बोटॉक्स और फिलर्स के बारे में ये 3 बातें नहीं जानते होंगे आप!

एक प्रशिक्षित कॉस्मेटिक व प्लास्टिक सर्जन को ही इस बात की जानकारी होती है कि बोटॉक्स और फिलर्स के जरिये अधिकतम लाभ उठाने के लिए इनका उपयोग कैसे किया जाना चाहिए।
  • SHARE
  • FOLLOW
बोटॉक्स और फिलर्स के बारे में ये 3 बातें नहीं जानते होंगे आप!


बोटॉक्स और फिलर्स दोनों ही नॉन-सर्जिकल इलाज हैं, जिनका इस्तेमाल चेहरे को सुंदर और बेहतर बनाने और उम्र बढऩे के साथ उत्पन्न होने वाले लक्षणों को कम करने में किया जाता है। एक प्रशिक्षित कॉस्मेटिक व प्लास्टिक सर्जन को ही इस बात की जानकारी होती है कि बोटॉक्स और फिलर्स के जरिये अधिकतम लाभ उठाने के लिए इनका उपयोग कैसे किया जाना चाहिए। प्रशिक्षित कॉस्मेटिक व प्लास्टिक सर्जन ही जटिलताओं को ध्यान में रखकर बोटॉक्स और फिलर्स का इस्तेमाल करता है। 

बात बोटॉक्स की 

बोटॉक्स (बोटोलिनम टॉक्सिन) एक न्यूरोटॉक्सिक प्रोटीन है, जिसे बैक्टेरियम क्लॉस्ट्रिडियम बोटोलिनम और अन्य संबंधित प्रजातियों द्वारा उत्पन्न किया जाता है। एक न्यूरोटॉक्सिन के तौर पर इंजेक्ट किए जाने पर बोटॉक्स उस पूरे इलाके की मांसपेशियों को कमजोर कर देता है। भौंहें, माथे और आंखों के आसपास मांसपेशियों के सिकुडऩे से चेहरे के हावभाव के साथ चेहरे पर मौजूद झुर्रियां और बारीक लाइनें स्पष्ट हो जाती हैं। जब ये मांसपेशियां बोटॉक्स इंजेक्शन की वजह से कमजोर हो जाती हैं, तब वे आराम की स्थिति में आ जाती हैं और इस वजह से बारीक लाइनें और झुर्रियां खत्म हो जाती हैं। बोटॉक्स का असर चार से छह महीनों तक बना रहता है।

इसे भी पढ़ें : एजिंग से बचने के लिए स्किन पर इस्तेमाल करें ये टोनर्स

इंजेक्शन लगने के एक सप्ताह के बाद इसका असर सामने आने लगता है और इसके परिणामों को बनाए रखने के लिए नियमित इलाज सत्रों (चार से छह महीने के बाद अगला सेशन किया जा सकता है) की जरूरत पड़ सकती है। नियमित उपचारों के साथ मांसपेशियों को नई ऊर्जा मिलती है और दो इलाज सत्र के बीच अंतराल बढ़ जाता है। बोटॉक्स उपचार ओपीडी में किया जा सकता है। आप इलाज के तत्काल बाद सामान्य गतिविधियां शुरू कर सकते हैं।

बोटोलिनम टॉक्सिन कोई नया उत्पाद नहीं है और सेंट्रल नर्वस सिस्टम संबंधी गड़बडिय़ों को ठीक करने के लिए इनका इस्तेमाल लंबे समय से किया जाता रहा है। इसलिए इनका इस्तेमाल करना सुरक्षित है और इससे लंबी अवधि में कोई नुकसान नहीं होता है। बोटॉक्स से इलाज किए जाने वाले हिस्सों में मुख्य रूप से माथा, भौहों के बीच की लाइन और क्रोज फीट (आंख के बगल में पडऩे वाली रेखाएं) हैं। इस उपचार से अन्य हिस्सों को भी बेहतर बनाया जा सकता है। 

फिलर्स की खासियत 

इसे भी पढ़ें : इस फेस पैक की मदद से 10 साल जवां दिख सकती है आप

चेहरे के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले फिलर्स आम तौर पर हाइलूरॉनिक एसिड से बने होते हैं। वे इंजेक्टेट हिस्सों में वॉल्यूम बढ़ाकर त्वचा की सतहों और लाइनों को नर्म बनाते हैं। इनका इस्तेमाल माथे, भौहों, आंखों और गर्दन के आसपास की झुर्रियों को ठीक करने के लिए किया जाता है। इसके परिणाम छह महीने से लेकर एक साल तक बने रहते हैं जो इस्तेमाल किए गए फिलर के प्रकार पर निर्भर करते हैं।

फिलर्स अस्थाई या स्थाई दोनों प्रकार के हो सकते हैं। हालांकि इन दिनों अस्थाई प्रकार के फिलर्स का इस्तेमाल किया जा रहा है। इन दिनों फैट ट्रांसफर का इस्तेमाल एक अत्यंत प्रभावी फिलर के तौर पर किया जाता है। विभिन्न प्रकार के उत्पाद उपलब्ध हैं और आपके लिए उपयुक्त उत्पाद की सलाह आपका डॉक्टर ही दे सकेगा। अच्छी तरह इस्तेमाल किए जाने पर फिलर्स फेस लिफ्ट जैसे ही परिणाम दे सकते हैं। इसलिए अन्य प्रकार की प्रक्रियाओं से बचना चाहिए।

ऐसे अन्य स्टोरीज के लिए डाउनलोड करें: ओनलीमायहेल्थ ऐप

Read More Articles On Anti Aging In Hindi

Read Next

सनस्क्रीन खरीदते समय इन 5 बातों का रखें खयाल, वर्ना नहीं होगा कोई फायदा

Disclaimer

How we keep this article up to date:

We work with experts and keep a close eye on the latest in health and wellness. Whenever there is a new research or helpful information, we update our articles with accurate and useful advice.

  • Current Version