गर्भवती महिलाओं को मुफ्त इलाज कैसे मिल सकता है? कोरोना काल के चलते बीते एक साल से परिवारों की आर्थिक स्थिति बेहद खराब हालातों में है। गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार से आने वाले लोगों के लिए इलाज का खर्च उठा पाना भी मुश्किल है ऐसे में अगर सरकारी योजनाओं की जानकारी हो तो जरूरतमंदों को परेशान नहीं होना पड़ेगा। ऐसी ही एक योजना है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान। ये योजना गर्भवती महिलाओं के लिए बनाई गई है। कोविड 19 के दौरान इसकी महत्वता और भी बढ़ गई है क्योंकि इस अभियान के तहत प्रसव पूर्व देखभाल सुनिश्चित की जाती है। अगर कोई महिला डिलीवरी से पहले किसी बीमारी या खतरे का शिकार है तो उसे समय रहता चिन्हित कर लिया जाता है। ये योजना साल 2016 में शुरू की गई थी पर इन दिनों इस योजना की जानकारी होनी जरूरी है ताकि जो लोग प्राइवेट अस्पतालों के महंगे इलाज करवाने में सक्षम नहीं हैं वो योजना के तहत मुफ्त इलाज ले पाएं। योजना के तहत महिलााओं को हाई रिस्क प्रेगनेंसी के खतरे बचाया जाता है, उनकी हीमोग्लोबिन, थॉयराइड, बीपी, एचआईवी जैसी जरूरी जांचें मुफ्त में की जाती है। इस योजना के फायदे जानने के लिए हमने लखनऊ के झलकारीबाई अस्पताल की चिकित्सा अधीक्षिका और गाइनोकॉलोजिस्ट डॉ दीपा शर्मा से बात की।
क्या है प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान? (Pradhan Mantri Surakshit Matritva Abhiyan)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान में हर महीने की नवीं तारीख को प्रेगनेंट महिलाओं को प्रसव पूर्व चेकअप, मुफ्त जांचें औ दवा के साथ योजनाओं की जानकारी और इलाज मुहिया करवाया जाता है। योजना के तहत सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर गर्भावस्था के चौथे माह से प्रसव पूर्व सेवाएं दी जाती हैं। इस अभियान को मातृ मृत्यु दर कम करने के उद्देश्य से बनाया गया है।
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कोरोना काल में मातृत्व अभियान की क्या महत्वता है? (Importance of PMSMA during COVID 19)
कोरोना काल में हमने देखा कि कई अनवांटेड प्रेगनेंसी के आंकड़ें काफी ज्यादा हैं ऐसे में जिन महिलाओं को डिलीवरी से पहले कोई समस्या आती है उन्हें पहले ही चिन्हित कर लिया जाएगा इसलिए भी इस योजना की महत्वता कोविड के दौरान बढ़ गई है दूसरा आर्थिक तंगी के दौरान लोगों के पास इलाज करवाने की क्षमता नहीं है ऐसे में ये योजना मुफ्त इलाज मुहिया करवाने में सक्षम है। इस समय अस्पतालों में कोरोना के मरीजों के चलते भीड़ है ऐसे में इस योजना के तहत अगर गर्भवती को रेफर करना पड़े तो वो सुविधा भी मिल जाती है।
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गर्भावस्था में महीने की हर 9 तारीख को मुफ्त इलाज (Free health checkup on every 9th)
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान का फायदे उठाना चाहती हैं तो हर माह की 9 तारीख को सरकारी अस्पताल या पीएचसी और सीएचसी पहुंचें। इस दिन मातृत्व अभियान के तहत एचआरपी डे यानी हाई रिस्क प्रेगनेंसी डे मनाया जाता है। इन दिन अस्पताल में चेकअप के लिए आई महिलाओं में से हाई रिस्क प्रेगनेंसी केस को ढूंढकर इलाज दिया जाता है। इस दिन अस्पताल में प्री-डिलीवरी केयर मुफ्त में की जाती है। अभियान के तहत हाई रिस्क प्रेगनेंसी केसों का पंजीकरण किया जाता है और प्रेगनेंट महिलाओं का वजन, बीपी, खून, थायरॉइड, एचआईवी की जांचें मुफ्त में की जाती हैं और दवा भी नि:शुल्क मिलती है। इसके अलावा हर 9 तारीख को महिलाओं को सुरक्षित प्रसव पर जानकारी दी जाती है और योजनाओं के फायदे बताए जाते हैं।
