क्या आप जानते हैं केमिकल प्रेगनेंसी क्या होती है? केमिकल प्रेगनेंसी में प्रेगनेंसी तो कंफर्म हो जाती है पर आप मां नहीं बन पातीं। कई महिलाओं में ये समस्या होती है। इस तरह की प्रेगनेंसी में डॉक्टर देखते हैं कि प्रेगनेंसी अर्ली स्टेज में कंफर्म हुई या नहीं अगर जल्दी कंफर्म हो जाता है तो कुछ दिन बाद दोबारा अल्ट्रासाउंड या टेस्ट फिर से किए जाते हैं। कुछ मामलों में डॉक्टर एबॉर्शन कर देते हैं। ये प्रेगनेंसी जल्दी खत्म हो जाती है इसलिए इसे अल्ट्रासाउंड के जरिए भी पता लगाना मुश्किल होता है। चलिए जानते हैं केमिकल प्रेगनेंसी के लक्षण, कारण और ट्रीटमेंट। ज्यादा जानकारी के लिए हमने लखनऊ के डफरिन अस्पताल की प्रमुख चिकित्सा अधीक्षिका डॉ सुधा वर्मा से बात की।
1. क्या होती है केमिकल प्रेगनेंसी? (What is chemical pregnancy)
केमिकल प्रेगनेंसी एक कंडीशन है जिसमें आप अगर प्रेगनेंसी का पता लगाने के लिए टेस्ट किट का इस्तेमाल करती हैं तो बहुत पतली लकीर बनती है जिससे कंफ्यूजन रहता है कि प्रेगनेंसी है या नहीं। कंफर्म करने के लिए जब आप अल्ट्रासाउंड करवाती हैं तो उसमें टेस्ट नेगेटिव निकलता है। इसे मेडिकल भाषा में अनएक्सप्लेन प्रेगनेंसी भी कहते हैं।
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2. केमिकल प्रेगनेंसी होने पर क्या होता है? (Situation after chemical pregnancy)
छह सप्ताह में भ्रूण विकसित होने लगता है और फीटस की धड़कन आ जाती है पर केमिकल प्रेगनेंसी होने पर भ्रूण विकसित नहीं हो पाता। 5 हफ्ते में प्रेगनेंसी अपने आप खत्म हो जाती है। केमिकल प्रेगनेंसी को कंफर्म करने के लिए डॉक्टर अल्ट्रासाउंड करते हैं और रिपोर्ट आने पर पता चलता है कि आप वाकई प्रेगनेंट हैं या नहीं।
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3. क्यों होती है केमिकल प्रेगनेंसी? (Causes of chemical pregnancy)
केमिकल प्रेगनेंसी के कई कारण हो सकते हैं। यूट्रस की लाइनिंग में अगर कोई दिक्कत है तो केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है। हॉर्मोन का लेवल अगर लगातार गिरता है तो भी केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है। एग की क्वॉलिटी अच्छी न होने पर या अगर एग ठीक से फर्टीलाइज न हो तो भी अनएक्सप्लेंड प्रेगनेंसी होती है। किसी तरह के इंफेक्शन के चलते भी ऐसा हो सकता है। अगर आप 35 की उम्र के बाद प्रेगनेंसी प्लान करती हैं तो भी आपको केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है। जिन महिलाओं को थॉयराइड, हीमोफीलिया जैसी बीमारी है उन्हें भी केमिकल प्रेगनेंसी हो सकती है।
4. केमिकल प्रेगनेंसी के क्या संकेत हैं? (Symptoms of chemical pregnancy)
अगर आपको केमिकल प्रेगनेंसी है तो इसमें पहले तो टेस्ट पॉजिटिव आता है और तुरंत नेगेटिव आता है। केमिकल प्रेगनेंसी में ब्लीडिंग होना जरूरी नहीं है पर कुछ महिलाओं को ब्लीडिंग का अनुभव हो चुका है इसलिए ब्लीडिंग को भी केमिकल प्रेगनेंसी का एक कारण मानें। पीरियड्स या पेट में दर्द जैसी ऐंठन भी केमिकल प्रेगनेंसी के संकेत हो सकते हैं। केमिकल प्रेगनेंसी एक संकेत ये भी है कि आपका टेस्ट पॉजिटिव आने पर एचसीजी हॉर्मोन का लेवल रिपोर्ट में कम आया हो।
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5. केमिकल प्रेगनेंसी का इलाज क्या है? (Treatment of chemical pregnancy)
कुछ महिलाओं को लगता है कि केमिकल प्रेगनेंसी के बाद हो फिर से प्रेगनेंट नहीं हो पाएंगी जबकि ऐसा नहीं है। बीटा एचसीजी टेस्ट और खून की जांच के जरिए केमिकल प्रेगनेंसी का पता लगाया जाता है। अगर आपको केमिकल प्रेगनेंसी हो चुकी है तो आपको कुछ टेस्ट करवाने पड़ सकते हैं जैसे अल्ट्रासाउंड या सीटी स्कैन क्योंकि डॉक्टर इसका कारण जानकर ही आपकी मदद ले पाएंगे ताकि आपके साथ दोबारा ऐसा न हो। केमिकल प्रेगनेंसी होने पर डॉक्टर आपको एंटीबॉयोटिक दवा दे सकते हैं ताकि अगर प्रेगनेंसी हुई है तो बॉडी में किसी तरह का कोई संक्रमण न रहे, कुछ रेयर केस में यूट्रस में गड़बड़ी के चलते सर्जरी करवानी पड़ सकती है। वहीं कुछ केस में आपको अबॉर्शन भी करवाना पड़ सकता है।
आपको भी ऐसे लक्षण नजर आते हैं तो गाइनोकॉलोजिस्ट से संपर्क करें।
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