो सकते थे। ऐसे में चिकेन पॉक्स यानी माता निकलने की स्थिति में बच्चों और बड़ों दोनों को ही न नहाने की सलाह दी जाती थी। हालांकि, इन बातों का अब कोई खास मतलब नहीं है। आप खुद को संक्रमण मुक्त करने के लिए नहा सकते हैं।
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बच्चे को किस स्थिति में नहीं नहलाना चाहिए?
अगर आपका बच्चा बहुत ज्यादा बीमार है, तो आपको इसे नहलाने की गलती नहीं करनी चाहिए। आमतौर पर आप बच्चों को सर्दी, चिकन पॉक्स, डायरिया आदि सभी समस्याओं में नहला सकते हैं। आपको उन्हें कब और की समस्या नहलाना है, यह भी आप पर निर्भर करता है। हालांकि, अगर आपका बच्चा ज्यादा बीमार है या उसकी कोई दवाई या ट्रीटमेंट चल रहा है, तो आप उसे डॉक्टर से पूछे बिना बिलकुल न नहलाएं।
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सर्दियों में बच्चे हो या बड़े सभी को रोजाना नहलाया जा सकता है। अगर आप बच्चों को 10 से 15 दिन तक नहीं नहलाते हैं, तो उन्हें संक्रमण और मौसमी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में शरीर को साफ और फ्रेश रखने के लिए बच्चों को नहलाना बहुत जरूरी हो जाता है। बाकि इस मामले में आप किसी डॉक्टर या संबंधित एक्सपर्ट की राय ले सकते हैं।
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