याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए रोज करें स्वस्तिकासन योग, स्टूडेंट्स और बूढ़े लोगों के लिए है बहुत फायदेमंद

स्वस्तिकासन योग करने के कई फायदे हैं। इससे मन को एकाग्र और दिमाग को स्थिर करने में मदद मिलती है।
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याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाने के लिए रोज करें स्वस्तिकासन योग, स्टूडेंट्स और बूढ़े लोगों के लिए है बहुत फायदेमंद


योग और ध्यान की परंपरा हमारे देश में सदियों से बनी हुई है। इसके अनगिनत लाभ मिलते हैं, जो एक स्वस्थ जीवनशैली के लिए काफी अहम माना जाता है। इसके नियमित अभ्यास से आप कई तरह की बीमारियों से बच सकते हैं। साथ ही अपने मन-मस्तिष्क को तरोजाता रख सकते हैं। आज के समय में बैलेंस बनाकर चलना बेहद जरूरी है। ऐसा ही एक योगासन है स्वस्तिकासन या स्वास्तिकासन योग। इसकी मदद से विद्यार्थिओं और बुजुर्गों को मानसिक शांति और एकाग्रता बनाए रखने में मदद मिलती है। इसकी मदद से बच्चों को पढ़ाई में मन भी लगता है। मन में अगर किसी तरह की दुविधा या डर है, तो इस योग के अभ्यास से आपको काफी फायदा मिलता है। इससे आपके पाचन तंत्र और पेट से जुड़ी समस्याओं में भी आराम मिलता है। इससे सांस की समस्या में भी राहत मिलती है। आइए विस्तार से जानते है इस योग के फायदे और अभ्यास करने के तरीके के बारे में। 

स्वस्तिकासन के फायदे

1. याददाश्त और एकाग्रता बढ़ाए

जब आप अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा कर बैठते हैं, तो उस समय ऊर्जा का प्रवाह आपके मस्तिष्क की ओर होता है। इससे आपके मस्तिष्क की नसों को आराम मिलता है। नर्व्स सिस्टम शांत होने पर आपकी याददाश्त तेज करने और एकाग्रता बढ़ाने में मदद मिलती है। इससे बेहतर मन को शांत करने और गलत भावनाओं को दूर करने में भी मदद मिलती है।

2. पाचन तंत्र सही करे

इस योगासन के अभ्यास से पाचन तंत्र को सही करने में मदद मिलती है। इस योगासन की मदद से भोजन को अच्छे से पचाने अच्छे से होता है। साथ ही गैस, कब्ज और अपच की समस्या में आराम मिलता है।

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Image Credit- Freepik 

3. सांस की तकलीफ में राहत

इस मुद्रा में आपकी सांस की नली में ऑक्सीजन का प्रवाह बेहतर ढंग से होता है। साथ ही इससे सांस की समस्याओं और अस्थमा के लक्षणों में भी राहत मिलती है। हालांकि इसके लिए आपको यह अभ्यास लंबे समय तक करना पड़ता है।

4. कमर के दर्द में राहत

स्वस्तिकासन योग में हम अपनी रीढ़ की हड्डी को बिल्कुल सीधा करके बैठते हैं, जिसकी मदद से आपको कमर के दर्द और रीढ़ की हड्डी के दर्द में भी आराम मिलता है। इससे आपके पाश्चर में भी सुधार होता है।

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स्वस्तिकासन योग करने का तरीका

1. योग मैट पर सुखासन की मुद्रा में बैठ जाएं।

2. दोनों पैरों को योग मैट पर सामने की ओर सीधा कर लें।

3. पैरों के बीच थोड़ा सा अंतर बनाएं रखें।

4. अब बाएं पैर को घुटने से मोड़ें।

5. बाएं पैर का तलवा दाईं जांघ के अंदर की ओर आ जाए।

6. दाएं पैर को घुटने से मोड़ें।

7. पैर को जांघ और बाएं पैर की पिंडली के बीच रखें।

8. दोनों हाथ की हथेलियों को दोनों घुटनों पर रख लें।

9. रीढ़ की हड्डी एकदम सीधी रहेगी।

10. सांसों को धीरे-धीरे लें और फिर बाहर छोड़ें।

11. इस योगासन को आप 10 मिनट तक कर सकते हैं।

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Image Credit- Freepik 

सावधानियां

1. रीढ़ की हड्डी में दर्द होने पर इस योगासन को करने से बचें।

2. डायरिया होने पर इसका अभ्यास न करें।

3. गर्दन या कंधे में दर्द होने पर आसन करते समय हाथ को अधिक ऊपर न उठाएं।

4. बीमार होने पर इस अभ्यास को न करें।

5. शुरुआत में इस अभ्यास को ट्रेनर की देखरेख में ही करें।

इस योगासन को करने से पहले आप सुखासन, बद्ध कोणासन और ताड़ासन कर सकते हैं। स्वस्तिकासन करने के बाद आप शरीर को आराम देने के लिए शवासन का अभ्यास कर सकते हैं। इस योग की मदद से आपको शरीर को बैलेंस करने और दिमाग को स्थिर करने में मदद मिलती है।

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