त्वचा को सूरज की हानिकारक किरणों से बचाने के लिए सनस्क्रीन का इस्तेमाल बहुत जरूरी है। कई बार जब सूरज की किरणें मद्धम होती हैं लेकिन आपको घर से निकलना पड़ता है तो आप सोचती हैं कि इससे आपकी त्वचा को कोई नुकसान नहीं होगा, लेकिन आप गलत हैं। धूप ज्यादा तेज न होने के बाद भी अगर आप धूप में ज्यादा देर तक रहती हैं तो इससे त्वचा को सूरज की हानिकारक अल्ट्रावॉयलेट किरणों से नुकसान पहुंचता है। सन टैन, ब्लैक हेड्स, सन बर्न जैसी सामान्य समस्याओं के अलावा इसकी वजह से आपको त्वचा संबंधी गंभीर रोग भी हो सकते हैं जैसे त्वचा का इंफेक्शन, त्वचा पर रैशेज और त्वचा का कैंसर आदि। इसलिए आप किसी भी मौसम में घर से बाहर निकलें सनस्क्रीन आपके लिए जरूरी है।
सनस्क्रीन खरीदने से पहले
सनस्क्रीन खरीदने से पहले ज्यादातर लोग केवल ब्रांड देखते हैं, जबकि इसके इस्तेमाल से पहले अपनी स्किन के अनुसार सनस्क्रीन की जरूरत को जानना ज्यादा जरूरी है। अगर आप गलत सनस्क्री लगाती हैं तो इससे नुकसान तो नहीं होगा लेकिन आपको इसका पूरा लाभ नहीं मिलेगा, जिसके लिए आप इसे लगाते हैं। कौन सा सनस्क्रीन आपके लिए अच्छा है इसे जानने के लिए ये तय कीजिये कि आपको धूप में कितनी देर रहना पड़ता है और किस मौसम में रहना पड़ता है।
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अगर पसीना आए तो
अगर सनस्क्रीन लोशन लगाने के बाद भी आपको ज्य़ादा पसीना आता है तो चिपचिपाहट से बचने के लिए सनस्क्रीन के साथ कैलमाइन लोशन मिक्स करें। पानी के संपर्क में आने या पसीने की वजह से एसपीएफ युक्त सनस्क्रीन का असर खत्म होने लगता है। इससे अल्ट्रावॉयलेट किरणें त्वचा को आसानी से नुकसान पहुंचाती हैं। इसके लिए बेहद ज़रूरी है कि सनस्क्रीन की मोटी परत त्वचा पर लगाई जाए।
समझें प्रतिशत का खेल
चेहरे पर सनस्क्रीन लगाते समय सुनिश्चित करें कि आपके लिए कितने एसपीएफ का सनस्क्रीन लोशन बेस्ट रहेगा। आमतौर पर विज्ञापनों में दिखाया जाता है कि 30 एसपीएफ वाली क्रीम लगाने से सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचा जा सकता है, जबकि सच्चाई यह है कि 30 एसपीएफ वाली क्रीम 97 प्रतिशत तक बचाव करती है, 15 एसपीएफ युक्त क्रीम से 93 प्रतिशत तक बचाव होता है और 50 एसपीएफ से 98 फीसदी तक सूर्य की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से बचाव होता है। अपनी उपयोगिता के हिसाब से एसपीएफ का चयन करें। अगर आपको ज्य़ादा देर तक धूप में नहीं रहना है तो कम एसपीएफ वाली क्रीम का भी इस्तेमाल कर सकती हैं।
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लेबल चेक करें
कोई भी अच्छा सनस्क्रीन लोशन धूप की अल्ट्रावॉयलेट किरणों से त्वचा की रक्षा करता है। सनस्क्रीन खरीदते समय हमेशा जांच लें कि उसके लेबल पर यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन (बोर्ड स्पेक्ट्रम) प्रिंट हो। यूवीए और यूवीबी प्रोटेक्शन न केवल सनबर्न से, बल्कि त्वचा के कैंसर से भी बचाने में मददगार है।
अगर आपकी त्वचा सेंसिटिव है
अगर आपकी त्वचा रेडिएशन के प्रति ज्यादा सेंसिटिव है तो आपको घर के अंदर भी सनस्क्रीन लगाना उतना ही जरूरी है, जितना कि बाहर। घर में मौज़ूद आर्टिफिशियल लाइट त्वचा पर असर डालती हैं क्योंकि इनमें भी कुछ मात्रा में रेडिएशन होता है। आमतौर पर घर में रहने पर एसपीएफ 15 तक का सनस्क्रीन लगाना बेहतर रहता है। सनस्क्रीन क्रीम या लोशन से चेहरे में लाल दाने या एलर्जी के लक्षण दिखने लगें तो तुरंत किसी डर्मेटोलॉजिस्ट को दिखाएं।
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