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मेटाबॉलिक सिंड्रोम में किन न्यूट्रिशन से मिलेगा आराम, एक्सपर्ट से जानें

भोजन को ऊर्जा में बदलने का काम मेटाबॉलिज्म द्वारा किया जाता है। जब मेटाबोलिक प्रक्रिया में बाधा आती है तो इससे मेटोबॉलिक सिंड्रोम कहते हैं, आगे जानते हैं कि किन पोषक तत्वों से इस प्रक्रिया को ठीक किया जा सकता है?
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मेटाबॉलिक सिंड्रोम में किन न्यूट्रिशन से मिलेगा आराम, एक्सपर्ट से जानें


Dietary Strategies for Metabolic Syndrome: व्यक्ति के अंगों को कार्य के लिए ऊर्जा यानी एनर्जी की आवश्यकता होती है। जब आप भोजन करते हैं तो शरीर में कई तरह की प्रक्रियाएं होती है, जिसमें आपके भोजन को एनर्जी में बदला जाता है। इस प्रक्रिया को मेटाबॉलिक प्रक्रिया कहते हैं। लेकिन, कई बार कुछ लोगों को मेटाबॉलिक सिंड्रोम की समस्या होती है। मेटाबोलिक सिंड्रोम एक गंभीर स्वास्थ्य स्थिति है, जिसमें हाई ब्लड प्रेशर, शुगर (डायबिटीज), कोलेस्ट्रॉल का असामान्य लेवल और पेट की चर्बी बढ़ने जैसी समस्याएं शामिल होती हैं। इसमें हृदय रोग, टाइप-2 डायबिटीज और स्ट्रोक जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ा सकता है। लेकिन, सही खानपान और पोषक तत्वों की सही मात्रा लेने से इस समस्या को नियंत्रित किया जा सकता है। इस लेख में यशोदा सुपर स्पेशलिटी अस्पताल, कौशाबी की डाइटीशियन और नूट्रिशनिस्ट डॉक्टर भावना गर्ग से जानेंगे कि मेटाबोलिक सिंड्रोम को सुधारने के लिए कौन से पोषक तत्व सबसे महत्वपूर्ण है और इसे किन स्रोतों से प्राप्त किया जा सकता है।

मेटाबॉलिक सिंड्रोम को दूर करने में कौन से पोषक तत्व फायदेमंद हो सकते हैं? - Best Nutrient To Improve Metabolic Syndrome In Hindi

मेटाबोलिक सिंड्रोम में वजन को कंट्रोल में रखना और मैक्रो पोषक तत्व मुख्य भूमिका निभाता है। इस समस्या में डाइट में 40 से 65% कार्ब्स, 15-20% प्रोटीन और 20-35% हैल्दी फैट लेना फायदेमंद माना जाता है। आगे जानते हैं मेटाबॉलिक सिंड्रोम में किन पोषक तत्वों का सेवन करने से मदद मिलती है। 

मैग्नीशियम

मैग्नीशियम (Magnesium) एक आवश्यक मिनरल है, जो शरीर में 300 से अधिक एंजाइमेटिक प्रतिक्रियाओं को नियंत्रित करता है। यह ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करने, ब्लड शुगर लेवल को संतुलित करने और हृदय स्वास्थ्य को बेहतर बनाने में मदद करता है। मेटाबॉलिक सिंड्रोम वाले लोगों में अक्सर मैग्नीशियम की कमी पाई जाती है। इसकी पूर्ति के लिए आप हरी पत्तेदार सब्जियां जैसे पालक, मेथी, सरसों के पत्ते और नट्स और बीज जैसे बादाम, काजू, सूरजमुखी के बीज, कद्दू के बीज आदि का सेवन कर सकते हैं।

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ओमेगा-3 फैटी एसिड

मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से कुछ लोगों में कोलेस्ट्रॉल का स्तर अनियंत्रित हो जाता है। ऐसे में आप ओमेगा 3 फैटी एसिड युक्त आहार का सेवन कर सकते हैं। इससे खराब कोलेस्ट्रॉल यानी एलडीएल को कम करने में मदद मिलती है और व्यक्ति को हृदय रोग का जोखिम कम होता है। इसके लिए आप डाइट में अलसी के बीज, अखरोट और मछली का सेवन कर सकते हैं।

फाइबर

पाचन और इससे जुड़ी कई समस्याओ को दूर को करने में फाइबर मुख्य भूमिका निभाता है। पोषक तत्वों के अवशोषण और मेटाबॉलिक सिंड्रोम के लक्षणों को कम करने के लिए आप फाइबर युक्त आहार जैसे कि ओट्स, दालें, फल और हरी सब्जियों का सेवन कर सकते हैं। इससे वजन और ब्लड शुगर कंट्रोल में रहता है।

पोटैशियम

जिन लोगों को हाई ब्लड प्रेशर की समस्या होती है। उनको हृदय से जुड़ी समस्याओं का जोखिम अधिक होता है। ऐसे में डॉक्टर्स पोटेशियम युक्त आहार का सेवन करने की सलाह देते हैं। यह पोषक तत्व मेटाबॉलिक सिंड्रोम के प्रभाव को कम करने में मदद करता है। इसके लिए आप डाइट में केला, नारियल पानी और पालक का सेवन कर सकते हैं।

विटामिन D

मेटाबॉलिक सिंड्रोम की वजह से हड्डियों और ब्लड शुगर प्रभावित होती है। दरअसल, विटामिन डी इंसुलिन संवेदनशीलता बढ़ाने में मदद करता है। इसके लिए आपको डॉक्टर सुबह व शाम की धूप में सैर करने या बैठने की सलाह देते हैं। इसके अलावा, विटामिन डी के सप्लीमेंट्स भी दिए जा सकते हैं।

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मेटाबॉलिक सिंड्रोम को नियंत्रित करने के लिए मैग्नीशियम सबसे महत्वपूर्ण पोषक तत्वों में से एक है। यह इंसुलिन संवेदनशीलता, ब्लड प्रेशर, हृदय स्वास्थ्य और सूजन को नियंत्रित करने में मदद करता है। इसके अलावा, फाइबर, ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन D जैसे अन्य पोषक तत्व भी मेटाबॉलिक सिंड्रोम से बचाव में सहायक होते हैं। डाइट में किसी भी तरह के बदलाव से पहले डॉक्टर की सलाह अवश्य लें।

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