प्रधानमंत्री सुरक्षित मातृत्व अभियान के फायदे (Benefits of PMSMA)
- 1. इस योजना को अपनाने से मातृ मृत्यु दर में गिरावट आएगी और होने वाला बच्चा भी स्वस्थ्य होगा।
- 2. गर्भवती महिलाएं योजना के तहत मुफ्त जांच का लाभ उठा पाएंगी।
- 3. गर्भवस्था में एनीमिया, डायबिटीज, हाई ब्लड प्रेशर, संक्रमण आदि का पता चल जाएगा।
- 4. पंजीकरण की मदद से हर महीने मुफ्त चेकअप की सुविधा मिलेगी।
- 5. ज्यादा गंभीर केस होने पर बड़े अस्पताल रेफर किए जाने की सुविधा मिलेगी।
- 6. ये योजना उन महिलाओं के लिए फायदेमंद है जो आर्थिक रूप से कमजोर हैं पर सभी वर्ग की महिलाएं इस योजना का लाभ उठा सकती हैं जो गर्भावस्था के दौर में हैं।
सिंगल विंडो सिस्टम के तहत मिलता है इलाज (Single window approach)
डॉ दीपा ने बताया कि योजना के तहत हम अस्पताल में सिंगल विंडो अप्रोच बनाते हैं मतलब एक ही जगह पर गर्भवती महिलाओं को सारी सुविधाएं मुहिया करवा दी जाती हैं। सिंगल विंडो में गर्भवती महिलाओं के वजन, बीपी थॉयरॉइड आदि की जांचें की जाती है और संतुलित आहार की सलाह भी देते हैं। इसके अलावा महिलाओं को निर्धारित समय पर जांच कराने, संस्थागत प्रसव, गर्भावस्था के दौरान होने वाले खतरे के चिन्ह, परिवार नियोजन, वाहन सुविधा, जननी शिशु सुरक्षा योजना की जानकारी भी दी जाती है। उच्च जोखिम मरीजों को चिन्हित कर उनकी स्क्रीनिंग करते हैं।
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योजना के तहत रजिस्ट्रेशन करवाने के फायदे (PMSMA registration benefits)
ये योजना शहर और ग्रामीण दोनों क्षेत्र की महिलाओं पर लागू होती है। विशेष तौर पर सरकार ने ये योजना कमजोर वर्ग के लिए बनाई है जिनके घरों में कुपोषण के चलते मां और बच्चा दम तोड़ देते हैं। इलाज के अभाव में कोई अपनी जान न गंवाए इसलिए लोगों को इस योजना के बारे में पता होना जरूरी है। योजना के अंतर्गत महिला को कार्ड दिया जाता है जिसे दिखाकर वो किसी भी सरकारी स्वास्थ्य केंद्र में जाकर डिलीवरी करवा सकती हैं। योजना के तहत गर्भवती महिलाओं का रजिस्ट्रेशन कर लिया जाता है जिसमें उनके स्वास्थ्य से जुड़ी सारी जानकारी होती है ताकि जब तो दोबारा अस्पताल में आएं तो उन्हें फिर से अपनी जानकारी डॉक्टर को न बतानी पड़े। पंजीकरण के साथ महिलाओं को एक कार्ड दिया जाता है जिसे उन्हें हर बार जांच के साथ लाने को कहा जाता है। अभियान के तहत महिलाओं को स्टिकर भी दिया जाता है। हरे स्टिकर का मतलब है प्रेगनेंट महिला खतरे से बाहर है। लाल स्टिकर हाई रिस्क प्रेगनेंट महिलाओं को दिया जाता है वहीं नीला स्टिकर यानी प्रेगनेंसी के साथ हाइपरटेंशन वहीं पीला स्टिकर गर्भावस्था में डायबिटीज, हाइपोथायरायडिम्स, एसटीआई होने पर दिया जाता है।
ज्यादा जानकारी के लिए आप इस योजना की सरकारी वेबसाइट pmsma.nhp.gov.in पर जा सकते हैं या टोल फ्री नंबर 18001801104 से भी योजना की जानकारी मिल जाएगी। आप नजदीक के सरकारी स्वास्थ्य अस्पताल से भी योजना की जानकारी ले सकते हैं।
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