आयुर्वेद के अनुसार उषापान से मिलते हैं बेमिसाल फायदे, आज ही बनाएं जीवनशैली का हिस्सा

उषापान प्रातःकाल से पहले उठकर बासी मुंह पानी पीने की प्रक्रिया को कहते हैं। इससे आपको कई तरह के स्वास्थ्य लाभ मिल सकते हैं।

Meera Tagore
Written by: Meera TagoreUpdated at: Mar 13, 2023 16:42 IST
आयुर्वेद के अनुसार उषापान से मिलते हैं बेमिसाल फायदे, आज ही बनाएं जीवनशैली का हिस्सा

3rd Edition of HealthCare Heroes Awards 2023

Benefits Of Ushapan In Hindi: सुबह उठते ही बासी मुंह पानी पीने की आदत को आयुर्वेद के अनुसार उषापान कहा जाता है। यह एक बेहतरीन आदत है, जिसे अपनी जीवनशैली का हिस्सा बनाकर आप कई तरह के स्वास्थ्य लाभ हासिल कर सकते हैं। आयुर्वेद की मानें तो उषापान एक रसायन चिकित्सा है, जो निवारक यानी प्रीवेंटिव आयुर्वेद में बहुत महत्वपूर्ण भूमिका निभाती है। इसकी मदद से कब्ज, बवासीर, पेट संबंधी समस्याओं से राहत मिल सकती है। इसके साथ ही यह रक्त संबंधी विकारों से भी आराम दिलाने में मदद करता है। इस लेख में पेश है, उषापान करने के अन्य फायदे और इसे करने का सही तरीका।

benefits of ushapan inside

उषापान का सही समय

उषापान का सही समय जानने से पहले आप यह जानें कि उषापान शब्द का अर्थ क्या है? उषा यानी भोर और पान यानी पीना। इसका मतलब है कि सुबह के समय जब प्रकाश फैल चुका होता है, लेकिन अब तक सूर्योदय नहीं हुआ होता है। उषापान का यही समय सही माना जाता है। वैसे भी आयुर्वेद में ब्रह्म मुहूर्त में जागने की सलाह देता है, जो सूर्योदय से लगभग 96 मिनट पहले होता है।

इसे भी पढ़ें : आयुर्वेद से जुड़े इन 7 नियमों का पालन करेंगे तो पाचन तंत्र हमेशा रहेगा दुरुस्त

उषापान के फायदे

पाचन दुरुस्त करे: उषापान शरीर के पाचन पाचन अग्नि को बढ़ावा देता है, जिससे इसे मजबूती मिलती है। विशेषज्ञ सलाह देते हैं कि अगर आप तांबे के बर्तन में उषापान करते हें, तो शरीर के लिए यह काफी फायदेमंद है। आयुर्वेद में आंत से संबंधित समस्या को ग्रहणी रोग माना गया है। ग्रहणी रोग में अमा दोष मुख्य कारण होता है। अमा दोष अपच या खराब पाचन के कारण होता है। ऐसे में अगर आप उषापान करते हैं, इससे पाचक अग्नि मजबूत होती है, जिससे भोजन के पचने की क्षमता बेहतर होती है।

इसे भी पढ़ें : इन 5 आयुर्वेदिक वेट लॉस पाउडर से वजन होगा कम, जानें घर पर बनाने का तरीका

वजन कम करता है: उषापान के दौरान तांबे के लोटे में रखा पानी पीने से वजन कम करने में मदद मिलती है। दरअसल, जब आप लंबे समय तक तांबे के बर्तन में पानी रखते हैं और सुबह भोर होते ही, उस पानी को पीते हैं, तो इससे शरीर का कफ दोष कम होता है। इस तरह शरीर की चर्बी कम होने में मदद मिलती है। असल में, उषापान तीन तरह के दोषों को कंट्रोल करने में मदद करता है। साथ ही यह पाचक अग्नि को उत्तेजित करने का काम करता है, जिससे पाचन दुरुस्त रहता है और फैट भी कम होता है।

यूटीआई और किडनी के लिए लाभकारी: जो लोग नियमित रूप से उषापान करते हैं, उन्हें यूटीआई से राहत मितली हैं। दरअसल, जिन लोगों के किडनी में स्टोन है या जो लोग बार-बार यूटीआई से परेशान रहते हैं, उनके लिए यह विशेषकर काफी फायदेमंद है। इसके क्लीनसिंग इफेक्ट बहुत प्रभावशाली है, जो बार-बार होने वाले मूत्र संक्रमण यानी यूटीआई से भी बचाव करता है

शरीर से टॉक्सिन बाहर निकाले: उषापान के लिए आप तांबे के बर्तन में रखे पानी का सेवन करें। इससे आपके शरीर में मौजूद टॉक्सिन यानी विषाक्त तत्वों को खत्म कर मूत्र के रास्ते बाहर निकाल देता है। नतीजतन कई अन्य बीमारियां भी खत्म होती हैं जैसे कब्ज, एसिडिटी बनना आदि। इसके अलावा, उषापान करने से त्वचा पर भी इसका सकारात्मक प्रभाव देखने को मिलता है।

image credit : freepik

Disclaimer

Tags

Ayurved