Expert

छाछ या लस्सी, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद? जानें इनके पोषक तत्व

Buttermilk vs Lassi: गर्मी में शरीर को ठंडा रखने के ल‍िए हम छाछ और लस्‍सी पीते हैं। इनमें से कौन सी ज्‍यादा हेल्‍दी है, यह जानने के ल‍िए आगे पढ़ें।  
  • SHARE
  • FOLLOW
छाछ या लस्सी, सेहत के लिए क्या है ज्यादा फायदेमंद? जानें इनके पोषक तत्व


Buttermilk vs Lassi Which Is Healthier: छाछ और लस्‍सी में से क्‍या ज्‍यादा सेहतमंद है? गर्मी में प्‍यास बुझाने के ल‍िए हम कई तरह की ड्र‍िंक्‍स का सेवन करते हैं। जैसे- छाछ और लस्‍सी। दोनों ही ड्र‍िंक्‍स, दूध का फॉर्म है। गर्मी में ताजगी के ल‍िए इनका सेवन क‍िया जाता है। स्‍वाद‍िष्‍ट होने के साथ-साथ छाछ और लस्‍सी में कई पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। छाछ और लस्‍सी में सबसे बड़ा अंतर स्‍वाद का है। जहां एक तरफ छाछ मसालों से तैयार की जाती है तो वहीं लस्‍सी को दूध, मलाई, चीनी और फलों के मीठे स्‍वाद से तैयार क‍िया जाता है। छाछ को बनाने की प्रक्र‍िया में लैक्‍टोज, लैक्‍ट‍िक एस‍िड में बदल जाता है। इसल‍िए यह आसानी से पच जाती है। ज‍िन लोगों को लैक्‍टोज से एलर्जी है, उनके ल‍िए छाछ एक अच्‍छा व‍िकल्‍प है। वहीं दही से बनने वाली लस्‍सी शरीर को ठंडक प्रदान करती है। लस्‍सी को कई फ्लेवर्स में बनाया जा सकता है। कुछ लोग लस्‍सी में मलाई डालकर भी पीते हैं। लेक‍िन छाछ और लस्‍सी में से कौन सा व‍िकल्‍प ज्‍यादा हेल्‍दी है, यह जानने के ल‍िए हमें इनके पोषक तत्‍व और फायदों पर गौर करना होगा। इस व‍िषय पर हमें बेहतर जानकारी देने के ल‍िए Holi Family Hospital, Delhi की डायटीश‍ियन Sanah Gill ने अपनी राय साझा की है।  

chach peene ke fayde

छाछ और लस्‍सी में अंतर- Difference Between Buttermilk and Lassi 

  • छाछ नमकीन स्‍वाद की होती है वहीं लस्‍सी का स्‍वाद मीठा होता है।
  • छाछ की कंसिस्टेंसी ज्‍यादा पतली होती है और लस्‍सी गाढ़ी होती है।
  • लस्‍सी, छाछ से ज्‍यादा एस‍िड‍िक होती है।
  • छाछ को काला नमक, जीरा पाउडर, धन‍िया जैसी हेल्‍दी सामग्र‍ियों के साथ तैयार क‍िया जाता है।
  • लस्‍सी में चीनी, दूध, फल म‍िलाए जाते हैं। 

छाछ में मौजूद पोषक तत्‍व- Buttermilk Nutrients 

छाछ में प्रोबायोट‍िक्‍स मौजूद होते हैं। छाछ का सेवन करने से इम्‍यून‍िटी बढ़ती है। छाछ में कैल्‍श‍ियम, व‍िटाम‍िन-बी12, ज‍िंक और प्रोटीन मौजूद होता है। व‍िटाम‍िन-बी12 की मदद से ब्‍लड ग्‍लूकोज को एनर्जी में बदलना आसान हो जाता है। व‍िटामिन-बी12 की कमी (Vitamin B12 Deficiency) से कब्‍ज की समस्‍या हो सकती है। रोज छाछ पीने से यह कमी दूर होती है।  

इसे भी पढ़ें- छाछ में शहद मिलाकर पीने से सेहत को मिलते हैं कई फायदे, जानें बनाने का तरीका    

लस्‍सी में मौजूद पोषक तत्‍व- Lassi Nutrients

लस्‍सी में कैल्‍श‍ियम, पोटेश‍ियम, फॉस्‍फोरस जैसे पोषक तत्‍व पाए जाते हैं। लस्‍सी में मौजूद कैल्‍श‍ियम का सेवन करने से हड्ड‍ियों को मजबूत बनाने में मदद म‍िलती है। लस्‍सी में रिबोफ्लेविन और पोटेश‍ियम मौजूद होने के कारण, बीपी कंट्रोल करने में मदद म‍िलती है। लस्‍सी में लैक्‍ट‍िक एस‍िड पाया जाता है। इससे शरीर की इम्‍यून‍िटी बढ़ाने में मदद म‍िलती है। लस्‍सी को खुद में एक कंप्‍लीट मील माना जाता है। कई लोग लस्‍सी में फल और सीड्स म‍िलाकर इसे खाने की जगह खाते हैं। 

छाछ और लस्‍सी में से क्‍या है ज्‍यादा हेल्‍दी ड्र‍िंक?- Buttermilk vs Lassi Which Is Healthier

lassi ke fade

छाछ और लस्‍सी में से- छाछ ज्‍यादा हेल्‍दी व‍िकल्‍प है। 1 ग‍िलास छाछ में करीब 40 से 45 कैलोरीज पाई जाती हैं और वहीं लस्‍सी में करीब 150 से 200 कैलोरीज मौजूद होती हैं। हाई कैलोरीज के कारण लस्‍सी पीने से वजन बढ़ सकता है। आयुर्वेदि‍क दृष्‍ट‍ि से देखें, तो छाछ, लस्‍सी के मुकाबले ज्‍यादा हल्‍की होती है। इसे पीने से कफ दोष नहीं बढ़ता। छाछ में दूध या लस्‍सी से लगभग 50 प्रत‍िशत कम कैलोरीज होती हैं। साथ ही 75 प्रत‍िशत कम फैट भी होता है। इसल‍िए जो लोग वजन घटाना चाहते हैं, उनके ल‍िए छाछ पीना ज्‍यादा बेहतर व‍िकल्‍प है। छाछ में पानी भी म‍िलाया जाता है। इससे छाछ की कैलोरीज और कम हो जाती हैं। वहीं लस्‍सी में लो-फैट म‍िल्‍क इस्‍तेमाल करने के बावजूद भी, छाछ से ज्‍यादा कैलोरीज होती हैं। ज‍िन लोगों को अल्‍सर या पेट में एस‍िडि‍टी की श‍िकायत रहती हैं। उनके ल‍िए छाछ और लस्‍सी दोनों ही पीना हेल्‍दी ऑप्‍शन है। इन दोनों पेय पदार्थों को पीने से पाचन क्र‍िया आसान हो जाती है। 

Buttermilk vs Lassi: छाछ और लस्‍सी में से, छाछ ज्‍यादा बेहतर व‍िकल्‍प है। लस्‍सी में कैलोरीज ज्‍यादा होती हैं। वहीं छाछ को पचाना ज्‍यादा आसान होता है। उम्‍मीद करते हैं आपको यह जानकारी पसंद आई होगी। इस लेख को शेयर करना न भूलें। 

Read Next

काली मिर्च की चाय पीने से सेहत को मिलेंगे ये 5 फायदे, जानें बनाने का तरीका

Disclaimer