
इंटरनेट पर लोगों की निर्भरता इतनी बढ़ गई है कि वे सेल्फ मेडिटेशन की आदत को अपना रहे हैं। उन्हें अति व्यस्तता, अधूरी जानकारी और बढ़ती महंगाई के इस दौर में यह एक अच्छा विकल्प लगता है। वे इस बात से अनजान रहते हैं कि डॉक्टर की सलाह के बिना किसी भी दवाई का सेवन करने की आदत गंभीर बीमारियों को जन्म दे सकती है। आज हम इस लेख के माध्यम से आपको बताएंगे कि किस तरह की दवाइयों का ज्यादा सेवन करने से हमारे शरीर को नुकसान पहुंच सकता है। पढ़ते हैं आगे...
पेन किलर
पेन किलर की जरूरत
- जोड़ों के दर्द,
- दुर्घटना में चोट लगने पर,
- जलने या कटनी की अवस्था में,
अगर इस तरह की स्थिति पैदा होती है तो लोग दर्द में राहत के लिए पेन किलर का प्रयोग करते हैं।
पेन किलर के साइड इफेक्ट
बता दें कि पेन किलर दवाइयों में एडिक्टिव तत्व पाए जाते हैं। अगर इन दवाइयों का लंबे समय तक सेवन किया जाए तो इसकी शरीर को आदत हो जाती है। साथ ही यह लीवर और किडनी की सेहत के लिए बेहद नुकसानदेह है। इन दवाइयों से ब्रेन हेमरेज होने का खतरा भी बढ़ता है और यह खून को भी पतला करती हैं। अगर किसी इंसान को पेन किलर से साइड इफेक्ट हो जाए तो उसे गैस की समस्या, पेट में तेजी से दर्द, लूज मोशन, जी मिचलाना आदि लक्षण नजर आने शुरू हो जाते हैं।
कफ सिरप
कफ सिरप की जरूरत
- गले में दर्द और खराश,
- छाती में जकड़न,
- खांसी के साथ कफ या सूखी खांसी,
बिना डॉक्टर की सलाह के कफ सिरप लेना उचित नहीं है। अगर आपको मामूली खांसी है तो आप गुनगुने पानी में नमक मिलाकर गरारे कर सकते हैं। इसके अलावा अदरक और तुलसी के काढ़े का सेवन भी कर सकते हैं।
कफ सिरप के साइड इफेक्ट
बता दें कि जिन लोगों को कफ सिरप से साइड इफेक्ट होने लगते हैं। उनमें सुस्ती, याददाश्त में कमी, घबराहट, हाई ब्लड प्रेशर, दिल की धड़कन अनियमित होना, नोजिया आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
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लैक्जेटिव मेडिसिन
जानें इसकी जरूरत
इन दवाओं की मदद से कब्ज की समस्या दूर की जाती है। इसके अलावा सर्जरी या डिलीवरी से पहले पेट साफ करने के लिए डॉक्टर इन दवाइयों का सेवन करने की सलाह देते हैं।
लैक्जेटिव मेडिसिन के साइड इफेक्ट
अगर इन दवाइयों का सेवन लंबे समय तक किया जाए तो पेट में दर्द, लूज मोशन, किडनी में स्टोन, डिहाइड्रेशन, हार्ट की मसल्स का कमजोर हो जाना आदि लक्षण देखने को मिलते हैं।
सलाह- डॉक्टर पीड़ित को खूब पानी पीने की सलाह देते हैं। मरीज अपनी डाइट में अमरूद पपीता जैसे फाइबर युक्त फलों और हरी सब्जियों को शामिल कर सकता है। इसके अलावा आप ब्रेकफास्ट में स्प्राउट, दलिया, उपमा आदि को जोड़ सकते हैं।
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एंटीबायोटिक्स
ध्यान दें कि यदि किसी को बुखार या किसी तरह की एलर्जी हो जाती है तो उसे ऐसे दवाइयां दी जाती हैं जो बैक्टीरिया और फंगस को नष्ट कर देती है।
एंटीबायोटिक्स के साइड इफेक्ट
त्वचा में एलर्जी, लूज मोशन जैसी समस्याएं लोगों में देखने को मिलती है। अगर कोई व्यक्ति इनका लंबे समय तक सेवन करें तो उस व्यक्ति की रोग प्रतिरोधक क्षमता कमजोर हो जाती है क्योंकि इन दवाइयों से वायरस और बैक्टीरिया अपना रेंजिस्टेंस बढ़ा लेते हैं, जिससे उन पर किसी भी तरह की दवाई का असर नहीं होता। एंटीबायोटिक्स के कारण अच्छे बैक्टेरिया भी खत्म होने शुरू हो जाते हैं।
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