ब्रेस्ट कैंसर (breast cancer)महिलाओं में होने वाला सबसे कॉमन कैंसर है। भारत में हर साल डेढ़ लाख से ज्यादा महिलाओं को ब्रेस्ट कैंसर होता है। ब्रेस्ट कैंसर को लेकर एक बात हमेशा से कही जाती रही है कि इसकी पहचान जितनी जल्दी हो जाए, उतना ही इलाज आसान होता है। हाल ही में आए इस स्टडी ने ब्रेस्ट कैंसर की पहचान को लेकर एक बड़ा खुलासा किया है। इस स्टडी की मानें, तो स्तनों के आकार यानी कि ब्रेस्ट साइज से भी ब्रेस्ट कैंसर की पहचान की जा सकती है। इस शोध की मानें, तो विभिन्न कारकों जैसे कि जीन, जीवनशैली , व्यक्तिगत स्वास्थ्य का इतिहास और आपके स्तन का घनत्व स्तन कैंसर के जोखिम की पहचान करने में आपकी मदद कर करते हैं। वहीं इसने ब्रेस्ट साइज (breast size) और ब्रेस्ट कैंसर के बीच संबंधों को लेकर भी कुछ बड़े खुलासे किए हैं। आइए जानते हैं इस शोध के बारे में विस्तार से।
क्या कहता है ये शोध?
बीएमसी मेडिकल जेनेटिक्स में ऑनलाइन प्रकाशित एक रिपोर्ट की मानें, तो युवा महिला में बड़े स्तन का आकार स्तन कैंसर के लिए थोड़े अधिक जोखिम से जुड़ा होता है। दरअसल इस शोध में शोधकर्ताओं ने 16,000 से अधिक महिलाओं के डेटा की विस्तार से स्टडी की है। इसमें महिलाओं ने ब्रा साइज, उम्र, आनुवांशिक वंशावली और व्यक्तिगत स्वास्थ्य इतिहास को सूचीबद्ध करते हुए सर्वेक्षण पूरा किया था। उसके बाद शोधकर्ताओं ने कई महिलाओं को उनके स्तन के आकार के बारे में स्तन कैंसर के बढ़ते जोखिम की करीब से स्टडी की। रिपोर्ट के प्रमुख लेखक, निकोलस एरिकसन कहते हैं कि, “आनुवांशिक विविधता का स्तन कैंसर और स्तन के आकार में प्राकृतिक भिन्नता दोनों पर प्रभाव पड़ता है। बड़े स्तन का आकार स्तन कैंसर के जोखिम से (breast cancer causes and symptoms)थोड़ा अधिक होता है।"
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बड़े स्तनों में ज्यादा होता है ब्रेस्ट कैंसर का जोखिम (breast size and breast cancer)
दरअसल शोध में उन महिलाओं पर खास ध्यान दिया गया जिनमें आनुवांशिक विविधता के कारण स्तन कैंसर और स्तन के आकार, दोनों के बीच एक संबंध मिला। शोध में खुल कर इस बात पर जोर दिया गया कि जिन महिलाओं के ब्रेस्ट का साइज बड़ा थो उनमें ब्रेस्ट का जोखिम भी ज्यादा था। वहीं इंटरनेशनल जर्नल ऑफ कैंसर में प्रकाशित एक अन्य अध्ययन में उल्लेख किया गया है कि एक पतली महिला जिसके ब्रा का साइज दूसरी महिला की तुलना में ज्यादा था, उनमें स्तन कैंसर विकसित होने का जोखिम लगभग दोगुना था। हालांकि, शोध में अन्य अंतर्निहित कारकों पर ध्यान नहीं दिया गया। जैसे कि जीन, मोटापा और लाइफस्टाइल।
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हालांकि ये शोध स्तन के आकार और स्तन कैंसर ते बीच संबंधों को परिभाषित करता है, पर इसमें अभी और गहराई से रिसर्च करने की आवश्यकता है । हालांकि, आनुवंशिक कारकों के बीच एक ओवरलैप है, जो स्तन के बड़े आकार और स्तन कैंसर का कारण बन सकता है। इसलिए, अपने स्तन के आकार के बारे में चिंतित न हों और इस बात पर पूरी तरह से विश्वास न करें कि स्वाभाविक रूप से बड़े स्तन कैंसर जैसी लाइलाज बीमारी के खतरे में डाल सकते हैं। पर अगर आपका वजन बढ़ने से आपके स्तन के आकार में वृद्धि हुई है, तो आपको अपने स्वास्थ्य पर ध्यान देने की जरूरत है। वहीं अगर आपके ब्रेस्ट की साइज लगातार बढ़ रही है, या स्तनों में दर्द या गांठ महसूस हो रहा है, तो आपको अपने डॉक्टर से बात करनी चाहिए और खुद को चेकअप करवाना चाहिए।
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