हर माता-पिता की ख्वाहिश होती है कि उनका बच्चा स्वस्थ, मजबूत और तंदरुस्त दिखे। लेकिन कई बच्चों का वजन उम्र के हिसाब से कम होता है, जिससे माता-पिता चिंतित हो जाते हैं। ऐसे में यदि आप बच्चे का वजन बढ़ाने के लिए कोई प्राकृतिक, सुरक्षित और स्वादिष्ट उपाय ढूंढ़ रहे हैं, तो किशमिश (Raisins) एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। किशमिश न केवल स्वादिष्ट होती है, बल्कि यह पोषण से भरपूर एक सुपरफूड भी है। इस लेख में यशोदा अस्पताल की पीडियाट्रिक्स डॉ दीपिका रुस्तगी से जानते हैं कि किशमिश बच्चों के लिए कैसे फायदेमंद है, वजन बढ़ाने में कैसे मदद करती है, और इसे बच्चों को खिलाने के सही तरीके क्या हैं।
बच्चों का वजन बढ़ाने में किशमिश कैसे मदद करती है? - Benefits Of Raisins To Increase Children Weight In Hindi
किशमिश सूखे अंगूर होते हैं जो प्राकृतिक रूप से मिठास और पोषण से भरपूर होते हैं। इनमें भरपूर मात्रा में आयरन, पोटैशियम, कैल्शियम, मैग्नीशियम, फाइबर और प्राकृतिक शुगर (ग्लूकोज और फ्रक्टोज़) पाई जाती है। आगे जानते हैं कि बच्चे के शरीर के लिए किशमिश के क्या फायदे होते हैं।
एनर्जी प्रदान करें
किशमिश में प्राकृतिक शुगर की मात्रा अधिक होती है, जिससे यह तुरंत ऊर्जा देती है। जो ज्यादातर बच्चे दिन भर एक्टिव रहते हैं, उनके लिए यह एक बेहतरीन स्नैक है। किशमिश उन्हें थकावट से बचाती है और एनर्जी बनाए रखती है।
हेल्दी कैलोरीज का अच्छा स्रोत
किशमिश में हेल्दी कैलोरी होती हैं, जो बिना नुकसान पहुंचाए बच्चे का वजन बढ़ाती हैं। ये फालतू फैट या जंक फूड की तरह नुकसान नहीं करतीं।
पाचन क्रिया को मजबूत बनाती है
अगर बच्चे का पाचन कमजोर है, तो उसे वजन बढ़ाने में परेशानी होती है। किशमिश में फाइबर की मात्रा अधिक होती है, जो पाचन सुधारती है और भूख बढ़ाने में मदद करती है।
रक्त की कमी न होने दें
किशमिश में आयरन होता है, जो खून की गुणवत्ता को बेहतर बनाता है। इससे बच्चों को एनीमिया जैसी समस्याओं से भी बचाया जा सकता है, और शरीर को सही विकास के लिए जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।
हड्डियों को बनाती है मजबूत
कैल्शियम और मैग्नीशियम जैसे मिनरल्स किशमिश में पाए जाते हैं, जो हड्डियों और दांतों के विकास में सहायक होते हैं। जब शरीर मजबूत बनता है, तो वजन भी स्थिर रूप से बढ़ता है।
बच्चों को किशमिश कैसे खिलाएं?
भिगोकर खिलाएं (भीगी हुई किशमिश)
भीगी हुई किशमिश बच्चों के लिए सबसे फायदेमंद होती है। इससे यह नरम हो जाती है और पाचन में भी आसान होती है। रात को 6-8 किशमिश साफ पानी में भिगो दें। सुबह खाली पेट या नाश्ते के साथ बच्चे को दें। करीब 1 साल से बड़े बच्चों को इसे आसानी से दिया जा सकता है।
दूध में मिलाकर
किशमिश को दूध में मिलाकर देने से बच्चे को डबल पोषण मिलता है। दूध से प्रोटीन और कैल्शियम और किशमिश से विटामिन्स व मिनरल्स बच्चे को मिलते हैं। इससे बनाने के लिए आपको 5-6 किशमिश को दूध में उबाल लें। थोड़ा ठंडा करके बच्चे को दें।
स्मूदी या खीर में मिलाएं
बच्चे अगर सीधे किशमिश नहीं खाते हैं, तो उन्हें स्मूदी, खीर, सेवई या दलिया में मिलाकर दिया जा सकता है।
ड्राई फ्रूट मिक्स बनाकर दें
किशमिश को बादाम, अखरोट और अंजीर के साथ मिलाकर एक हेल्दी ड्राई फ्रूट मिक्स बनाया जा सकता है। यह बच्चों के लिए एक हेल्दी स्नैक बन सकता है।
बच्चों को रोजाना कितनी किशमिश दे सकते हैं?
अगर बच्चा 5 साल से कम उम्र का है तो उसे आप रोजाना 3 से 4 किशमिश दे सकते हैं। वहीं पांच से आठ साल तक के बच्चों को आप 5 से 6 तक किशमिश का सेवन करा सकते हैं। ध्यान रहे कि अत्यधिक मात्रा में किशमिश देना बच्चे के पेट को भारी कर सकता है या डायरिया की समस्या उत्पन्न कर सकता है।
इसे भी पढ़ें: रोज किशमिश खाने से गट हेल्थ को मिलते हैं ये 5 फायदे, जानें इनके बारे में
किशमिश एक साधारण लेकिन अत्यधिक पोषक तत्वों से भरपूर आहार है, जो बच्चों के वजन बढ़ाने में मदद कर सकता है। इसका नियमित, संतुलित और सही तरीके से सेवन बच्चों को न केवल शारीरिक रूप से मजबूत बनाता है, बल्कि उनकी रोग प्रतिरोधक क्षमता भी बढ़ाता है। अगर आप अपने बच्चे के वजन को बढ़ाने के लिए एक प्राकृतिक, सस्ता और असरदार उपाय खोज रहे हैं, तो किशमिश को आज ही अपने बच्चे के डाइट में शामिल करें।
FAQ
क्या बच्चे रोज किशमिश खा सकते हैं?
किशमिश और आलूबुखारा जैसे सूखे फल आपके बच्चे के लिए एक स्वस्थ नाश्ता हो सकते हैं। इनमें फाइबर और एंटीऑक्सीडेंट भरपूर मात्रा में होते हैं, और ये आयरन और पोटैशियम का एक अच्छा स्रोत हो सकते हैं।किशमिश कब नहीं खानी चाहिए?
जिन लोगों को डायबिटीज की समस्या होती है उनको किशमिश खाने से बचना चाहिए।दूध और किशमिश कब खाना चाहिए?
दूध में भिगोकर किशमिश खाने का सबसे अच्छा समय सुबह खाली पेट होता है। रात को सोने से पहले एक गिलास गर्म दूध में कुछ किशमिश भिगो दें और सुबह खाली पेट दूध के साथ किशमिश खा लें। इससे सेहत को कई फायदे मिलते हैं, जैसे कि पाचन में सुधार, आयरन की कमी दूर होना, और हड्डियों को मजबूत बनाना।