
आयुर्वेद में पेट और आंत से जुड़ी समस्याओं को दूर करने के लिए कई औषधियों का जिक्र मिलता है। इन्हीं में से एक है बिल्वादि चूर्ण, जो खासतौर पर दस्त, अपच और पेट दर्द जैसी परेशानियों में इस्तेमाल किया जाता है। यह चूर्ण कई औषधीय जड़ी-बूटियों के मिश्रण से तैयार होता है, जिनमें प्रमुख है बिल्व यानी बेल फल।
बेल का फल गर्मियों में आता है और पाचन के लिए बहुत फायदेमंद माना जाता है। इसके चूर्ण को कई अन्य हर्ब्स जैसे धनिया, सौंफ, अतीस, जायफल और छोटी इलायची आदि के साथ मिलाकर ही बिल्वादि चूर्ण बनाया जाता है। इन हर्ब्स के मिश्रण के कारण ही इसका असर और भी शक्तिशाली हो जाता है और आयुर्वेद में पेट और आंत की समस्याओं को दूर करने में इसे कारगर माना जाता है। आइए जानते हैं बिल्वादि चूर्ण के फायदे विस्तार से।
1. दस्त और डायरिया में फायदेमंद
बिल्वादि चूर्ण का सबसे प्रमुख उपयोग दस्त और डायरिया में होता है। यह आंतों को मजबूत करता है और लूज मोशन या डायरिया को नियंत्रित करता है। बच्चों और बड़ों, दोनों में यह औषधि कारगर मानी जाती है।
2. पाचन शक्ति बढ़ाए
कमजोर पाचन, गैस और अपच जैसी समस्याओं से राहत दिलाने में भी बिल्वादि चूर्ण मदद करता है। इसमें मौजूद बेल फल और अन्य जड़ी-बूटियां पाचन अग्नि को संतुलित करती हैं और भोजन को सही तरीके से पचाने में मदद करती हैं।
3. पेट दर्द और ऐंठन से राहत
अगर पेट में ऐंठन या मरोड़ हो रही हो, तो बिल्वादि चूर्ण का सेवन लाभकारी होता है। यह पेट की नसों को शांत करता है और गैस या दस्त से होने वाले दर्द को कम करता है।
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4. शरीर को डिटॉक्स करने में सहायक
बिल्वादि चूर्ण खून को शुद्ध करने और शरीर से विषैले तत्वों को बाहर निकालने में भी मदद करता है। इससे पाचन तंत्र स्वस्थ रहता है।
5. इम्यूनिटी को बनाए मजबूत
लगातार पाचन संबंधी परेशानियां शरीर की इम्यूनिटी पर भी असर डालती हैं। बिल्वादि चूर्ण न केवल पेट को दुरुस्त करता है, बल्कि रोग प्रतिरोधक क्षमता को भी सपोर्ट करता है।
6. बच्चों और बुजुर्गों के लिए उपयोगी
यह औषधि बच्चों और बुजुर्गों के लिए भी सुरक्षित मानी जाती है। अक्सर बच्चों में दस्त की समस्या बार-बार होती है, ऐसे में बिल्वादि चूर्ण को आयुर्वेदिक चिकित्सक सुझाते हैं। वहीं बुजुर्गों में यह कब्ज और गैस से राहत देने में सहायक होता है।
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7. यात्रा के दौरान होने वाली परेशानियों से राहत
अक्सर यात्रा के समय अनियमित भोजन और पानी बदलने से पेट खराब हो जाता है। बिल्वादि चूर्ण ऐसे समय पर प्राकृतिक राहत देने वाला उपाय साबित हो सकता है।
बिल्वादि चूर्ण क्यों है खास?
बिल्वादि चूर्ण की खासियत यह है कि यह सिर्फ लक्षणों को दबाने का काम नहीं करता, बल्कि पाचन तंत्र की जड़ों पर असर करता है। बेल फल के गुण इसे ठंडा, पाचक और दस्तरोधी बनाते हैं। वहीं अन्य जड़ी-बूटियां गैस, अपच और इन्फेक्शन से बचाव करने में मदद करती हैं।
वैसे तो बाजार में कई ब्रांड्स के चूर्ण उपलब्ध हैं, लेकिन अगर आप सही और परंपरिक तरीके से बना बिल्वादि चूर्ण चाहते हैं, तो Patanjali Ayurveda को चुन सकते हैं। पतंजलि की आयुर्वेदिक औषधियां पारंपरिक तरीके से आधुनिक मानकों को ध्यान रखकर बनाई जाती हैं। इसे आप Patanjali Ayurveda के ऑनलाइन और ऑफलाइन स्टोर्स से प्राप्त कर सकते हैं। ध्यान रखें बिल्वादि चूर्ण का सेवन शुरू करने से पहले आयुर्वेदिक चिकित्सक की सलाह जरूर लें।
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Oct 10, 2025 16:59 IST
Published By : Anurag Gupta