Can A Woman Get Pregnant With Anteverted Uterus In Hindi: एंटेवर्टेड गर्भाशय, किसी तरह की बीमारी नहीं है और न ही यह कोई शारीरिक समस्या की ओर इशारा करता है। clevelandclinic की मानें, तो एंटेवर्टेड गर्भाशय होना बिल्कुल सुरक्षित और सामान्य है। इससे पहले कि हम आगे बढ़ें, पहले यह जान लें कि एंटेवर्टेड यूट्रस क्या होता है? एंटेवर्टेड यूट्रस का मतलब है कि गर्भाशय का सर्विक्स और पेट की ओर झुका हुआ होना। अक्सर महिलाएं इस बात को लेकर परेशान रहती हैं कि अगर उनका एंटेवर्टेड यूट्रस है, तो उनके लिए कंसीव करना एक चुनौती बन जाएगा। यहां तक कि प्रेग्नेंसी जर्नी में भी कई तरह की जटिलताएं आ सकती हैं और यह स्थिति गर्भ में पल रहे भ्रूण के लिए भी सुरक्षित नहीं है। सवाल है क्या वाकई ऐसा है? इस संबंध में हमने एक्सपर्ट से बात की।
क्या एंटेवर्टेड यूट्रस सामान्य होता है?- Is Anteverted Uterus Considered Normal
एंटेवर्टेड यूट्रस के संबंध में निश्चित तौर पर कहा जा सकता है कि यह सामान्य है। इस बात की पुष्टि करते हुए वृंदावन और नई दिल्ली स्थित मदर्स लैप आईवीएफ सेंटर की चिकित्सा निदेशक, स्त्री रोग और आईवीएफ विशेषज्ञ डॉ. शोभा गुप्ता कहती हैं,, "हां, एंटेवर्टेड यूट्रस को सामान्य माना जाता है। अमूमन, गर्भाशय किसी एक ओर झुका हुआ हो सकता है। लेकिन, इसका प्रेग्नेंसी पर कोई बुरा असर नहीं पड़ता है।"
क्या एंटेवर्टेड गर्भाशय वाली महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं?- Can You Get Pregnant With Anteverted Uterus
डॉ. शोभा गुप्ता बताती हैं कि एंटेवर्टेड यूट्रस का प्रेग्नेंसी जर्नी पर कोई असर नहीं पड़ता है। एंटेवर्टेड यूट्रस होने के बावजदू, महिला नॉर्मल प्रेग्नेंसी की जर्नी से गुजर सकती है, उसका लेबर पेन या प्रेग्नेंसी रिस्क, किसी भी सामान्य महिला की तरह हो सकता है। आपको यह भी स्पष्ट कर दें कि भ्रूण के विकास पर भी एंटेवर्टेड यूट्रस का कोई असर नहीं पड़ता है। अगर यूट्रस से जुड़ी कोई बीमारी नहीं है, तो कंसीव करने में, प्रेग्नेंसी जर्नी में और डिलीवरी में कोई परेशानियां नहीं होती हैं।
इसे भी पढ़ें: क्या ओवुलेशन के बिना महिलाएं प्रेग्नेंट हो सकती हैं? डॉक्टर से जानें
एंटेवर्टेड यूट्रस की जटिलताओं को कैसे कम करें- Tips To Prevent Health Risks From An Anteverted Uterus
एंटेवर्टेड यूट्रस की जटिलताओं को रोकने के लिए आप कुछ नहीं कर सकते हैं, क्योंकि एंटेवर्टेड यूट्रस की वजह से किसी प्रकार की जटिलताएं नहीं होती हैं। हां, आप यूट्रस से जुड़े रिस्क को कम करने के लिए अहम कदम उठा सकते हैं, जैसे-
- यूट्रस से जुड़ी कई बीमारियां हो सकती हैं। इससे बचने के लिए जरूरी है कि हमेशा सुरक्षित तरीके से संबंध बनाएं। इससे सेक्शुअल ट्रांसमिटेड डिजीज का रिस्क भी कम होता है।
- हर महिला को नियमित रूप से पेल्विक टेस्ट और पैप टेस्ट करवाना चाहिए।
- अगर किसी महिला को मेंस्ट्रएशन से जुड़ी कोई समस्या होती है, तो उन्हें एक्सपर्ट से मिलना चाहिए। मासिक धर्म से जुड़ी समस्याओं के कारण कंसीव करना चुनौतीपूर्ण हो सकता है।
- खुद को फिजिकली फिट रखने के लिए हेल्दी लाइफस्टाइल अपनाएं और रेगुलर एक्सरसाइज करें।
गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए क्या करें- Tips For Healthy Uterus
गर्भाशय को हेल्दी रखने के लिए जरूरी है आप अपनी लाइफस्टाइल में अच्छी आदतों को अपनाएं, जैसे-
- कम से कम स्ट्रेस लें। स्ट्रेस के कारण शरीर में हार्मोनल इंबैलेंस होने लगता है। इससे मेंस्ट्रुएशन पर बुरा असर पड़ता है। यह स्थिति गर्भाशय को भी प्रभावित कर सकती है।
- अपनी डाइट को न्यूट्रिशियस रखें। इन दिनों, कई महिलाएं इंफर्टिलिटी का शिकार हो रही हैं। इसका बहुत बड़ा कारण है, खराब जीवनशैली, लेट नाइट वर्क कल्चर और फिजिकली एक्टिव न रहना। हर महिला को चाहिए कि हेल्दी डाइट फॉलो करें, जिससे गर्भाशय पर पॉजिटिव असर पड़े।
- अपने मेंस्ट्रुअल साइकिल पर नजर रखें। अगर तीन महीने से ज्यादा समय तक पीरियड्स न हों या असामान्य ब्लीडिंग हो, तुरंत डॉक्टर से मिलें और अपना ट्रीटमेंट करवाएं।
All Image Credit: Freepik